यूपी की मुश्किल सीटों पर हिट योगी फॉर्मूला, कटेहरी, कुंदरकी के बाद अब मिल्कीपुर में भी BJP ने गाड़ा झंडा
- यूपी की जो सीटें कभी भाजपा के लिए मुश्किल हुआ करती थीं, आज उन सीटों पर भाजपा ने भगवा झंडा फहरा दिया है। नवंबर में हुए उपचुनाव में भाजपा ने योगी फॉर्मूला के चलते कटेहरी, कुदंरकी पर कमल खिलाया था। अब मिल्कीपुर सीट भी भाजपा ने जीत ली है।
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यूपी की जो सीटें कभी भाजपा के लिए मुश्किल हुआ करती थीं, आज उन सीटों पर भाजपा ने भगवा झंडा फहरा दिया है। नवंबर में हुए उपचुनाव में भाजपा ने योगी फॉर्मूला के चलते कटेहरी, कुदंरकी पर कमल खिलाया था। अब मिल्कीपुर सीट भी भाजपा ने जीत ली है। साल 1967 में अस्तित्व में आई इस विधान सभा सीट पर यह केवल तीसरी मर्तबा है जब यहां भगवा लहराया। इससे पहले मंदिर आंदोलन के वक्त साल 1991 में मथुरा प्रसाद तिवारी जीते थे और फिर भाजपा की प्रचंड लहर में बाबा गोरखनाथ 'कमल' खिला सके थे।
चुनावी समीकरणों के लिहाज से मिल्कीपुर हमेशा ही भाजपा के लिए टेढ़ी खीर रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने रणनीतिक कौशल में न केवल इस बार मिल्कीपुर बल्कि इससे पहले आजमगढ़ और रामपुर सरीखी सीटें भी भाजपा की झोली में डाली हैं। कुशल रणनीति, मुफीद प्रत्याशी, काम और छवि से मुश्किल सीटों का मिथक टूट गया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद इन सीटों पर कमान संभाली। मिल्कीपुर उनमें उनकी शीर्ष प्राथमिकता थी। क्योंकि फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली हार भाजपा के लिए सबसे ज्यादा चौंकाने वाली थी।
9 सीटों में से कुंदरकी और कटेहरी पर भाजपा पर खास तौर पर फोकस रहा। कुंदरकी में महज एक बार वह भी 1993 में भाजपा जीत सकी थी। तब चंद्र विजय सिंह विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2024 के उप चुनाव में वहां भगवा लहराया और रामवीर सिंह विधायक चुने गए। कटेहरी भी ऐसी ही सीटों में शामिल रही है। 2024 के विधान सभा उप चुनाव से पहले अनिल कुमार तिवारी ही एकमात्र वह भाजपा प्रत्याशी थे जो 1991 में इस सीट से विधायक बन सके थे। 2024 उप चुनाव में धर्मराज निषाद भाजपा से जीते।
22 से शुरू हुआ सिलसिला
मुश्किल सीटों पर फतेह की शुरुआत साल 2022 से ही हो गई थी। शुरुआत रामपुर और आजमगढ़ के लोकसभा चुनावों से हुई थी। रामपुर में उप चुनाव से पहले भाजपा दो बार जबकि आजमगढ़ में केवल एक बार ही चुनाव जीत सकी थी। लेकिन उपचुनाव में दोनों ही लोकसभा सीटें भाजपा की झोली में आ गईं। इसके बाद रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव 2022 में ही हुए। भाजपा उससे पहले तक एक बार भी रामपुर विधान सभा सीट नहीं जीत सकी थी। हालांकि, योगी की कुशल रणनीति, समीकणों के लिहाज से मुफीद प्रत्याशी का चयन और काम के सहारे रामपुर भी भाजपा की झोली में आ गया। तब आकाश सक्सेना भाजपा से जीते थे।
कठिन सीटों पर हुए उपचुनाव में योगी ने यूं खिलाया ‘कमल’
- मिल्कीपुर विधान सभा सीट - 2025
- कुंदरकी विधान सभा सीट - 2024
- कटेहरी विधान सभा सीट - 2024
- रामपुर लोकसभा सीट - 2022
- रामपुर विधान सभा सीट - 2022
- आजमगढ़ विधान सभा सीट - 2022