Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़mistaking leopard as cat the children locked him in toilet panic fear of female leopard spread among villagers at night

तेंदुआ को बिल्‍ली समझ बच्‍चों ने टॉयलेट में कर दिया बंद, रात में फैली दहशत

  • बच्‍चों ने तेंदुआ के बच्‍चे को बिल्‍ली समझ लिया। उन्‍होंने खेल-खेल में बच्‍चों ने उसे पंचायत घर के शौचालय में बंद कर दिया। बाद में जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी हुई तो उन्‍होंने वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। इटावा सफारी पार्क और सेंचुरी विभाग की टीम ने उसका रेस्‍क्‍यू किया।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, संवाददाता, इटावा (चकरनगर)Mon, 24 Feb 2025 12:28 PM
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तेंदुआ को बिल्‍ली समझ बच्‍चों ने टॉयलेट में कर दिया बंद, रात में फैली दहशत

यूपी के इटावा के चकरनगर में बच्‍चों ने एक शावक तेंदुआ को बिल्‍ली समझ लिया। इसके बाद खेल-खेल में बच्‍चों ने उसे पंचायत घर के टॉयलेट (शौचालय) में बंद कर दिया। बाद में जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी हुई तो उन्‍होंने वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। इटावा सफारी पार्क और सेंचुरी विभाग की टीम ने उसे रेस्‍क्‍यू कर अपने पास सुरक्षित रख लिया है। उधर, अपने बच्चे की तलाश में रात को निकली मादा तेंदुआ से गांववाले दहशत में आ गए हैं। मादा तेंदुआ प्राथमिक स्कूल, पंचायत घर के पास और खेतों में चक्कर लगाती हुई देखी गई है।

बता दें कि शनिवार की दोपहर परिषदीय प्राथमिक विद्यालय मे बच्‍चे जब छुट्टी के बाद स्‍कूल से घर जा रहे थे तो उन्‍होंने स्‍कूल की चहारदीवारी से सटे पंचायत भवन के पास तेंदुए का एक बच्‍चा देखा। बच्‍चों ने तेंदुए के बच्‍चे को बिल्‍ली समझ लिया और पास जाकर देखने लगे। बच्‍चों को एक साथ अपने पास आता देख तेंदुए का बच्‍चा जाकर पंचायत घर के शौचालय में छिप गया। इसी दौरान बच्‍चों को उसकी बड़ी पूंछ से उसके तेंदुआ होने की आशंका हो गई। उन्‍होंने तुरंत ही शौचालय का दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद सूचना पर पहुंची इटावा सफारी पार्क और सेंयुरी विभाग की टीम ने तेंदुए के बच्‍चे का रेस्‍क्‍यू किया।

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ददरा गांव के विद्याराम दिवाकर ने बताया कि रात को करीब 10:30 बजे ज़ब वह खेत पर रखवाली करने के लिए निकले थे तभी उनकी नजर मादा तेंदुआ पर पड़ गई। वो सामने से विद्यालय की तरफ आ रही थी। जैसे ही उसे देखा हाथ पैर कांपने लगे। उन्‍होंने नरेश सिंह को बुलाया कि तेंदुआ है जल्दी आओ, आवाज सुनकर अन्य लोग भी आ गए। जिससे वह भाग गई। कुछ समय बाद खेत पर उसकी गर्जना सुनाई दी। खेत पर लेटे किसान राजाबाबू ने बताया कि वह बरचोली मंदिर तक आवाज देती हुई गई तथा फिर लौटकर विद्यालय की तरफ गई। मादा तेंदुआ के यूं गांव में घूमने से किसान डरे और सहमे हुए हैं।

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उनका कहना है कि कहीं रात को वे लोग सो गए तो मादा तेंदुआ हमला न कर दे। गांववालों का कहना है कि मादा तेंदुआ शावक न मिलने से गुस्से में है। ददरा के हरि तिवारी ने कहा कि किसानों के अंदर भय है कि कही शावक न मिलने के कारण वह हिंसक हो गई तो क्‍या होगा। कोई सामने से आ गया तो हमला कर सकती है। इसी वजह से किसान खेत पर रखवाली करने से भी डर रहे हैं।

क्‍या बोला वन विभाग

इस मामले में डिप्टी रेंजर चंद्रभान सिंह सेंगर ने सभी लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्‍होंने गांववालों से कहा कि अपने बच्चों को रात के समय बाहर या विद्यालय की तरफ न जाने दें। यदि कोई जंगली जानवर दिखाई दे तो शोरगुल करें। इससे वह भाग जाएगा।

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