पर्यावरणीय संकट से निपटने को समझना होगा मानव व्यवहार
Bareily News - बरेली कॉलेज के पर्यावरण विज्ञान विभाग की दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हुआ। विभिन्न देशों के शिक्षाविदों ने प्रदूषण और जैव विविधता संरक्षण पर अपने विचार साझा किए। प्रतिभागियों को पुरस्कार...

बरेली कॉलेज के पर्यावरण विज्ञान विभाग की दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुक्रवार को समापन हुआ। दूसरे दिन केन्या, स्वीडन, स्लोवाकिया, इथियोपिया, हंगरी आदि विभिन्न देशों के शिक्षाविदों ने ऑनलाइन माध्यम से अपने विचार रखे। प्रदूषण से जंग और जैव विविधता के संरक्षण पर देश-विदेश के कुल 30 विद्वानों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। बरेली कॉलेज के एमएड सभागार में अंतिम दिन नाइजीरिया के डॉ. जुबीरुल इस्लाम, कराटिना विश्वविद्यालय केन्या के डॉ. अमोस वाविरे, स्वीडिश यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज स्वीडन के डॉ. जेनी जोस, कोमेनियस विश्वविद्यालय स्लोवाकिया के डॉ. प्रतीक दोषी, अदीस अबाबा साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी इथियोपिया के डॉ. त्सेदेकेच गेब्रेमेसकेल और हंगेरियन यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड लाइफ साइंसेज हंगरी की डॉ. सृष्टि चौहान ने पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर अपने विचार रखे।
वक्ताओं ने जैव विविधता संरक्षण के लिए तकनीकी दृष्टिकोण विकसित करने पर बल दिया। विकासशील देशों की पर्यावरणीय चुनौतियों पर मंथन किया। रानी अवंतीबाई लोधी गवर्नमेंट कॉलेज की डॉ. सुरभि श्रीवास्तव ने कहा कि पर्यावरणीय संकटों से निपटने के लिए मनुष्यों के व्यवहार को समझना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने पर्यावरण जागरूकता, व्यवहार परिवर्तन और नैतिक जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला। आईएफटीएम यूनिवर्सिटी मुरादाबाद के डॉ. समीर चंद्रा ने पौधों की जैव विविधता और उनके संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। आईवीआरआई के डॉ. रवि कुमार गंगवार ने प्रदूषण के पशु स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों की वैज्ञानिक समीक्षा प्रस्तुत की। आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. एपी सिंह ने कहा कि ऐसे सेमिनार न केवल ज्ञानवर्धन का माध्यम होते हैं, बल्कि विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए शोध की नई दिशाओं को भी प्रशस्त करते हैं। आयोजन सचिव डॉ. जसपाल सिंह, निष्ठा सेठ, अनामिका अग्रवाल, प्रो. गौरव भूषण ने भी विचार रखे। प्रतिभागियों को किया गया सम्मानित समापन समारोह में प्रतिभागियों को शील्ड और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। अंजलि,आफरी जुल्फिकार, मुकेश कुमार, नीरज कुमार , हर्षित तिवारी और मंजीत कुमार को इमर्जिंग रिसर्चर अवॉर्ड दिया गया। अभिषेक गौतम, नितिन कुमार , दिनेश कुमार और प्रदीप कुमार को टेक सपोर्ट एक्सीलेंस अवॉर्ड दिया गया। पर्यावरण बाबा के नाम से मशहूर रामवीर शर्मा को आउटस्टैंडिन कंट्रीब्यूट इन एनवायरनमेंटल क्लीनलाइनेस अवार्ड दिया गया। बेस्ट ओरल प्रजेंटेशन मानसी गुप्ता को, बेस्ट पोस्टर प्रेजेंटेशन प्रियांशी पुष्पक, रोहित मौर्य और प्रदीप कुमार को दिया गया। आउटस्टैंडिंग वॉलेंटियर अवॉर्ड निकिता त्रिपाठी और आउटस्टैंडिंग मैनेजमेंट अवार्ड माहिर नजीम को मिला।
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