Residents of Dhanuvanti Nagar Colony in Varanasi Demand Basic Amenities and Security बोले काशी: समस्याओं से बिगड़े मिजाज को चाहिए मुकम्मल ‘इलाज, Varanasi Hindi News - Hindustan
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बोले काशी: समस्याओं से बिगड़े मिजाज को चाहिए मुकम्मल ‘इलाज

Varanasi News - वाराणसी की धन्वंतरि नगर कॉलोनी के निवासी बुनियादी सुविधाओं और सुरक्षा की कमी से परेशान हैं। कॉलोनी में सीवर की सफाई नहीं हो रही है, पार्क की लाइटें चोरी हो गई हैं, और बाहरी लोगों का प्रवेश रोकने की...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीThu, 15 May 2025 01:16 AM
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बोले काशी: समस्याओं से बिगड़े मिजाज को चाहिए मुकम्मल ‘इलाज

वाराणसी। आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि के नाम पर कॉलोनी का नामकरण। इसके पीछे सोच थी कि बुनियादी समस्याओं का नगर निगम और दूसरे विभागों के जरिए इलाज-समाधान हो जाएगा लेकिन वह सोच अधूरी है। बड़ी गैबी में वीडीए की बनवाई इस कॉलोनी के बाशिंदों का उन सभी समस्याओं से रोज साबका पड़ता है जिनकी किसी शहरी कॉलोनी में उम्मीद नहीं की जाती। इसलिए लोगों में मायूसी दिखती है। जब भी बाहर से लौटो तो दुर्दशा का अक्स मन में चलने लगता है। यहां के नागरिक समस्याओं का मुकम्मल ‘इलाज चाहते हैं। बड़ी गैबी में दो दशक पहले बसी वीडीए कॉलोनी में 500 से अधिक फ्लैट बने हैं।

बड़ा पार्क भी है। यहां के निवासियों ने इस कॉलोनी का नामकरण ‘धन्वंतरि नगर किया। साथ ही, धन्वंतरि नगर विकास सोसाइटी भी बनाई है। कॉलोनी के पार्क में जुटे रहवासियों ने ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में अपनी पीड़ा सुनाई, उपलब्ध सुविधाओं की दुर्दशा भी दिखाई। बोले, बुनियादी सुविधाओं में समय के साथ न बदलाव हुआ, न नई व्यवस्था की गई। परिणाम, लोग सुविधाओं की दुर्दशा का दंश झेल रहे हैं। पास के मोहल्ले के लोग भी इसी कॉलोनी से होकर आते-जाते रहते हैं। यहां के निवासियों को यह अंदेशा है कि पास के मोहल्ले में लंबे समय से बांग्लादेशी रह रहे हैं। अगर जांच की जाए तो सही स्थिति पता चल सकती है। सत्येंद्र कुमार और तन्मय ने कहा, यहां फ्लैट आवंटित होने के बाद बहुत खुशी हुई थी कि अब सुविधाओं के बीच सुकून भरा जीवन जी सकेंगे, लेकिन सपना टूट गया। कॉलोनी में सीवर लाइन की सफाई लंबे समय से नहीं हुई है। गंदे पानी की निकासी ही नहीं हो पाती। अभी गर्मी में किसी तरह से पानी निकासी हो जाती है, लेकिन थोड़ी बारिश में बहुत परेशानी होती है। वाशरूम भी गंदे पानी से भर जाता है। जिनके फ्लैट भूतल पर हैं, उन्हें बरसात में विस्थापित होने तक की नौबत आ जाती है। प्रथम तल के लोग पानी ‘हेलकर अपने कमरे तक पहुंच पाते हैं। सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि कॉलोनी में सफाई नहीं होती। कूड़ा फेंकने का स्थान तय नहीं है। कूड़ा कहां फेंकें, यह बड़़ी समस्या है। जहां तहां कूड़ा बिखरा पड़ा रहता है। पोखरी पर कब्जा कॉलोनी के