सहरसा: बेटी के जन्म पर किया अनोखा स्वागत बना मिसाल
सिमरी बख्तियारपुर में एक पिता ने अपनी नवजात बेटी के जन्म का अनोखा स्वागत किया। उन्होंने अस्पताल से घर तक के सफर को उत्सव में बदल दिया। घर को सजाने के साथ ही ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ बेटी का...

बेटी के जन्म पर किया अनोखा स्वागत बना मिसाल सिमरी बख्तियारपुर नगरवासियों के दिलों को छू गई ये खुशी
पिता ने कहा वर्षों से घर में बेटी का था इंतजार
सिमरी बख्तियारपुर, निज संवाददाता। एक ओर जहां बेटियों के जन्म पर कई लोग मायूस हो जाते हैं वहीं दूसरी ओर एक पिता ने अपनी नवजात बेटी के जन्म एवं उसके घर आगमन को यादगारबना दिया। सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र के हटिया गाछी क्षेत्र के गलियों में खुशियों की गूंज, ढोल-नगाड़ों की ताल और आतिशबाजी की रौशनी से एक पिता ने अपनी नवजात बेटी का स्वागत इस कदर किया कि पूरा शहर देखता रह गया। नवजात बेटी के जन्म पर पिता नितेश कुमार ने अस्पताल से घर तक के सफर को एक उत्सव में बदल दिया। अस्पताल से घर तक ले जाने वाले वाहन को दुल्हन की तरह सजाया गया और ढोल-नगाड़ों के साथ मां-बेटी को गर्व और स्नेह के साथ घर लाया गया। घर पहुंचने पर जोरदार आतिशबाजी की गई और फूलों, रंग-बिरंगे बैलूनों से पूरे घर को सजाया गया, मानो लक्ष्मी स्वयं पधारी हों। नितेश ने बताया कई वर्षों के बाद हमारे घर में नन्हीं किलकारी गूंजी है। बेटी का आना हमारे लिए ईश्वर का वरदान है। बेटी ही वह धुरी है, जिससे मां, बहन, पत्नी जैसे अनमोल रिश्तों की शुरुआत होती है। उसके बिना सृष्टि अधूरी है। इस अनोखे जश्न ने पूरे शहर को भावुक कर दिया। हर कोई नितेश की इस पहल की सराहना कर रहा है। लोगों का कहना है कि यह समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने वाला एक प्रेरणादायक कदम है। परिवार वालों की मानें तो बेटी के आगमन से घर में मानो लक्ष्मी का वास हो गया हो। उनकी आंखों में खुशी के आंसू और दिल में गर्व साफ झलक रहा था। यह जश्न न सिर्फ एक बेटी के जन्म का था, बल्कि एक सोच का भी, जो समाज को नया नजरिया दे रही है—बेटी बोझ नहीं, गर्व होती है।
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