संगीत बच्चों का रचनात्मक विकास करती है: डीआईओएस
Ambedkar-nagar News - अम्बेडकरनगर में लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान और सावित्री बाई फुले राजकीय बालिका विद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में सृजन लोक गायन कार्यशाला का समापन हुआ। 10 दिन चले इस कार्यक्रम में छात्राओं को लोक...

अम्बेडकरनगर, संवाददाता। उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ एवं साविती बाई फुले राजकीय बालिका विद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सृजन लोक गायन का बुधवार को रंगारंग समापन हो गया। इस दौरान लोक गायन का प्रशिक्षण ले रही छात्राओं को प्रमाण पत्र भी बांटे गए। कार्यशाला के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक गिरीश कुमार सिंह और संयोजिका उपमा पाण्डेय ने संयुक्त रूप से माँ सरस्वती की चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन करके कार्यक्रम की शरुआत की। 10 दिनों तक चलने वाले इस कार्यशाला का शुभारम्भ पांच मई को प्रधानाचार्य सरिता के द्वारा किया गया। मुख्य प्रशिक्षक सचिन गिरि ने छाताओं को लोक गायन विधा की जानकारी प्रदान की।
जिला विद्यालय निरीक्षक गिरीश कुमार सिंह ने समापन अवसर पर छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि संगीत मानव जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल एक कला रूप है, बल्कि यह एक शक्तिशाली भाषा भी है जो भावनाओं को व्यक्त करती है, तनाव कम करती है, और लोगों को एक साथ लाती है। संगीत शिक्षा बच्चों के विकास में भी योगदान करती है, उनकी एकाग्रता, स्मृति और रचनात्मकता को बेहतर बनाने में मदद करती है। विशिष्ट अतिथि डॉ तारा वर्मा एवं उपमा पाण्डेय ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रियंका तिवारी द्वारा किया गया। छात्राओं को अन्त में मुख्य अतिथि द्वारा प्रमाण पत्र भी दिया गया। इस अवसर पर सभी शिक्षक और कर्मचारी मौजूद रहे।
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