Jalalgarh Market Historical Growth and Ongoing Challenges बोले पूर्णिया : बाजार में रोशनी व पेयजल की हो व्यवस्था, दूर करें जलजमाव, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले पूर्णिया : बाजार में रोशनी व पेयजल की हो व्यवस्था, दूर करें जलजमाव

जलालगढ़ बाजार अंग्रेज के जमाने से विकसित हो रहा है। पहले यह लकड़ी का बाजार था, अब यहां 450 व्यवसायिक प्रतिष्ठान हैं। बाजार में जलजमाव, पेयजल की कमी और शौचालयों की कमी जैसी समस्याएं हैं। व्यवसायियों ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरWed, 30 April 2025 11:07 PM
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बोले पूर्णिया : बाजार में रोशनी व पेयजल की हो व्यवस्था, दूर करें जलजमाव

राष्ट्रीय राजमार्ग से सटा जलालगढ़ बाजार अंग्रेज के जमाने से है। पहले यह लकड़ी का बाजार था। यहां नेपाल के जंगल एवं मोरंग की फर्नीचर की बेशकीमती लकड़ियां मिलती थी। दूर-दूर से लोग फर्नीचर के लिए लकड़ी खरीदने आते थे। चाय-पान की दुकान के साथ विकसित होते-होते यह सीमांचल का एक विकसित बाजार बन गया। जलालगढ़ बाजार में अब 450 के करीब व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं। धीरे-धीरे जलालगढ़ मुख्यालय व्यवसाय का केंद्र हो गया। अब इसका फैलाव कम से कम 50 एकड़ में है। यहां सिर्फ रेडीमेड और कपड़े की 40 से अधिक दुकानें हैं। इन सबके बावजूद यहां भी समस्याओं की कमी नहीं है। जलजमाव, शौचालय, रोशनी आदि की कमी है। पेयजल का अभाव है। संवाद के दौरान बाजार के व्यवसायियों ने अपनी समस्या बताई।

04 सौ 50 हैं जलालगढ़ बाजार में व्यावसायिक प्रतिष्ठान

50 एकड़ में फैलाव है जलालगढ़ बाजार क्षेत्र का

40 से अधिक हैं रेडीमेड और कपड़े की दुकानें

पूर्णिया अररिया की सीमा पर अवस्थित जलालगढ़ बाजार तेजी से और बड़े क्षेत्र में विस्तृत हो गया है। कल तक एक पान की दुकान और एक मिठाई की दुकान वाला जलालगढ़ आज कम से कम 450 स्थाई व्यावसायिक प्रतिष्ठान वाला बाजार हो गया है। इसके अलावा गुदरी बाजार के रूप में रोज 1000 से अधिक फुटकर व्यवसाई इस बाजार में आकर अपनी दुकान पसार देते हैं और व्यवसाय कर जीविकोपार्जन करते हैं। जनसंख्या बढ़ी तो व्यवसाय भी बढ़ा। अचानक जलालगढ़ बाजार लगभग 50 से 60 एकड़ के क्षेत्रफल में विस्तृत हो गया। जिस हिसाब से जनसंख्या बढ़ी और व्यवसाय बढ़ता चला गया उस हिसाब से संसाधनों का विकास नहीं हो पाया।

दूर हो जलजमाव की समस्या :

अभी जलालगढ़ बाजार में जल जमाव सबसे बड़ी समस्या हो गई है तो अब तक जल निकासी की माकूल व्यवस्था नहीं हो पाई। यहां जल नल की सुविधा नहीं है जिसके कारण शुद्ध पेयजल भी नहीं मिल रहा है। पैसे वाले लोग तो डब्बा बंद पानी खरीद कर पी लेते हैं लेकिन गरीब आदमी पानी पीने के लिए तरस कर रह जाते हैं। कई दुकानदारों ने बताया कि अगर मार्केट में जन सुविधा बहाल हो जाए तो ग्राहकों को कोई परेशानी नहीं होगी और व्यवसाय करने वाले दुकानदारों की भी सुविधा बढ़ जाएगी। इतना ही नहीं हम लोगों का व्यवसाय भी काफी अधिक निखर जाएगा। कई व्यवसाईयों ने रात में रोशनी का रोना रोया तो कई व्यवसायी शौचालय और यूरिनल का रोना रो रहे थे। मार्केट करने आए कुछ लोगों ने तो सड़कों का भी रोना रोया।

