भागलपुर में परिवहन मित्रों की स्थिति खराब है। उन्हें न तो मानदेय मिला है और न ही वैधानिक अधिकार। संघ के सदस्य वाहन मालिकों की मदद करते हैं, लेकिन आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। वे सरकार से मानदेय और...
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति करने वाले पंप संचालकों की स्थिति बहुत खराब है। उन्हें कई वर्षों से मानदेय का भुगतान नहीं मिला है, जिससे उनका परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। हाल में 51 दिनों तक...
1991 से कातिबों को लाइसेंस देने का प्रावधान है, लेकिन 2003 के बाद से किसी को लाइसेंस नहीं मिला है। 64 कातिब काम कर रहे हैं, जिनका मेहनताना 13 साल से नहीं बढ़ा। कातिबों की समस्याओं में लाइसेंस, बैठने...
भागलपुर के हड़िया पट्टी बाजार में व्यापारियों को अतिक्रमण, ट्रैफिक, और माल की आपूर्ति में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। 100 साल पुराना यह बाजार अब संकरा हो गया है, जिससे ग्राहक आने से कतराने लगे...
शहर में अंतरराज्यीय बस स्टैंड की स्थिति बहुत खराब है। यात्रियों को न शौचालय की सुविधा है और न ही बैठने की। प्राइवेट बसें अलग-अलग राज्यों के लिए यहां से खुलती हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं के अभाव में...
बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की बहाली की गई है, लेकिन उनकी सेवा शर्तें नियमित शिक्षकों से काफी भिन्न हैं। अतिथि शिक्षक भविष्य को लेकर चिंतित हैं और नियमितीकरण की मांग कर रहे...
बरारी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, जो 1985 में बनी थी, अब भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में है। लोग जलजमाव, ड्रेनेज सिस्टम की कमी और सुरक्षा की समस्या का सामना कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने कई बार प्रशासन से...
शहर का चयन जब स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए किया हर का दक्षिण क्षेत्र ठगा महसूस कर रहा
भागलपुर की बंगाली समुदाय ने यहां की संस्कृति और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन आज भी यह समाज असुरक्षा और उपेक्षा का सामना कर रहा है। स्थानीय नेता चाहते हैं कि उनकी विरासत को सहेजने के लिए...
भागलपुर के तिलकामांझी क्षेत्र में ट्रैफिक जाम और खराब सफाई से लोग परेशान हैं। यहां पर अतिक्रमण और साप्ताहिक हटिया की वजह से आवागमन में कठिनाइयाँ हो रही हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि नगर निगम की...