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एम्‍स के आईसीयू में बैक्टीरिया, तीमारदारों की एंट्री पर रोक; दो गुना बढ़ा दिए सफाई के राउंड

  • एम्स प्रशासन ने ICU में तीमारदारों के एंट्री पर रोक लगा दिया है। इसके अलावा आईसीयू में विसंक्रमण के साथ ही साफ-सफाई की राउंड को भी दो गुना कर दिया गया है। खास बात यह है कि इस कवायद के दौरान आईसीयू को बंद करने की आवश्यक्ता नहीं पड़ी। चरणबद्ध तरीके से समूचे आईसीयू को विसंक्रमित कर दिया गया है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, वरिष्‍ठ संवाददाता, गोरखपुरSat, 25 Jan 2025 11:24 AM
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एम्‍स के आईसीयू में बैक्टीरिया, तीमारदारों की एंट्री पर रोक; दो गुना बढ़ा दिए सफाई के राउंड

Bacteria in ICU: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में खतरनाक बैक्टीरिया की एंट्री हो गई है। इसको खत्म करने के लिए एम्स प्रशासन ने आईसीयू में तीमारदारों के एंट्री पर रोक लगा दिया है। इसके अलावा आईसीयू में विसंक्रमण के साथ ही साफ-सफाई की राउंड को भी दो गुना कर दिया गया है। खास बात यह है कि इस कवायद के दौरान आईसीयू को बंद करने की आवश्यक्ता नहीं पड़ी। चरणबद्ध तरीके से समूचे आईसीयू को विसंक्रमित कर दिया गया है।

एम्स ट्रामा सेंटर के ग्राउंड फ्लोर पर संचालित आईसीयू में छह बेड हैं। बताया जाता है कि करीब नौ दिन पहले एम्स के आईसीयू का संचालन करने वाली टीम के आग्रह पर माइक्रोबायोलॉजी की टीम ने अलग-अलग हिस्से से नमूना लिया था। नमूनों की जांच रिपोर्ट तीन दिन में मिली। आईसीयू के एक बेड के पास मिले नमूने में खतरनाक बैक्टीरिया स्यूडोमोनास की पुष्टि हुई। बेड के पास मिले सैंपल में बैक्टीरिया का हाईग्रेड मिला था। इसके बाद ही माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने आईसीयू को अलर्ट कर दिया।

लगातार आईसीयू को कराया जा रहा है विसंक्रमित

एम्स प्रशासन ने आईसीयू को विसंक्रमित करने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया गया। हर बेड के चारों तरफ सघनता से सफाई कराई गई। आईसीयू की दीवारों के कोने में भी केमिकल डालकर सफाई की गई। इसका असर भी हुआ है तीन दिन पहले हुई दोबारा जांच में बैक्टीरिया बेहद निचले स्तर का मिला है। इसके बावजूद सफाई अभियान जारी है। साथ ही आईसीयू में भर्ती के दौरान मरीज के साथ एंट्री कर जाने वाले तीमारदारों पर बाहर ही रोका जा रहा है।

हो सकता है संक्रमण

स्यूडोमोनास को खतरनाक बैक्टीरिया की श्रेणी में रखा जाता है। यह संक्रामक बैक्टीरिया होता है। डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों के लिए यह सबसे खतरनाक है। मरीज की इम्यूनिटी कम होने पर संक्रमण का कारक बन जाता है। इससे मरीज के कान, श्वसन तंत्र व पाचनतंत्र का संक्रमण हो सकता है।

एम्‍स प्रशासन की बात

मीडिया प्रभारी डॉ.अरूप मोहंती ने कहा कि आईसीयू में जांच की गई थी। एक बैक्टीरिया मिला। उसकी जानकारी आईसीयू संचालन करने वाली टीम को दे दी गई है। आईसीयू को चरणबद्ध तरीके से विसंक्रमित किया जा रहा है।

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