दिल्ली से आने वाली ट्रेन का अंतिम पड़ाव था जलालगढ़:

यहां के लोग बताते हैं कि अंग्रेज के जमाने में छोटी रेल लाइन दिल्ली से चलकर बरौनी और कटिहार की तरफ से आने वाली रूट का अंतिम पड़ाव था। यहां से अररिया, फारबिसगंज और जोगबनी के रास्ते नेपाल तक जाने के लिए सिर्फ और सिर्फ सड़क मार्ग था। अंग्रेज के जमाने में लंबी दूरी की अथवा दूरी की सभी ट्रेन यहीं आकर रुकती थी। उस जमाने में जलालगढ़ रेलवे स्टेशन को वाटर स्टेशन कहा जाता था। लोग बताते हैं कि उस जमाने में वाष्प इंजन वाली ट्रेन चलती थी। उसमें कोयला पानी लगता था। यहां आने वाली ट्रेन कोयला डिपो से लेकर आती थी और यहीं से इंजन का फौजी भरकर जाती थी। इस कारण यहां ट्रेन का जमावड़ा होता था और लोगों की भी भीड़ लगती थी। जाहिर है जब लोगों की भीड़ होगी तो खाने पीने के समान से लेकर जरूरत के सारे सामान के लिए दुकान जरूरी है। इससे भी पूर्व जब यह इलाका नवाब जलालुद्दीन का होता था तो उनका किला था। जलालगढ़ के इस पौराणिक किला का आज भी अवशेष है जो दर्शनीय स्थल बनने के इंतजार में है। यह किला उस जमाने में फौजियों का प्रशिक्षण केंद्र हुआ करता था। आरंभिक काल में इस किला के कारण भी लोगों की आवाजाही होती थी तो धीरे-धीरे मार्केट बसना शुरू हो गया।

शिकायत:

1. जलालगढ़ बाजार की सबसे बड़ी समस्या जल जमाव

2. बड़ी जनसंख्या के लिए शुद्ध पेयजल का है अभाव

3. सामुदायिक शौचालय नहीं रहने से दुकानदार और ग्राहक परेशान

4. रात में रोशनी की नहीं है पर्याप्त सरकारी व्यवस्था

5. व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए रात्रि सुरक्षा प्रहरी नहीं

सुझाव:

1. दुकानदार और ग्राहक के लिए सामुदायिक शौचालय का निर्माण हो

2. बाजार में सुरक्षा के लिए रात्रि सुरक्षा प्रहरी की व्यवस्था हो

3. प्रत्येक चौक चौराहे पर हाईमास्ट लाइट की व्यवस्था हो

4. जल जमाव से मुक्ति के लिए जल निकासी की व्यवस्था हो

5. जाम से निजात के लिए मार्केट से बाहर टोटो स्टैंड बने

हमारी भी सुनें:

1. जलालगढ़ बाजार की सबसे बड़ी समस्या जाम की समस्या है जिससे निजात पाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा और रोड चौड़ीकरण कराना होगा।

पंकज कुमार

2. महिलाओं के लिए बाजार में सबसे पहले शौचालय और यूरिनल की व्यवस्था होनी चाहिए इससे महिला व्यवसायई और महिला ग्राहकों को बाजार में सुविधा होगी।

पूजा मांझ़ीवाल

3. अब पहले की अपेक्षा जलालगढ़ बाजार ज्यादा विकसित हो गया है, क्षेत्र विस्तार भी हो गया है। दुकानों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ी है तो सुविधाओं को भी बड़ा करना पड़ेगा।

