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शिक्षा विभाग में आधारभूत कार्यों पर खर्च की होगी जांच

मधुबनी में शिक्षा विभाग के आधारभूत संरचना विकास में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की शिकायतें मिली हैं। स्कूलों में बेंच-डेस्क की आपूर्ति और मरम्मत कार्यों में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। विभिन्न छात्र...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीSun, 27 April 2025 11:39 PM
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शिक्षा विभाग में आधारभूत कार्यों पर खर्च की होगी जांच

मधुबनी, निज संवाददाता। शिक्षा विभाग में आधारभूत संरचना विकास के नाम पर हुए खर्चों में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की शिकायत लगातार सामने आ रही है। स्कूलों में बेंच-डेस्क आपूर्ति से लेकर मरम्मत कार्यों तक में कथित तौर पर बरती गयी अनियमितता का मामला सड़क से लेकर सदन तक उठ चुका है। छात्र संगठन व अन्य संगठनों ने मामले की जांच करने और संबंधित पर सख्त कार्रवा ई किये जाने सहित सरकारी राशि की रिकवरी को लेकर लगातार ज्ञापन दिया है। जिसके आलोक में विभाग ने सभी बिन्दुओं पर जांच कर रिपोर्ट मांगा है। विभिन्न संगठनों के ज्ञापन और विधानसभा में मामला उठने के बाद विभाग ने जांच के आदेश दे दिए हैं। बेंच-डेस्क की आपूर्ति में हुई गड़बड़ी : शिक्षा विभाग में आधारभूत संरचना विकास के नाम पर खर्च की गई भारी-भरकम राशि पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, स्कूलों में आपूर्ति किए गए बेंच और डेस्क की गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। कई स्थानों पर बेंच-डेस्क टूटे हुए पाए गए या तय मानक के अनुरूप नहीं थे। वहीं कई स्कूलों में उपलब्ध कराये गये संख्या से अधिक के फर्जी बिल बनाकर निकासी की गयी है। कई स्कूलों में तो एचएम के भी फर्जी हस्ताक्षर कर निकासी की गयी है वहीं कई स्कूलों में एचएम की मिलीभगत से राशि की निकासी की गयी है। ऐसे स्कूलों में आपूर्ति कुछ किया गया और संख्या अलग दिखाकर राशि की निकासी की गयी।

मरम्मत के नाम पर हुई खानापूरी : इसी तरह स्कूलों में मरम्मत और अन्य कार्यों के नाम पर भी बड़ी रकम खर्च की गई, लेकिन जमीनी स्तर पर इन कार्यों की स्थिति बेहद खराब है। कई स्थानों पर तो विभागीय कर्मियों के परिजनों को ही संवेदक बनाकर कार्य आवंटित कर दिए गए थे। इतना ही नहीं, इन संवेदकों को भुगतान करते समय भी निर्धारित जांच प्रक्रिया को दरकिनार कर जल्दबाजी में भुगतान कर दिया गया। बेंच डेस्क आपूर्ति मामले में भी यही किया गया है। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस पूरे प्रकरण को लेकर कई बार ज्ञापन सौंपा था। साथ ही, हाल ही में विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया गया, जिसके बाद सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, दोषी पाए जाने वाले कर्मियों और संवेदकों पर कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है। शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों ने भी स्पष्ट कर दिया है कि अनियमितताओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डीवाईएफआई व मिथिला मूवमेंट अगेंस्ट करप्सन ने इस संबंध में सीएम को भी ज्ञापन भेजा है।

जांच रिपोर्ट का इंतजार : डीईओ जावेद आलम ने संगठनों से मिली शिकायत के बाद जांच टीम का गठन कर दिया है। इस टीम की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।

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