Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़uproar over woman s death in aiims emergency family members allege negligence

एम्स की इमरजेंसी में महिला की मौत पर हंगामा, घरवालों ने लगाया लापरवाही का आरोप

  • लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिवार के लोगों ने 112 नंबर डायल कर पुलिस बुला ली। पुलिस के आने के परिजनों ने आरोप लगाया कि जूनियर डॉक्टरों ने महिला के इलाज में लापरवाही की। सांस की नली डालते ही मरीज की मौत हो गई। किसी तरह समझाने बुझाने के बाद परिजन शव लेकर चले गए।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, हिन्‍दुस्‍तान, गोरखपुरWed, 25 Dec 2024 11:48 PM
share Share
Follow Us on
एम्स की इमरजेंसी में महिला की मौत पर हंगामा, घरवालों ने लगाया लापरवाही का आरोप

AIIMS Gorakhpur News: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर की इमरजेंसी में एक महिला मरीज की मौत के बाद परिवारीजनों ने हंगामा किया। लापरवाही का आरोप लगाते हुए 112 नंबर डायल कर पुलिस भी बुला ली। पुलिस के आने के परिवारीजनों ने आरोप लगाया कि जूनियर डॉक्टरों ने महिला के इलाज में लापरवाही बरती। सांस की नली डालते ही मरीज की मौत हो गई। किसी तरह समझाने बुझाने के बाद परिवारीजन शव लेकर चले गए। हालांकि जाते-जाते उन्‍होंने पुलिस को तहरीर देने और कानूनी कार्रवाई कराने की बात कही। घटना, बुधवार की देर शाम सात से आठ बजे के बीच की है।

गोरखपुर के बेलीपार थाना क्षेत्र के बेलीपार की रहने वाली सोना देवी (उम्र 65 वर्ष) को उनके परिवारीजन 23 दिसंबर को इलाज के लिए एम्स की इमरजेंसी में लेकर आए थे। सांसद रवि किशन की पैरवी के बाद किसी तरह वह भर्ती हुईं। परिजनों का कहना है कि हालत बिगड़ने पर आईसीयू की जरूरत पड़ी, लेकिन आईसीयू खाली न होने की बात कहकर मरीज को रेफर किया जाने लगा। इस पर सांसद को फिर से फोन किया गया तो उन्होंने आईसीयू में भर्ती करने के निर्देश दिए। इसके बाद भी मरीज को आईसीयू में भर्ती नहीं किया गया। 25 दिसंबर को वेंटीलेटर पर रखने के लिए ले गए।

आरोप है कि इस दौरान कोई भी सीनियर डॉक्टर मौके पर इलाज के लिए नहीं आया। वेंटीलेटर पर रखने के दौरान जूनियर डॉक्टर ने नाक में नली डाली। इस दौरान मरीज की मौत हो गई। मौत की सूचना पर परिवारीजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर इलाज कर रहे डॉक्टर वहां से चले गए। साथ ही मौके पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मी भी भाग खड़े हुए। इस बीच परिवारीजनों ने 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी। पुलिस के आने के बाद मौखिक शिकायत करते हुए बताया कि इलाज में लापरवाही की वजह से मरीज की मौत हुई है। जूनियर डॉक्टर ठीक से नली नहीं डाले, जिसकी वजह से मौत हो गई।

एम्‍स का पक्ष

एम्‍स का पक्ष रखते हुए डॉ. अराधना सिंह ने बताया कि महिला जब इलाज के लिए आई थीं, तभी उनकी हालत गंभीर थी। उन्‍हें सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। पल्मोनरी मेडिसिन के सीनियर डॉक्टरों ने भी उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया था। उन्‍हें आईसीयू वाले बेड की जरूरत थी, लेकिन बेड खाली नहीं था। जब बेड खाली हुआ तो उन्‍हें प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया गया। इलाज के दौरान महिला की मौत हुई है। लापरवाही बात पूरी तरह से निराधार है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें