मजहब नहीं अपनेपन से आएगी शांति: भागवत
Varanasi News - वाराणसी में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने जाति और मजहब से परे अपनेपन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुटुंब संस्कारों से समाज और देश का...

वाराणसी, विशेष संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने कहा कि जाति-मजहब से नहीं अपनेपन से विश्व में शांति लाई जा सकती है। जिसने भी विश्व को अपना कुटुंब माना, उसके सामने सब झुक जाते हैं। वह बुधवार को खोजवां क्षेत्र में शंकुलधारा पोखरे पर आयोजित अक्षय कन्यादान महोत्सव के तहत सामूहिक विवाह समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने काशी से विश्व को शांति और बंधुत्व का संदेश देते हुए कहा कि जैसे ठोस मकान के निर्माण में पक्की ईंट की भूमिका होती है। उसी तरह कुटुंब संस्कारों से पक्का होता है। संस्कारित व्यक्ति, समाज और देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अच्छे मनुष्य का प्रशिक्षण कुटुंब में ही होता है। जो समाज का अभिभाज्य अंग होता है। उन्होंने कहा कई बार अपनों के लिए हमें त्याग करना पड़ता है, जो संस्कार से आता है। यह अपनेपन को और मजबूती देता है। इसी अपनेपन से विश्व में शांति आएगी। यह स्वभाव हम सभी को अपने में विकसित करना चाहिए। देश को भी इसकी सख्त जरूरत है। अपनत्व का कारण होता है कुटुंब कार्यक्रम में कुल 125 कन्याओं का विवाह हुआ। संघ प्रमुख ने सोनभद्र के रेणूकूट की वनवासी समाज की बेटी राजवंती और उसके वर अमन के पांव पखारे। दोनों के परिणय सूत्र में बंधने पर उन्होंने आशीर्वाद भी दिया। आयोजक और क्षेत्र कार्यवाह वीरेंद्र जायसवाल को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने इस कार्यक्रम को आगे भी जारी रखने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि यह काम उपकार भावना से नहीं बल्कि कर्तव्य और अपनेपन से किया गया है। विवाह से कुटुंब, कुटुंब से समाज और उससे देश का निर्माण होता है। कुटुंब अपनत्व का कारण होता है। इस मौके पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय सहित शहर के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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