पास कभी एक पोखरी हुआ करती थी। उसे पाटकर लोगों ने कब्जा कर लिया है, मकान भी तन गए हैं। कूड़ा-करकट भर जाने से इस पोखरी का अस्तित्व लुप्तप्राय है। श्रीपाद बख्शी और शिव सोनी ने कहा कि अतिक्रमण से पोखरी का आकार बहुत घट गया है। वह कूड़े से पटी पड़ी है। उसके पास की बाउंड्री भी टूटी है। पास में सीवेज जमा रहता है। हवा का रूख बदलने पर दुर्गंध फैलती है। इधर से निकलना मुश्किल हो जाता है। बताया कि मच्छरों का प्रकोप भी निरंतर बढ़ता जा रहा है। कभी-कभी मच्छरों का झुंड सिर पर घूमने लगता है। श्रीपाद बख्शी बोले, इस कॉलोनी के लोग जीवन नहीं जी रहे हैं बल्कि यातना भोग रहे हैं। समझ नहीं आता कि शिकायत किससे करें कि हमारी समस्याओं का निदान हो सके। सभी बाउंड्रियां टूटी कॉलोनी में बाहरी लोगों का प्रवेश रोकने के लिए हर ओर बाउंड्री बनी थी लेकिन आज सभी बाउंड्रियां टूटी पड़ी हैं। इससे दूसरे मोहल्लों के भी लोगों का आवागमन कॉलोनी के रास्ते से ही होता है। ऐसे में हर समय चोरी का अंदेशा रहता है। यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। प्रतीक और पंकज ने कहा कि अगर कॉलोनी की सभी बाउंड्री पुन: बना दी जाएं तो बाहरी लोगों का कॉलोनी के रास्ते से आना-जाना बंद हो जाएगा। इससे सुरक्षा पुख्ता होगी, हमें राहत मिलेगी। चुरा ले गए पार्क की लाइट कॉलोनी के लोगों ने अपने श्रमदान से पार्क को हरा भरा कर रखा है। न सिर्फ पौधे रोपे बल्कि उनकी रक्षा भी की है। वे पौधे पेड़ का रूप लेने लगे हैं लेकिन यहां लगी लाइटें, बैट्ररियां चोरी हो चुकी हैं। तन्मय, शशांक, सत्येंद्र ने कहा कि पार्क में रात में अंधेरा रहता है, कूड़ा-करकट भी भर गया है। इसकी सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है। न तो गार्ड की तैनाती है और न माली का इंतजाम है। पार्क में प्राय: बाहरी लोगों का जमावड़ा होता है। यहां नशाखोरी भी होती है। कॉलोनी के लोग जब नशेड़ियों को भगाने का प्रयास करते हैं तो वे उलझने लगते हैं। दिखाया कि पार्क में ही ट्रांसफार्मर लगा दिया गया, वहीं से हाईटेंशन तार भी जा रहा है। बरसात में पार्क में करेंट उतरने का खतरा रहता है। पास में जगह है जहां ट्रांसफार्मर स्थानांतरित किया जा सकता है, लेकिन उसे हटाया नहीं जा रहा है। ट्रांसफार्मर हटा दिया जाए तो हम बच्चों को खुलेमन से पार्क में भेज सकेंगे। सीसीटीवी कैमरों की जरूरत किशन लाल, रोहित, ओमप्रकाश ने बताया कि कॉलोनी में कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। अगर ये कैमरे लगा दिए जाएं तो कॉलोनी में अवांछनीय तत्वों पर अंकुश लग सकता है। अभी शाम होते ही अवांछनीय तत्वों का जमावड़ा कॉलोनी में होने लगता है। कई बार उनसे झड़पें भी हो चुकी हैं। बार-बार उन लोगों से कौन उलझे, यही सोचकर हम मौन हो जाते हैं। लक्ष्मी विश्वास और शशांक ने कहा, अगर यहां पुलिस गश्त होने लगे तो हम आश्वस्त हो जाएंगे कि पुलिस विभाग को हमारी भी चिंता रहती है। इससे अवांछनीय तत्वों पर भी अंकुश लगेगा। आश्वासन खूब मिले कॉलोनी के सत्येन्द्र कुमार, शिव सोनी, प्रतीक आदि ने कहा कि