नीतीश को मिले भारत रत्न, जेडीयू ने उठाई मांग; संजय झा बोले- बिहार को रसातल से निकाला
जेडीयू ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग की है। पूर्णिया में जदयू सम्मेलन में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार भारत रत्न से भी बड़े पुरस्कार के हकदार हैं। उन्होने बिहार को रसातल से निकाला है। बिहार को पहले विफल राज्य के तौर पर देखा जाता था।

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग की है। पूर्णिया में जदयू सम्मेलन में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार भारत रत्न से भी बड़े पुरस्कार के हकदार हैं। कुछ दशक पहले जो काम अविश्वसनीय था, नीतीश कुमार ने वो काम करके दिखाया है, बिहार को रसातल से निकाला है। बिहार को पहले विफल राज्य के तौर पर देखा जाता था। कोई मौका देने को तैयार नहीं था। राज्य में अफगानिस्तान जैसी स्थिति थी। लेकिन नीतीश कुमार ने उस अवधारणा को खत्म कर दिया।
संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने सबसे बड़ा काम उन लोगों की आकांक्षाओं को जगाना का किया, जिन्होंने एक वक्त हर चीज से समझौता करना सीख लिया था। खराब सड़कों, बिजली नहीं होने, महिलाओं की असुरक्षा, लापता होने की शिकायत तक नहीं की जाती थी। लड़कियों की शिक्षा, बुनियादी ढांचे का अभाव का अभाव था। एक विफल राज्य के तौर पर बिहार की अवधारणा थी। यह सब बदलना आसान नहीं था, लेकिन नीतीश कुमार पूरे फोकस के साथ कई मोर्चों पर मेहनत से काम करते रहे, और चीजें धीरे-धीरे बदलने लगीं।
उन्होने ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए उनका काम उल्लेखनीय है, क्योंकि इसने न केवल राज्य की आधी आबादी को मुख्यधारा में लाया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए महत्वाकांक्षी भी बनाया। आरक्षण से उन्हें नौकरियों, पंचायती राज संस्थानों और जीविका में अवसर मिला, जबकि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार ने माध्यमिक स्तर पर लिंग अंतर को समाप्त कर दिया है।
संजय झा ने कहा कि ऐसे ही नहीं बिहार की महिलाएं पूरी तरह से नीतीश कुमार के पीछे हैं। अगर आज पूरे देश में महिला मतदाताओं को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है, तो इसके लिए नीतीश कुमार अग्रणी रहे हैं।ग्रामीण प्रशासन में भी 50% से अधिक महिलाएं पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों के माध्यम चुनी जाती हैं, इसके अलावा 1.4 करोड़ महिलाएं जीविका से जुड़ी हैं। नीतीश कुमार ने महिलाओं के सशक्तिकरण का काम किया है।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब जेडीयू ने नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग उठाई है। अक्टूबर में भी जदयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के दौरान नीतीश कुमार को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (भारत रत्न) देने की मांग करते हुए पटना में पोस्टर लगाए थे। पोस्टर जेडीयू कार्यालय के बाहर लगे थे। इस साल बिहार के पूर्व सीएम और समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। हालांकि, विपक्षी आरजेडी भारत रत्न की मांग को नीतीश से कुर्सी खाली कराने की भाजपा की चाल बता रही है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, नीतीश कुमार भाजपा के दबाव में हैं, और ऐसी मांगें आती रहेंगी।