तो जीत जाते केजरीवाल और सिसोदिया, एक चूक से हार गए AAP के 2 सबसे बड़े दिग्गज
दिल्ली चुनावों के नतीजे आ गए हैं। इन चुनावों में आम आदमी पार्टी चुनाव हार गई है। 'आप' की हार के साथ ही आप के दो सबसे बड़े दिग्गज भी चुनाव हार गए। दोनों दिग्गजों की हार में सबसे बड़ी चूक क्या रही? आइए समझते हैं।
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दिल्ली की सत्ता पर 11 साल से ज्यादा समय तक शासन करने के बाद आम आदमी पार्टी की दिल्ली से विदाई तय हो गई। दिल्ली चुनावों में आम आदमी पार्टी की बहुत बुरी हार हुई है। दिल्ली चुनावों का हाल ऐसा रहा कि 'आप' के बड़े-बड़े दिग्गज भी अपनी सीट बचाने में असफल रहे। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी चुनाव हार गए। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर आम आदमी पार्टी एक चूक ना करती तो 'आप' के दो सबसे बड़े दिग्गज दिल्ली का चुनाव ना हारते।
एक चूक और हार गए AAP के 2 सबसे बड़े दिग्गज
दिल्ली विधानसभा चुनावों के ऐलान से पहले और ऐलान के बाद तक ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दिल्ली का विधानसभा मिलकर लडेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। नतीजा रहा कि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल 4089 वोटों से हार गए और जंगपुरा से मनीष सिसोदिया 675 वोटों से हार गए। इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की हार के अंतर से ज्यादा है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर आम आदमी पार्टी, कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती तो सिसोदिया और केजरीवाल जीत सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
केजरीवाल और सिसोदिया की सीट का क्या हाल
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल, बीजेपी के परवेश वर्मा से चुनाव हार गए। प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को 4089 वोटों से हरा दिया। परवेश वर्मा को कुल 30088 वोट मिले, जबकि अरविंद केजरीवाल को 25999 वोट मिले। इस सीट पर कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। कांग्रेस प्रत्याशी संदीप दीक्षित को कुल 4568 वोट मिले। अरविंद केजरीवाल की परवेश वर्मा से हार का अंतर संदीप दीक्षित को मिले वोटों से कम है। ऐसे में अगर संदीप दीक्षित के हिस्से में आए वोट अरविंद केजरीवाल को मिल जाते, तो वो चुनाव जीत जाते।