बिहार के बैंकों में साइबर ठगों ने भेजे सबसे ज्यादा पैसे, इन जिलों में ATM और चेक से निकला रहे रकम
- ठगी की राशि निकालने के लिए मुख्य रूप से म्यूल या फर्जी बैंक खातों का उपयोग किया जाता है। इन खातों को किसी दूसरे या फर्जी व्यक्ति की आधार संख्या या अन्य जरूरी दस्तावेज की मदद से खोले जाते हैं। ऐसे खाते बैंकों के स्तर से संचालित सीएससी (ग्राहक सेवा केंद्र) के स्तर पर बड़ी संख्या में खोले जाते हैं।

बिहार तेजी से देशभर में साइबर अपराध का हॉट स्पॉट बनता जा रहा है। इसी का नतीजा है कि देशभर में साइबर फ्रॉड के माध्यम से जितनी राशि ठगी जाती है, उसका सबसे बड़ा हिस्सा बड़ी संख्या में बिहार में क्रियाशील बैंक खातों में पहले भेजी जाती है। फिर ठगी गई यह राशि चेक और एटीएम के माध्यम से निकाली जाती है। चेक से राशि निकालने में चिह्नित किए गए हॉट स्पॉट जिलों में पटना, सीतामढ़ी एवं मुजफ्फरपुर प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त नरकटियागंज, अररिया, बेतिया, बरबीघा, सहरसा, सीवान, मोतिहारी समेत अन्य शहर शामिल हैं।
इसी तरह एटीएम से सर्वाधिक निकासी में पटना, नालंदा, पश्चिम चंपारण, नवादा, पूर्वी चंपारण, शेखपुरा, जमुई, गोपालगंज जिले शामिल हैं। हाल में पुलिस सप्ताह की शुरुआत के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत आई4सी (इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर) की तरफ से प्रस्तुत रिपोर्ट में इसका विस्तार से उल्लेख किया गया है। जितनी राशि साइबर ठगों के जरिए ऑनलाइन माध्यम से ठगी जाती है, उनमें करीब 35 फीसदी राशि की निकासी एटीएम, 31 प्रतिशत राशि चेक तथा अन्य तरीकों से 22 फीसदी राशि निकाली जाती है।
अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 तक निकासी
चेक के माध्यम से एटीएम से निकासी
● पटना में 5,16,44,361 पटना में 16,22,83,848
● सीतामढ़ी में 4,44,34,946 नालंदा में 3,57,83,016
● मुजफ्फरपुर में 1,61,51,967 पश्चिम चंपारण में 1,49,54,543,
● नरकटियागंज में 1,58, 06,910 नवादा में 1,25,14,915
● अररिया में 1,49,95,369 पूर्वी चंपारण में 98,31,058
(नोट सभी आंकड़े करोड़ रुपये में)
फर्जी बैंक खातों का उपयोग
ठगी की राशि निकालने के लिए मुख्य रूप से म्यूल या फर्जी बैंक खातों का उपयोग किया जाता है। इन खातों को किसी दूसरे या फर्जी व्यक्ति की आधार संख्या या अन्य जरूरी दस्तावेज की मदद से खोले जाते हैं। ऐसे खाते बैंकों के स्तर से संचालित सीएससी (ग्राहक सेवा केंद्र) के स्तर पर बड़ी संख्या में खोले जाते हैं। अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच आई4सी एवं ईओयू के स्तर पर की गई जांच में ऐसे फर्जी खातों की संख्या सर्वाधिक पटना में 2739, मुजफ्फरपुर में 459, गया में 369, भागलपुर में 337, बेतिया में 279 और बेगूसराय में 276 पाए गए हैं।
एफआईआर दर्ज कराने में बिहार का स्थान दूसरा
हालांकि इस पर नकेल कसने में भी सूबे के पुलिस महकमे में कार्यरत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 के स्तर से किए गए कार्य भी सराहनीय साबित हुए हैं। हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली करीब 98 फीसदी कॉल का जवाब तुरंत दिया गया है। पिछले वर्ष 47 हजार 670 शिकायतें आईं, जिनमें करीब 1500 एफआईआर दर्ज की गई है। यह देश में तेलंगाना के बाद दूसरा सर्वाधिक है।