यहां समय-समय पर जनप्रतिनिधियों का आना होता रहता है। वे समस्याओं से अवगत होते हैं, उनके समाधान का आश्वासन देते हैं। फिर जाने के बाद आश्वासन भूल जाते हैं। श्रीपाद बख्शी ने कहा कि यह कॉलोनी शहर के विकास की कसौटी है। नगर निगम के अफसर यहां आते नहीं, सिर्फ कागज पर ही कॉलोनी को समस्याओं से मुक्त बताते हैं। सुनें हमारी बात यहां फ्लैट मिलने के बाद बहुत खुशी हुई थी कि सुविधाओं के बीच सुकून से जी सकेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। -सत्येंद्र कुमार कॉलोनी में सीवर की सफाई लंबे समय से नहीं की गई है। इसका परिणाम है कि गंदे पानी की निकासी नहीं हो पाती। -तन्मय अतिक्रमण से पोखरी का आकार बहुत घट गया है। पास की बाउंड्री भी टूटी है। इसके पास सीवेज जमा रहता है। -श्रीपाद बख्शी इस कॉलोनी में हम जीवन नहीं जी रहे, बल्कि यातना भोग रहे हैं। समझ नहीं आता कि इसकी शिकायत किससे करें। -शिव सोनी बहारी लोगों का प्रवेश रोकने के लिए बाउंड्री बनी थी जो सभी टूट गई हैं। अन्य मोहल्लों से लोगों का आना-जाना होता है। -प्रतीक सभी बाउंड्री बना दी जाएं तो बाहरी लोगों का आना-जाना बंद हो जाएगा। इससे कॉलोनी की सुरक्षा बनी रहेगी। -पंकज पार्क में लगीं लाइटें चोरी हो चुकी हैं। पार्क में रात में अंधेरा रहता है, कूड़ा भी भरा है। सफाई नहीं होती। -किशन लाल कॉलोनी में सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। अगर ये लगा दिए जाएं तो अवांछनीय तत्वों पर अंकुश लग सकता है -रोहित शाम को पार्क में अवांछनीय तत्वों का जमावड़ा होने लगता है। झड़पे हो चुकी हैं। बार-बार कौन उन लोगों से उलझे? -ओमप्रकाश अगर गश्त होने लगे तो हम लोगों को यह आश्वस्ति रहेगी कि पुलिस को हमारी चिंता रहती है। -लक्ष्मी विश्वास सुझाव और शिकायतें सुझाव सीवर और नालियों की सफाई की जाए, सफाई नियमित हो। जलनिकासी का समुचित प्रबंध किया जाए। कॉलोनी में पुलिस गश्त की जरूरत है। इससे अवांछनीय तत्वों पर अंकुश भी लगेगा। पार्क में अवांछनीय तत्वों के जमावड़े पर रोक की जरूरत है। इससे कॉलोनी के लोगों को काफी राहत होगी। सभी बाउंड्री बना दी जाएं तो बाहरी लोगों का कॉलोनी में आना-जाना बंद हो जाएगा। कॉलोनी की सुरक्षा बनी रहेगी। कॉलोनी में सीसीटीवी कैमरे लगाने की जरूरत है। पार्क में सुरक्षा गार्ड और माली की नियुक्ति होनी चाहिए। शिकायतें सीवर और नालियों की सफाई नहीं की जाती, सफाई व्यवस्था भी नियमित नहीं है। जलनिकासी व्यवस्था ठीक नहीं है। यहां पुलिस गश्त नहीं होती। इसके चलते हर समय चोरी का डर बना रहता है। अवांछनीय तत्व सक्रिय रहते हैं। शाम होते ही पार्क में अवांछनीय तत्वों का जमावड़ा होने लगता है। इससे कॉलोनी के लोग हर समय चिंतित रहते हैं। यहां की सभी बाउंड्रियां टूटी पड़ी हैं। इसके चलते बाहरी लोगों का कॉलोनी में आना-जाना रहता है। यह ठीक नहीं। कॉलोनी में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। पार्क में सुरक्षा गार्ड और माली की नियुक्ति नहीं की गई है। गंदगी भरी है।

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