भ्रष्ट डीईओ के कैशलोक पर सियासत, कांग्रेस की मांग- नीतीश कुमार सभी DEO की संपत्ति जांच कराएं
- डीईओ रंजनीकांत के ठिकानों से करोड़ों कैश मिलने पर कांग्रेस पार्टी नीतीश सरकार को घेरने की कवायद कर रही है। पार्टी के भागलपुर विधायक अजीत शर्मा ने कहा है कि राज्य के सभी डीईओ की संपत्ति की जांच होनी चाहिए सबके घर में ऐसा ही कैशलोक मिलेगा।
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बिहार के पश्चिम चंपारण के भ्रष्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के ठिकानों पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट की छापेमारी में लगभग ढाई करोड़ नगर बरामद किए गए और बड़ी संख्या में जमीन, निवेशऔर अन्य प्रकार की प्रॉपर्टी के कागजात मिले। इस पर अब राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी इस मसले पर नीतीश सरकार को घेरने की कवायद कर रही है। पार्टी के भागलपुर विधायक अजीत शर्मा ने कहा है कि राज्य के सभी डीईओ की संपत्ति की जांच होनी चाहिए सबके घर में ऐसा ही कैशलोक मिलेगा। इससे पहले तिरहुत एमएलसी बंशीधर व्रजवासी ने भी यही मांग उठाई। उन्होंने आरोप लगाया कि रजनीकांत के खिलाफ जब उन्होंने आवाज उठाई तो हत्या करवा देने की धमकी दी थी
भागलपुर विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि बेतिया डीईओ की संपत्ति तो बानगी मात्र है। राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों के यहां ऐसा कैशलोक मिला है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में सरकारी राशि की लूट मची है। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से मांग किया कि सभी डीईओ की संपत्ति की जांच कराई जाए। कहा कि एक शिक्षा पदाधिकारी घर करोड़ों पाए गये। अगर सब कार्रवाई नहीं की गई तो बिहार आगे नहीं बढ़ेगा, बच्चे-बच्चियां आगे नहीं बढ़ेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर सरकार उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं करती है तो माना जाएगा कि सीएम पदाधिकारियों के कंट्रोल में हैं।
गुरुवार को विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने पश्चिम चंपारण के डीईओ रजनीकांत प्रवीण के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में गुरुवार को ताबड़तोड़ कार्रवाई की। उनके बेतिया, समस्तीपुर, दरभंगा और मधुबनी स्थित ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 2.50 करोड़ से अधिक नकद, लाखों के जेवरात तथा बड़ी संख्या में जमीन-जायदाद के साथ ही विभिन्न वित्तीय संस्थानों में निवेश से संबंधित कागजात बरामद हुए हैं। तलाशी में डीईओ अकूत संपत्ति के मालिक निकले हैं। रजनीकांत बिहार शिक्षा सेवा के पदाधिकारी हैं। उन्होंने 2005 में सेवा में योगदान किया था। 20 वर्ष की सेवा में इन्होंने वास्तविक आय से 74.30 अधिक की अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित कर ली है। एसवीयू ने इन पर 1 करोड़ 87 लाख 23 हजार रुपये का डीए केस दर्ज किया है।