यूपी भाजपा अध्यक्ष के लिए सलाह की रस्म अदायगी पूरी, दौड़ में भूपेंद्र चौधरी समेत यह चेहरे
भारतीय जनता पार्टी में अब सबकी निगाहें यूपी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर हैं। सबसे सलाह लेने की रस्म अदायगी भी हो चुकी है। अब नये अध्यक्ष को लेकर कयासबाजी का सिलसिला तेज है। दौड़ में बड़े-बड़े चेहरे हैं।
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भारतीय जनता पार्टी में अब सबकी निगाहें यूपी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर हैं। सबसे सलाह लेने की रस्म अदायगी भी हो चुकी है। अब नये अध्यक्ष को लेकर कयासबाजी का सिलसिला तेज है। दौड़ में बड़े-बड़े चेहरे हैं। माना जा रहा है कि नेतृत्व की पसंद कोई पिछड़ा या ब्राह्मण चेहरा होगा। मौजूदा अध्यक्ष भी रिंग से बाहर नहीं हैं। हालांकि पार्टी नेतृत्व इससे इतर फिर सबको चौंका भी सकता है।
भाजपा में बूथ और मंडल अध्यक्ष पद के चुनाव हो चुके हैं। जिलाध्यक्षों की चुनाव प्रक्रिया जारी है। सांसद-विधायकों की रायशुमारी ने तमाम जगह पेंच फंसा रखा है। वहीं आरएसएस का रुख भी बदला हुआ है। इसी के चलते जिलाध्यक्षों की चयन प्रक्रिया को लेकर प्रदेश चुनाव समिति की मशक्कत बढ़ गई है। इस बीच पार्टी के गलियारों में नये प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। सवाल यह है कि पार्टी जिस तरह मंडल अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया में ओबीसी की राह चली है, क्या वही फार्मूला जिलाध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष में भी चलेगा।
स्वतंत्रदेव, बीएल वर्मा या अमरपाल
पिछड़े चेहरों की बात करें इस फेहरिस्त में केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और टीम योगी में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का नाम प्रमुखता से शामिल है। लोकसभा चुनाव में कुर्मी वोटरों का रुख भी भाजपा की बेचैनी का कारण है। हालांकि कटेहरी विधानसभा के उपचुनाव में कुर्मी मतदाताओं की भाजपा संग जुगलबंदी स्वतंत्रदेव सिंह की दावेदारी को दम देती है। एक और नाम उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के करीबी माने जाने वाले भाजपा के प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य का है।
ऊंचाहार से विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी उन्हें राज्यसभा भेजा गया। इकलौते महामंत्री हैं जो जिस क्षेत्र से आते हैं, उसी के प्रभारी भी हैं। यह दर्शाता है कि दिल्ली और संघ में भी उनके मजबूत पैरोकार हैं। एक टीम उनके लिए लॉबिंग में भी जुटी है। इस लिस्ट में साध्वी निरंजन ज्योति, राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद का भी नाम है। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश पाल और बसपा से भाजपा में आए नरेंद्र कश्यप भी प्रयासरत बताए जा रहे हैं। इसके अलावा मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को भी अभी रेस से बाहर नहीं माना जा रहा है।
चर्चा में यह ब्राह्मण चेहरे
इसके अलावा ब्राह्मण चेहरों की दावेदारी भी प्रमुखता से है। पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में भी ब्राह्मणों की भाजपा से नाराजगी की चर्चाएं उड़ती रहीं थीं। ऐसे में पार्टी किसी ब्राह्मण चेहरे पर भी दांव लगा सकती है। इस लिस्ट में भी कई प्रमुख नाम शामिल हैं। ब्राह्मण चेहरों में पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद डा. दिनेश शर्मा, पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी, प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला के अलावा कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का नाम भी शामिल बताया जा रहा है।