महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व के लिए पुलिस-प्रशासन ने कसी कमर, दो करोड़ लोगों के संगम आने का अनुमान
महाकुंभ का आखिरी स्नान पर्व महाशिवरात्रि को लेकर पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है। छठवें प्रमुख स्नान पर्व के साथ ही 45 दिनी महाआयोजन का समापन होगा। महाशिवरात्रि पर लगभग दो करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान का अनुमान है। हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी होगी।
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महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व बुधवार को महाशिवरात्रि पर होगा। इसके साथ ही महाकुंभ का समापन भी हो जाएगा। अंतिम स्नान पर्व के लिए मेला प्रशासन और पुलिस ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस दिन लगभग दो करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है। ऐसे में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की वही व्यवस्थाएं लागू की जाएंगी जो इससे पूर्व हुए वसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा के स्नान के दिन थीं। हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश की भी तैयारी की गई है। शिवभक्तों पर 25 क्विंटल फूल बरसाए जाएंगे। स्नान के लिए 12 किलोमीटर लंबे स्नान घाट बनाए गए हैं।
मेला प्रशासन ने हर सेक्टर में 2 अधिकारी (मजिस्ट्रेट और तहसीलदार) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। श्रद्धालुओं के लिए 25 हजार चेजिंग रूम बनाए गए हैं। महाशिवरात्रि स्नान पर्व के एक दिन पहले अफसरों ने तैयारियों को अंतिम रूप दिया। आईट्रिपलसी में बनाए गए कंट्रोल रूम में 24 घंटे के लिए टीम को तैनात किया गया है, जो हर वक्त हर गतिविधि पर नजर रखेगी।
यह टीम घाटों पर, मेला क्षेत्र में, प्रमुख होल्डिंग एरिया, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए समन्वय बनाने का काम करेगी। जिससे भीड़ बढ़ने पर समय रहते ही श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र के बाहर ही रोका जा सके। मेला क्षेत्र पूरी तरह से एकल मार्ग रहेगा। काली सड़क से प्रवेश और त्रिवेणी मार्ग से निकासी के निर्देश सभी सेक्टर मजिस्ट्रेटों को दिए गए हैं।
करीब के घाटों पर ही करें स्नान
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए अफसरों ने अपील की है कि अपने करीब के घाट पर ही स्नान करें। जिससे स्नान भी हो और व्यवस्था भी बनी रहे। संगम के अतिरिक्त अरैल, झूंसी, रामघाट, दशाश्वमेध घाट, नागवासुकि आदि घाट पर स्नान की व्यवस्था की गई है। मेला प्रशासन ने महाशिवरात्रि से एक दिन पहले घाटों पर पुआल डलवाया। सफाई कराई गई। सफाई कर्मियों को हर घंटे घाट साफ करने का निर्देश दिया गया है।
शिव मंदिरों के आसपास अतिरिक्त सतर्कता
महाकुम्भ नगर। महाशिवरात्रि पर प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु संगम स्नान तो करेंगे ही साथ ही आसपास के शिव मंदिरों में भी जाएंगे। मेला क्षेत्र की बात करें तो सबसे करीब के शिव मंदिरों में दशाश्वमेध, सोमेश्वर महादेव और मनकामेश्वर मंदिर है। इन मंदिरों में सुबह चार बजे से पहले ही शिव भक्तों की कतार लग जाएगी। ऐसे में डीएम महाकुम्भ नगर विजय किरन आनंद ने अफसरों को निर्देश दिया है कि यहां पर कम से कम दो अधिकारी लगातार निगरानी रखें, जिससे किसी प्रकार की समस्या न हो। मंदिर में प्रवेश और निकास पर ध्यान दें। स्वच्छता का ध्यान दें, जिससे जलाभिषेक के बाद फिसलन जैसी स्थिति न होने पाए।
महाशिवरात्रि ‘पूजन’ के साथ विधिवत संपन्न होगा महाकुंभ
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर अंतिम पूजन के साथ कुम्भ के धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण होंगे। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने इसे भारत की सनातन संस्कृति और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह आयोजन विश्व में अनूठा है। इस अद्भुत आयोजन को सफल बनाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी।
जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने महाकुम्भ 2025 के समापन पर कहा, ‘महाकुम्भ हमारी दिव्यताओं का प्रतीक है। हमारी संस्कृति तब से चली आ रही है जब से अम्बर, अग्नि, जल, वायु और मानव अस्तित्व में आए।’ उन्होंने बताया कि कुम्भ के सभी धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण होने के बाद वे काशी पहुंच चुके हैं। महाशिवरात्रि के ‘पूजन’ के साथ महाकुम्भ की परंपरा विधिवत संपन्न हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री गुरुवार को करेंगे महाकुंभ का औपचारिक समापन
13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ बुधवार को महाशिवरात्रि के साथ समाप्त हो जाएगा। इस आयोजन का औपचारिक समापन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 27 फरवरी गुरुवार को करेंगे। सीएम ने इसका ऐलान 27 नवंबर को प्रयागराज में एक कार्यक्रम के दौरान किया था। परेड मैदान पर हुए इस आयोजन में सीएम ने कहा था कि हम अभी शुरुआत में आ रहे हैं और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के बाद महाकुंभ के सफल आयोजन के बाद एक बार फिर आएंगे।
सीएम के प्रयागराज आगमन का मिनट टू मिनट कार्यक्रम तो अभी नहीं आया है, लेकिन अफसरों ने उनके आगमन की पुष्टि कर दी है। इस दौरान मुख्यमंत्री प्रयागराज में महाकुम्भ के सफल आयोजन पर गंगा पूजन कर सकते हैं, साथ ही अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर दर्शन के लिए जाएंगे। वहीं गंगा पंडाल में उनका कार्यक्रम प्रस्तावित है। जहां पर महाकुम्भ को दिव्य-भव्य और डिजिटल बनाने वाले लोगों को मुख्यमंत्री सम्मानित भी करेंगे।
महाकुम्भ में बनाए गए चारों विश्व रिकार्ड के प्रमाणपत्र भी सीएम के सामने दिए जाएंगे। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री दोपहर 12 बजे के आसपास आएंगे। इसके पूर्व सुबह 10 बजे तक ही चौथा विश्व रिकॉर्ड बनाने का काम पूरा हो जाएगा। डीएम महाकुम्भ नगर विजय किरन आनंद का कहना है कि मुख्यमंत्री का मिनट टू मिनट कार्यक्रम फिलहाल नहीं आया है।