मांगे थे 50 हजार, 10 हजार दिया तो नहीं छोड़ा; बिहार में हाजत में मौत कांड में SHO पर कई गंभीर आरोप
- मुजफ्फरपुर के कांटी थाने में पुलिस कस्टडी में शिवम झा की मौत मामले में पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया गया है। परिजनों ने कहा है कि छोड़ने के लिए 50 हजार घूस की मांग की गयी थी। दस हजार देने के बाद भी नहीं छोड़ा गया।

बिहार के मुजफ्फरपुर में कांटी थाने के हाजत में गिरफ्तार युवक की मौत के बाद इलाके के लोगों में पुलिस के खिलाफ आक्रोश चरम पर रहा। बड़ी संख्या में आसपास के गांव के लोग थाने के सामने जुट गए। सुबह आठ बजे से शाम तीन बजे तक थाना के गेट पर पुलिस जवानों से धक्का-मुक्की चलती रही। इस दौरान भीड़ ने पुलिस के दलाल के आरोप में तीन लोगों को पकड़कर धुनाई कर दी। युवक के परिजनों ने कांटी पुलिस पर 50 हजार घूस मांगने का आरोप लगाया है। कहा गया है कि 10 हजार देने पर पुलिस ने नहीं छोड़ा। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस पिटाई से शिवम की मौत हुई और आत्महत्या का रूप देने के लिए फंदे से लटका दिया गया। एसएसपी ने त्वरित एक्शन लेते हुए थानेदार सुधाकर पांडे समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
भीड़ में शामिल महिलाएं भी मुखर थीं। महिलाओं ने कहा अक्सर रात में छापेमारी के नाम पर पुलिस घुस जाती है। आरोप लगाया कि कांटी पुलिस कई निर्दोष युवकों को हथियार सटाकर जेल भेज चुकी है। शिवम को रुपये नहीं मिलने पर मारा होगा। कई लोगों ने कहा कि देखिएगा सारा मामला कुछ दिनों में ही कैसे कागज के पुलिंदे में दब जायेगा। तीन-तीन डीएसपी और महिला पुलिसकर्मी भीड़ को थाने में घुसने से रोकने के प्रयास में जुटे रहे। स्थानीय जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता तक लोगों को समझाने व थाने में तोड़फोड़ करने से रोकते रहे।
एसएसपी ने न्यायिक जांच के लिए लिखा पत्र
एसएसपी सुशील कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी पुलिस मुख्यालय, जिला जज और मानवाधिकार आयोग को भी दी गई है। जिला जज को न्यायिक मजिस्ट्रेट नियुक्ति के लिए आग्रह किया गया है। मुख्यालय को आरोपित की गिरफ्तारी से लेकर हाजत में हुई मौत तक के बारे में विस्तृत रिपोर्ट और सीसीटीवी तक भेजा गया है।
मजिस्ट्रेट एसडीएम पश्चिमी श्रेयाश्री ने शव का बनाया पंचनामा
मजिस्ट्रेट एसडीएम पश्चिमी श्रेयाश्री ने शव का पंचनामा और जख्म रिपोर्ट बनाई, जिसके बाद शव का तीन डॉक्टरों के बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया। एसएसपी ने बताया कि वीडियोग्राफी के बीच शव का पोस्टमार्टम किया गया है। उन्होंने बताया कि हाजत में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई है। इसमें शिवम रोशनदान की ग्रिल में मफलर से फंदा लगाने के लिए शौचालय की दीवार पर चढ़ते दिखा है। पुलिस के बयान पर यूडी केस दर्ज कर जांच की जाएगी।
अधिवक्ता ने मानवाधिकार आयोग से की शिकायत
