शंकराचार्य की तरह देश को जोड़ रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी; काशी तमिल संगमम् में बोले सीएम योगी
सीएम योगी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय सूचना प्रसारण राज्यमंत्री एल. मुरुगन के साथ संगमम् के तीसरे संस्करण दस दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संस्कृतियों को जोड़ा जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संस्कृतियों को जोड़ा जा रहा है। इसका अद्वितीय उदाहरण काशी-तमिल संगमम् है। उन्होंने शनिवार को नमो घाट पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय सूचना प्रसारण राज्यमंत्री एल. मुरुगन के साथ संगमम् के तीसरे संस्करण के दस दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी शंकराचार्य की तरह देश को जोड़ रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि यह आयोजन विकास और विरासत का संगम है। इसकी परिकल्पना ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ पर हुई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आयोजन हजारों वर्ष की पुरानी परंपरा को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि काशी की महत्ता जगजाहिर है। यह प्राचीन काल से आध्यात्मिक, ज्ञान और धरोहर की नगरी के रूप में विख्यात रही है। वहीं तमिल का साहित्य दुनिया के प्राचीनतम साहित्यों में से एक है। महर्षि अगस्त्य ने संस्कृत के साथ तमिल व्याकरण की उस परंपरा को बढ़ाया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ने जिस कार्यक्रम को बढ़ाया, उसका परिणाम है कि महाकुम्भ प्रयागराज में लगभग 51 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगाकर भारत की आस्था को एकता से जोड़ने का काम किया है। यहां जाति-पाति, क्षेत्र का भेद नहीं है, बल्कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को लेकर हर-हर गंगे का उद्घोष करते हुए देश के अलग-अलग कोनों से आए श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।
दस वर्ष में देश में ट्रेडिशनल मेडिसिन को मिला सम्मान
सीएम योगी ने कहा कि जल्द महर्षि अगस्त्य के आयुष-आरोग्यता से जुड़े सिद्ध पद्धति से भी जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा। यह पहली बार हुआ, जब ट्रेडिशनल मेडिसिन को दस वर्ष में देश में सम्मान मिला। आज उसके लिए अनेक अभियान चल रहे हैं। यह कार्यक्रम भी उसी का हिस्सा है।
तमिल भाषी अतिथियों का किया स्वागत
मुख्यमंत्री योगी ने इस मौके पर तमिल भाषी अतिथियों का स्वागत किया। घाट पर केंद्रीय मंत्रियों और आगंतुकों संग फोटो खिंचवाई। प्रदर्शनी का अवलोकन औऱ पुस्तकों का विमोचन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद भी उठाया। इससे पूर्व हवाई सर्वे से काशी में महाकुम्भ के पलट प्रवाह की व्यवस्था देखी। उन्होंने काशी विश्वनाथ में दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद भी लिया।
सांस्कृतिक एकता दिखाने की सबसे बड़ी मिसाल है महाकुम्भः प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि महाकुम्भ ने देश ही नहीं दुनिया के सनातनियों में जागृति पैदा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि संस्कृत की तरह तमिल भी देश की सबसे पुरानी भाषा है, जो सांस्कृतिक एकता दिखाने की सबसे बड़ी मिसाल है। तमिलनाडु में कोई ऐसा मंदिर नहीं जिसमें श्रीकाशी विश्वनाथ महादेव नहीं विराजते। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और संसदीय कार्य राज्यमंत्री डॉ एल. मुरुगन ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना साकार हो रही है।