रेखा देवी

4. बाजार में शाम के समय पुलिस गश्ती लगातार करनी चाहिए जिससे महिलाओं को निडर होकर बाजार मार्केटिंग करने में कोई और सुविधा न हो और अच्छे तरीके से मार्केटिंग कर घर लौट सकें।

पिंकी कुमारी

5. बाजार से लेकर रोड के अगल-बगल गलियों में अब स्मैक पीने वालों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। इससे बाजार आने वाले आम लोगों को परेशानी महसूस होती है और लोगों को डर लगता है।

आयुष आनंद

6. जलालगढ़ बाजार में हर चौक चौराहा पर शुद्ध पेयजल के साथ-साथ यूरिनल और शौचालय की व्यवस्था होना जरूरी है क्योंकि अब जनसंख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है और लोगों को काफी दिक्कत महसूस हो रही है।

शिवानंद पांडे

7. महंगाई कितना ज्यादा बढ़ गई है कि बाजार में किसी भी तरह का छोटा-मोटा व्यापार करना मुश्किल हो गया है और किसी तरह से अपना परिवार पलते हैं। सरकार को इस पर सोचना चाहिए।

मंगल ऋषि

8. आजकल जलालगढ़ बाजार में स्मैक पीने वालों की संख्या और धूम्रपान करने वालों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है और इसमें सबसे अधिक युवा वर्ग ही फंसता जा रहा है।

आर्यन कुमार

9. जलालगढ़ बाजार का विस्तार काफी ज्यादा हो गया है। यहां पर वाहनों की संख्या भी काफी ज्यादा हो गई है। इसके लिए पार्किंग की जरूरत है। प्रशासन को पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए।

अशोक चौधरी

10. जलालगढ़ बाजार काफी ज्यादा घना हो गया है और यहां व्यवसाय अब देर संध्या तक चलता है जिसके लिए पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था जरूरी है। सभी चौक चौराहा पर हाई मास्ट लाइट अविलंब लगना चाहिए।

अनिल जोशी

11. बाजार में अब रोजाना गुदरी हटिया लगने लगा है जिससे बाजार में काफी भीड़ भाड़ हो जाती है और इससे जाम लगने लगता है। इस मार्केट को शिफ्ट कर कहीं दूसरी अच्छी जगह देनी चाहिए।

अशोक मंडल

12. जाम और जल जमाव की समस्या से जलाकर बाजार में हम लोगों को व्यवसाय करने में काफी परेशानी होती है और बरसात के समय तो ग्राहक भी कठिनाई महसूस करते हैं।

आकाश अंसारी

13. बाजार की सुंदरता बढ़ाने के लिए रोड के दोनों तरफ स्ट्रीट लाइट लगना चाहिए और रोड का स्लैब भी अलग से बनना चाहिए। बेवजह रोड पर मार्केट ना लगे इसकी भी व्यवस्था होनी चाहिए।

दिलीप सिंह

14. जलालगढ़ बाजार में जल जमाव से निजात पाने के लिए जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है जिसके कारण बरसात के समय बाजार की स्थिति नारकीय हो जाती है और ग्राहकों को काफी परेशानी होती है।

अजय कुमार यादव

15. बस स्टैंड के पास यात्री शेड होना जरूरी है और वहां पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी काफी जरूरी है क्योंकि गर्मी के मौसम में आम लोगों को काफी दिक्कत होती है।

राजकुमार केसरी

16. अब समय आ गया है कि जलालगढ़ बाजार के हर चौक चौराहा पर यूरिनल और शौचालय अविलंब बनना चाहिए क्योंकि इसके बिना दुकान करने वाले को भी परेशानी होती है और ग्राहकों को भी।

