बाल श्रम करवाने वाले होगी कड़ी कार्रवाई: डीएम
बाल श्रम करवाने वाले होगी कड़ी कार्रवाई: डीएम बाल श्रम करवाने वाले होगी कड़ी कार्रवाई: डीएमबाल श्रम करवाने वाले होगी कड़ी कार्रवाई: डीएम

जमुई। कार्यालय संवाददाता राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन दिवस के शुभ अवसर पर सुबह सुबह जन जागरूकता प्रभात फेरी को प्रभारी जिला पदाधिकारी अभिलाषा शर्मा, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता,सिविल सर्जन, श्रम अधीक्षक, जमुई की मौजूदगी में समाहरणालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई। इस अवसर पर जिला श्रम प्रशासन के पदाधिकारियों व कर्मियों की मौजूदगी रहीं। श्रम अधीक्षक रतीश कुमार ने बताया कि बिहार में बाल श्रम उन्मूलन हेतु 5 मई 2025 को सघन छापेमारी अभियान हेतु धावा दल संचालित किया जाएगा। धावा दल के निरीक्षण के दौरान बाल श्रम कराने वाले नियोजकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जमुई में बाल श्रम उन्मूलन के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।
सरकार और विभिन्न संगठन बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रहे हैं, साथ ही बाल श्रमिकों को शिक्षा और सरकारी योजनाओं से जोड़ने की कोशिश भी की जा रही है। बाल श्रमिकों को विमुक्त कराने के बाद, उन्हें आर्थिक सहायता और पुनर्वास के लिए सरकार और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन किया जाता है। विमुक्ति के बाद आर्थिक सहायता: सर्वोच्च न्यायालय के एमसी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार मामले में पारित आदेश के अनुसार, नियोजकों को प्रति बाल श्रमिक 20,000 रुपये जिला बाल श्रमिक पुनर्वास कोष में जमा करना होता है। तत्काल आर्थिक सहायता: योग्य बाल श्रमिकों को तत्काल आर्थिक सहायता के रूप में 3,000 रुपये प्रति बाल श्रमिक दिए जाते हैं। पुनर्वास: बाल कल्याण समिति बाल श्रमिकों को पुनर्वास के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करती है। अधिनियम: बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत, विमुक्त 14 वर्ष से कम उम्र के बाल श्रमिकों को पुनर्वासन के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 25,000 रुपये का अनुदान दिया जाता है। किशोरों के लिए भी प्रावधान हाल ही में, 14 से 18 वर्ष के बीच के किशोरों को भी, जिनका विवरण चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम में दर्ज हो, को भी विमुक्त बाल श्रमिकों के समान मुख्यमंत्री राहत कोष से 25,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। बाल श्रम के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु छापेमारी अभियान: श्रम विभाग द्वारा बाल श्रम के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाए जाते हैं। प्राथमिकी: बाल श्रम में पाए जाने वाले नियोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाती है। बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चों को जि के माध्यम से शिक्षा,आवास में प्राथमिकता और अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए भी सहायता दी जाती है।
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