बिहार के कोर्रही गांव निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता सोमनाथ मिश्रा की मां का निधन हो गया। जनसत्तादल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भैया ने शनिवार को सोमनाथ के घर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान कई...
गुरुदीन पटेल, जो दिव्यांग है, को राजा भैया के परिवार द्वारा ट्राई मोटरसाइकिल दी गई। यह कार्यक्रम बेंती कोठी में आयोजित किया गया। इस अवसर पर कई स्थानीय नेता और लोग मौजूद थे। गुरुदीन ने खुशी से राजा...
राजा भैया के दोनों बेटों की भी राजनीति में एंट्री हो गई है। एमएलसी और राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह की मौजूदगी में दोनों बेटों को पिता की पार्टी जनसत्ता दल की सदस्यता दिलाई गई।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद अपने गुस्से का इजहार करते हुए जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के नेता और यूपी की कुंडा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने लोगों से कश्मीर में पर्यटन का बहिष्कार करने का आह्रवान किया है।
राणा सांगा को लेकर समाजवादी पार्टी सांसद रामजी लाल सुमन के खिलाफ करणी सेना के आंदोलन को यूपी के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का भी साथ मिल गया है। राजा भैया ने जनसत्ता दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं को कल आगरा पहुंचने का निर्देश दिया है।
'एक्स' पर एक पोस्ट में राजा भैया-भानवी सिंह की बेटी राघवी सिंह ने लिखा है कि खेती के सबूत होने के बावजूद सरकार ने मेरी मां की जमीन छीन ली। उनके संपर्क विवरण बदल दिए। कोई नोटिस नहीं भेजा। आप इस अन्याय को बढ़ावा देंगे या निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करेंगे।
राजा भैया लिखते हैं कि महाराणा होते हुए भी युद्ध में सबसे आगे की पंक्ति में लड़ने वाले राणा सांगा ने शरीर पर 80 से अधिक घाव खाये, उनकी एक आंख और एक हाथ भी जाते रहे, लेकिन उनकी पीठ पर एक भी घाव नहीं था। तुष्टिकरण के चलते हमारे महानायकों को खलनायक और गद्दार कहा जा रहा है।'
यूपी के कुंडा में सामूहिक विवाह के लिए 101 बारात एक साथ निकली। कुंडा विधायक राजा भैया, एमएलसी, विधायक ने सभी दूल्हों कास्वागत किया। सात फेरे लेने वाले सभी जोड़ों को दैनिक उपयोग के 73 वस्तुएं उपहार में दी गई।
कुंडा में जनसत्तादल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष राजा भैया के निर्देशन में 24 मार्च को सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस समारोह में 101 कन्याओं के विवाह की तैयारी की जा रही है। वर और कन्या पक्ष...
अक्षय ने कहा कि भइया तो इस विषय पर कुछ कहते नहीं हैं, लेकिन ये अवश्य कहूंगा कि जिस तरह से भानवी सिंह विष वमन कर राजा भइया की छवि धूमिल करने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाए हैं। कोई भी पत्नी अपने पति के लिए कभी भी ऐसा न कहेगी न लिखेगी, उनके इसी व्यवहार के कारण भइया 10 वर्षों से अलग ही रह रहे हैं।'