अधिवक्ता एसके झा ने राज्य व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत की है। उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच रिटायर्ड न्यायाधीश से कराने की मांग की है। शिवम के पिता कृष्णदेव झा पुरोहित का काम करते हैं। उसके तीन पुत्रों में शिवम मंझला बेटा था। बड़ा पुत्र आशीष मजूदरी करता है। शुभम नाबालिग है। शिवम भी पिता और मामा के साथ पुरोहित के काम के लिए जाता था। उस पर पूर्व से किसी तरह का केस नहीं है।
‘परिवार को मिले मुआवजा’
पूर्व आईटी मंत्री सह विधायक इसराइल मंसूरी ने आनंद कुमार झा उर्फ शिवम की मौत पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि परिवार को सरकार समुचित मुआवजा दे। प्रशासन हाजत में मौत की निष्पक्ष जांच व दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे। भाजपा के मुजफ्फरपुर पश्चिमी जिलाध्यक्ष हरिमोहन चौधरी, प्रमुख कृपाशंकर शाही, जदयू अध्यक्ष महेश प्रसाद साह, नगर परिषद सभापति दिलीप कुमार, उपसभापति अजय गुप्ता, हैदर आजाद, पूर्व उपप्रमुख विपिन झा, जदयू नेता सौरभ कुमार साहेब आदि ने शिवम के परिजनों को सांत्वना दी।
शिवम की मां ने थाना में दिया आवेदन, हत्या का आरोप
शिवम की मां रिंकी देवी ने थाना में बेटे की हत्या का आरोप लगाते हुए आवेदन दिया है। इसमें थानेदार के अलावा दारोगा एसके सिंह, थाने के अवैध मुंशी रघु पासवान व अन्य पुलिसकर्मियों को आरोपित किया है। उसने पुलिस को बताया कि उसके पुत्र को थानेदार सुधाकर पांडेय व अन्य पुलिसकर्मियों ने तीन फरवरी की रात करीब साढ़े दस बजे बाइक लूट के झूठे आरोप में घर से उठाया। चार फरवरी की सुबह 10 बजे थाने पर पूछने आए तो डांटकर भगा दिया गया। पुत्र से हाजत पर मिली तो रोते हुए बताया कि उसकी बेरहमी से पिटाई की गई है। छह फरवरी की सुबह किसी ने बताया कि उसके पुत्र की हत्या कर हाजत में फंदे से लटका दिया गया है। पुत्र को छोड़ने के लिए 50 हजार रुपये मांगे गए। उसने 10 हजार रुपये दिया और बोला गरीब हैं, इससे अधिक नहीं दे पाएंगे। 40 हजार रुपये और नहीं मिलने के कारण पिटाई की गई और मार दिया गया।
एफएसएल की टीम ने शव और हाजत की जांच की
एफएसएल की टीम ने हाजत व शव की एक घंटे तक जांच की। फंदे से लटक रहे शिवम का पांव जमीन से टिका और मुड़ा हुआ था। पेशाब से कपड़ा गीला था। पीठ, कमर, जांघ, पांव और शरीर के अन्य जगहों पर मारपीट के निशान हैं। एसडीएम पश्चिमी, डीएसपी टाउन टू विनीता सिन्हा, डीएसपी पश्चिमी अभिषेक आनंद मौजूद रहे।
सीसीटीवी के साक्ष्य पर उठाया था शिवम को
एक फरवरी को सदातपुर आवेरब्रिज के निकट कथैया के अजीत कुमार की बाइक लूट हुई थी। मामले में सीसीटीवी पर शिवम और उसके मित्र को जाते हुए पुलिस ने देखा था। परिजनों का कहना है कि शिवम के मित्र ने ही उक्त बाइक पर उसे बैठाकर ले गया था। पुलिस ने उसके उक्त मित्र को पकड़कर छोड़ दिया, लेकिन शिवम को पकड़े रखा। उस युवक से पूछताछ में पुलिस ने बाइक भी बरामद नहीं की। लेकिन, शिवम को थाने में रखकर तीन दिन तक पीटते रहे।
छात्र राजद ने की निंदा
कांटी थाने के हाजत में युवक की मौत मामले में छात्र राजद नेता चंदन यादव ने पुलिस प्रशासन की कड़ी भर्त्सना की है। उन्होंने कहा कि पुलिस कस्टडी में शिवम झा की मौत से पुलिस का अमानवीय चेहरा उजागर हुआ है। पुलिस पदाधिकारी कानून का रखवाला नहीं, बल्कि कानून निर्माता समझने लगे हैं।