कामेश्वर जमादार

बोले जिम्मेदार

शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के कार्य तेजी से हो रहे हैं और विकास के कई कार्य पूर्ण भी हो चुके हैं। कहीं-कहीं पर शौचालय, जल नल, जलजमाव, सड़क आदि की समस्याओं के बारे में सूचना मिली है। संबंधित विभाग के वरीय अधिकारियों तक बात पहुंचाई जा रही है। जल्द से जल्द इन समस्याओं का निष्पादन किया जाएगा। जिससे क्षेत्र में विकास देखने को मिलेगा।

-ममता कुमारी, बीडीओ, जलालगढ़

जलालगढ़ बाजार कसबा विधानसभा का सबसे पुराना बाजार है। इस मार्केट के डेवलपमेंट और ब्यूटीफिकेशन के लिए अच्छा ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा और रोशनी के साथ-साथ सामुदायिक शौचालय के लिए काम किया जाएगा। यूरिनल और शौचालय के लिए जगह की तलाश करवाई जा रही है। रात्रि गश्ती बढ़ाने के लिए पुलिस अधिकारी से बात की जाएगी।

-आफाक आलम, विधायक

बोले पूर्णिया असर

अब चलंत वाहन से रक्त संग्रह, मरीजों को होगा उपलब्ध

पूर्णिया। जिले में थैलीसीमिया मरीज की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पूर्णिया में अभी 260 मरीज चिह्नित हैं। जिसे हर 15 से 20 दिनों पर रक्त चढ़ाना पड़ता है। समय समय पर पूर्णिया के कई सामाजिक संगठन रक्त संग्रह कैम्प लगाकर थैलीसीमिया मरीज के लिए रक्त उपलब्ध कराते हैं। फिर भी ब्लड बैंक में रक्त की कमी महसूस की जाती है। इसी कमी को पूरा करने के लिए थैलीसीमिया संघ परिवार ने एक चलंत रक्तदान अभियान की शुरुआत की है। इस बावत पिछले दिनों हिन्दुस्तान की ओर से बोले 28 अप्रैल के अंक में पूर्णिया में थैलीसीमिया पीड़ित की परेशानी उठाई गई थी। इस दिशा में सकारात्मक पहल हुई है। इस अभियान को शुरू करने के लिए सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने रेड क्रॉस सोसायटी लाइन बाजार के माध्यम से चलंत रक्त संग्रह वाहन एवं मेडिकल टीम उपलब्ध कराई है, जो स्वागत योग्य कदम है। सहयोगी के रूप में श्रीराम सेवा संघ के राणा प्रताप सिंह, मुरारी सिंह, तौफीक आलम, पंकज श्रीवास्तव, मुरारी सिंह, वीवीआईटी के निदेशक राजेश मिश्रा,युथ होस्टल के सिद्धार्थ प्रताप सिंह,विश्व हिन्दू परिषद के पवन कुमार पोद्दार, थैलीसीमिया संघ परिवार के शुभम कुमार एवं पवन कुमार की पहल पर चलंत रक्त संग्रह वाहन 1 से 8 मई तक रक्त दाताओं तक पहुंच कर रक्त संग्रह करेगी। विदित हो कि 8 मई को विश्व थैलीसीमिया दिवस भी है। रक्त दाताओं को कहीं जाकर रक्तदान करने की आवश्यकता नहीं है। अपने सुविधानुसार रक्त संग्रह वाहन को बुलाकर रक्तदान कर सकते हैं। चलंत रक्त संग्रह वाहन जो आधुनिक सुविधाओं से लैस है। इस वातानुकूलित वैन में तीन रक्तदाता एक साथ बैठकर रक्तदान कर सकते हैं। इसकी शुरुआत 1 मई बृहस्पतिवार सुबह को बनमनखी के प्रह्लाद स्थान से की जाएगी। फोन कॉल पर वाहन रक्तदाता तक पहुंच कर रक्त संग्रह करेगी। रक्तदाताओं से आह्वान किया गया है कि थैलीसीमिया संघ परिवार के द्वारा चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा बनकर थैलीसीमिया मरीज के जान बचाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान कर रक्त संग्रह अभियान को सफल बनाएं।

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