कैसे दिल्ली में महिला सीएम देकर भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के आगे खींच दी 'लक्ष्मण रेखा'
- डीयू की छात्र राजनीति से जुड़ी रहीं रेखा गुप्ता को डुसू चुनाव में तब सचिव चुना गया था, जब अलका लांबा अध्यक्ष बनी थीं। भाजपा की 20 राज्यों में सरकार है और वह पार्टी की अकेली महिला सीएम होंगी। पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहीं रेखा को चुनने की कई वजहें हैं और इनमें से एक अरविंद केजरीवाल भी हैं।
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दिल्ली में मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा ने ठीक 11 दिन बाद सस्पेंस खत्म कर दिया है। 8 फरवरी को नतीजे आने के बाद से ही प्रवेश वर्मा, वीरेंद्र सचदेवा समेत कई नाम रेस में थे, लेकिन मौका रेखा गुप्ता को मिला है। शालीमार बाग विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं रेखा गुप्ता दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। भाजपा ने दिल्ली को दूसरी बार महिला सीएम दिया है। इससे पहले उसकी तरफ से सुषमा स्वराज सीएम रह चुकी हैं। रेखा गुप्ता भाजपा के संगठन में लंबे समय से काम कर रही हैं। डीयू की छात्र राजनीति से जुड़ी रहीं रेखा गुप्ता को डुसू चुनाव में तब सचिव चुना गया था, जब अलका लांबा अध्यक्ष बनी थीं। भाजपा की 20 राज्यों में सरकार है और वह पार्टी की अकेली महिला सीएम होंगी। पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहीं रेखा गुप्ता को चुनने की कई वजहें हैं और इनमें से एक अरविंद केजरीवाल भी हैं। समझिए कैसे...
रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर भाजपा ने वैश्य समुदाय को साधने का प्रयास किया है, जो उसका सशक्त वोटबैंक माना जाता है। यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हरियाणा समेत तमाम राज्यों में भाजपा ने अलग-अलग समुदायों को साधा है, लेकिन एक वैश्य सीएम बाकी था। ऐसे में भाजपा ने रेखा गुप्ता को मौका देकर वैश्य समाज को भी लुभाने की कोशिश की है। इसके अलावा दिल्ली में महिला मतदाताओं को भी भाजपा ने एक संदेश देने की कोशिश की है। वह एक गैर-विवादित नेता मानी जाती हैं और संगठन में भी लंबे समय से काम करती रही हैं। आरएसएस से करीबी और उसके छात्र संगठन एबीवीपी से निकलकर आईं रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाए जाने से पार्टी के भीतर किसी तरह का अंतर्द्वंद्व भी नहीं होगा।
इसके अलावा सबसे अहम फैक्टर पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल हैं। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को राजनीतिक पैंतरे चलने का माहिर माना जाता है। अकसर वह एजेंडा सेट करने में आगे रहे हैं, लेकिन एक महिला मुख्यमंत्री पर अनर्गल आरोप लगा पाना मुश्किल होगा। महिला सीएम सामने होने पर उन्हें मर्यादा की लक्ष्मण रेखा का हमेशा ख्याल रखना होगा। यह भी एक फैक्टर है कि भाजपा ने रेखा गुप्ता को मौका दिया है। वह भी एक कुशल वक्ता हैं औऱ हमेशा विवादों से परे रही हैं। उन्हें भाजपा संगठन में कामकाज का लंबा अनुभव है तो वहीं विवादों से भी दूर हैं। ऐसे में अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्षी नेता के सामने वह संतुलित तरीके से सत्ता का संचालन कर सकेंगी।
आतिशी और रेखा की तुलना से केजरीवाल को घेरने की तैयारी
अब मुख्य बात यह भी है कि आम आदमी पार्टी ने भी अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को सीएम बनाया था। वह महिला सीएम थीं, लेकिन आम आदमी पार्टी लगातार उन्हें अस्थायी मुख्यमंत्री कहती रही। भाजपा ने इसे उनके अपमान के तौर पर पेश किया था। अब रेखा गुप्ता के तौर पर फुलटाइम सीएम देकर भाजपा आम आदमी पार्टी को घेरना चाहेगी कि कैसे आपने एक महिला को अस्थायी सीएम कहा, जबकि हमने पूरे 5 साल के लिए मौका दिया है। इस तरह महिला कार्ड खेलकर भाजपा दिल्ली में बढ़त बनाए रखना चाहेगी।