इंडिया गठबंधन की समन्वय समिति में कृष्णा अल्लावारू, राजेश राम, शकील अहमद खान और मदन मोहन झा का नाम है। इसके अलावा कैंपेन कमेटी में मो. जावेद, मनोज राम, समीर कुमार सिंह, प्रवीण कुशवाहा और कैसर अली का नाम है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में महागठबंधन के नेताओं ने पटना में कैंडल मार्च निकाला। जिसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, शकील अहमद, अब्दुल बारी सिद्दीकी, राजेश राम, मुकेश सहनी समेत सभी घटक दलों के नेता शामिल हुए।
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने नीट पेपर के मास्टर माइंड संजीव मुख्यिा की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस तरह उसकी गिरफ्तारी हुई, उससे साफ है कि उसने सरेंडर किया है। उन्होने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने पर पेपर लीक की न्यायिक जांच कराई जाएगी।
बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में तेजस्वी यादव के नेतृत्व के सवाल पर छह में से पांच दलों के खुलकर बोलने से तेवर दिखा रही कांग्रेस के सुर में नरमी आ गई है। कांग्रेस ने कहा कि यहां यूनिटी और क्लैरिटी है, जबकि एनडीए में कन्फ्यूजन है।
पटना में कांग्रेस नेता सचिन पायलट का अलग अंदाज देखने को मिला। वो गाड़ी ड्राइव करते दिखे। उनके साथ आगे की सीट पर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम बैठे थे। और वो गाड़ी ड्राइव कर रहे थे। जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
कांग्रेसी विधायकों में ओबीसी की हिस्सेदारी सिर्फ दो यानी करीब 10 फीसदी है, जबकि बिहार में उसकी आबादी करीब 63 फीसदी है। इनमें ईबीसी 27.12 फीसदी और बीसी 36.01 फीसदी है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पटना में पार्टी के प्रदेश नेताओं की बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कई टास्क दिए।
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश कुमार और कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद ने रविवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की। जिसमें चुनावी रणनीति और वक्फ कानून को लेकर चर्चा हुई। राहुल गांधी के बिहार दौरे से पहले इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है।
बिहार को चुनावी तैयारियों को रफ्तार देने के लिए एक बार फिर राहुल गांधी बिहार आ रहे है। 7 अप्रैल को संविधान सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होंगे। इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस के नए जिलाध्यक्षों के साथ बैठक भी करेंगे
वक्फ बिल पर नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जीतनराम मांझी के समर्थन देने पर बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने निशाना साधा है। उन्होने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार, जो निष्पक्ष होने का दावा करती थी, उसने सहयोगी दलों के जरिए मुस्लिम समुदाय की पीठ में छुरा घोंपा है।