Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Samajwadi gave zero marks to UP budget, Shivpal called it a big scam

यूपी बजट को सपा ने दिए जीरो नंबर, शिवपाल ने बताया बड़ा घोटाला, हम लाएंगे बेहतर Budget

  • UP budget: यूपी बजट पर सपा की प्रतिक्रिया आई है। सपा नेता माता प्रसाद पांडे ने कहा कि ‘दिखावे का बजट’है। उन्होंने कहा कि इस बजट को मैं जीरो नंबर देता हूं। शिवपाल यादव ने कहा कि यूपी का यह बजट एक बड़ा घोटाला है। अगर यही विकास है तो जनता को अंधकार से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानThu, 20 Feb 2025 02:02 PM
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यूपी बजट को सपा ने दिए जीरो नंबर, शिवपाल ने बताया बड़ा घोटाला, हम लाएंगे बेहतर Budget

यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ रुपये का बजट बृहस्पतिवार को पेश किया, जिसमें अनुसंधान एवं विकास और सूचना प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित किया गया है। खन्ना ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में 22 प्रतिशत राशि विकास प्रयोजन के लिए, शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत, कृषि व संबद्ध सेवाओं के लिए 11 प्रतिशत जबकि चिकित्सकीय एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए छह प्रतिशत राशि आवंटित की गई है। बजट के बाद समाजवादी पार्टी की प्रतिक्रिया आई है। यूपी बजट को सपा नेता माता प्रसाद पांडे ने 'दिखावे का बजट' कहा है। उन्होंने कहा कि इस बजट को मैं जीरो नंबर देता हूं। उन्होंने कहा कि यूपी बजट में नौजवान और बेरोजगारों के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है।

उधर, अखिलेश यादव के चाचा ने कहा कि शिवपाल यादव ने कहा कि यूपी का यह बजट एक बड़ा घोटाला है। अगर यही विकास है तो जनता को अंधकार से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए और इसलिए मैं इस बजट को पूरी तरह से खारिज करता हूं। उन्होंने कहा कि हम लाएंगे बेहतर बजट। वहीं कांग्रेस विधान मंडल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने इस बजट को 'खोखला बजट' है। सरकार ने इस बजट में कुछ भी नया प्रावधान नहीं किया है।

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इससे पहले सुरेश खन्ना ने बजट भाषण में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कई प्रभावी कदम उठाये हैं जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2017 से पहले 'बीमारू' प्रदेश कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश आज स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के मामले में उत्तम प्रदेश बनकर उभरा है।'बीमारू' शब्द का इस्तेमाल कभी कथित तौर पर आर्थिक विकास, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य सूचकांकों के मामले में पिछड़े बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को दर्शाने के लिए किया जाता था।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि आठ वर्ष पहले प्रत्येक वर्ष प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में संक्रामक रोगों से बड़े पैमाने पर मौतें हुआ करती थीं। उस दौरान प्रदेश में रोगों की पहचान, रोकथाम और इलाज की व्यवस्थाएं जनसामान्य को उपलब्ध नहीं थीं।

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