'हमारे मराठा भाइयों से मैं कहना चाहूंगा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की असदुद्दीन ओवैसी बहुत इज्जत करता है और रहेगा इंशाअल्लाह। क्यों करता था, क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज मुसलमानों के खिलाफ नहीं थे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मोदी सरकार मौतों के बारे में सच्चाई छिपाने का प्रयास कर रही है। यह बेहद शर्मनाक और निंदनीय है।
चुनाव नतीजों के बाद ओवैसी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है जिसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधा है और अपने दोनों उम्मीदवारों की रिहाई की दुआ मांगी है।
दिल्ली में दो विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। ओवैसी ने गुरुवार रात ओखला में जनसभा को संबोधित करने के साथ पैदल चलकर प्रचार भी किया। उन्होंने ‘आप’ और भाजपा पर तीखा हमला बोला।
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार रात ओखला में एक जनसभा को संबोधित करते हुए 'आप' प्रमुख अरविंद केजरीवाल बेहद पर बेहद तीखे हमले किए।
ओवैसी ने कहा कि राजनीति में रहकर आप कितना खुद को बचाएंगे। यहां अनिश्चितता तो है ही। यदि कोई हर तरह से कवर है तो वह पीएम ही हैं। उनके अलावा तो हर राजनेता खतरे में है। यदि कोई दीवाना आदमी आपके पीछे पड़ जाए तो कैसे रोक पाएंगे। यदि कोई नेता राजनीतिक दल के लिए प्रतिबद्ध होता है तो वह रुक नहीं सकता।
बेंच ने कहा कि हम सुनवाई के लिए तैयार हैं और इस संदर्भ में पहले से ही दायर कई याचिकाओं के साथ इसे भी संलग्न करते हैं। अब इस मामले की सुनवाई की तारीख 17 फरवरी तय की गई है। वर्ष 1991 के पूजा स्थल कानून में किसी स्थान के धार्मिक चरित्र को 15 अगस्त 1947 के अनुसार बनाए रखने की बात कही गई है।
पूजा स्थल अधिनियम 1991 के क्रियान्वयन की मांग संबंधी एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल यानी दो जनवरी को सुनवाई करेगा।
संभल में जामा मस्जिद के पास पुलिस चौकी के निर्माण पर अब एमआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़ा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी लपेट लिया है। ओवैसी ने यहां तक कह दिया कि पीएम मोदी और सीएम योगी संभल में खतरनाक माहौल बनाने के लिए जिम्मेदार हैं।
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सबसे कम स्नातकों की संख्या भी इसी कौम में हैं। बावजूद इसके सरकार उनकी शिक्षा के लिए कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाती?