दिल्ली की हार के बाद AAP में पहली टूट, MCD के 3 पार्षद भाजपा में शामिल
- दिल्ली के विधानसभा चुनावों में बुरी तरह मात खाने के बाद AAP को शनिवार को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब MCD के उसके तीन पार्षद BJP में शामिल हो गए। पार्टी अध्यक्ष सचदेवा ने उनका स्वागत किया।
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दिल्ली के विधानसभा चुनावों में बुरी तरह मात खाने के बाद आम आदमी पार्टी को शनिवार को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब MCD के उसके तीन पार्षद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली।
इस दौरान दिल्ली नगर निगम की पार्षद अनिता बसोया, निखिल चपराना और धर्मवीर सिंह भाजपा में शामिल हुए। पार्टी अध्यक्ष सचदेवा ने उन्हें पार्टी के झंडे वाला पटका पहनाकर भाजपा में उनका स्वागत किया।
इस मौके पर बोलते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बताया कि अनिता बसोया वार्ड 145 एंड्रूस गंज से AAP पार्षद थीं, जिन्होंने भाजपा की सदस्यता ली है। वहीं हरिनगर वार्ड नंबर 183 से पार्षद निखिल चपराना ने भी AAP को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। उनके अलावा आरकेपुरम वार्ड से पार्षद धरमवीर सिंह भी पार्टी में आए।
इस मौके पर बोलते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बताया कि अनिता बसोया वार्ड 145 एंड्रूस गंज से AAP पार्षद थीं, जिन्होंने भाजपा की सदस्यता ली है। वहीं हरिनगर वार्ड नंबर 183 से पार्षद निखिल चपराना ने भी AAP को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। साथ ही उन्होंने बताया कि आरकेपुरम वार्ड से पार्षद धरमवीर सिंह दो बार के पार्षद हैं और हमारे विधायक अनिल शर्मा जी के काम से प्रभावित होकर पार्टी में आए हैं।
इस मौके पर संदीप बसोया भी भाजपा में शामिल हुए, वह आम आदमी पार्टी नई दिल्ली के जिलाध्यक्ष रहे हैं।
बता दें कि अप्रैल में MCD के महापौर पद का चुनाव होना है और भाजपा पूरजोर कोशिश कर रही है कि इस बार महापौर उसकी पार्टी का हो। MCD से महापौर का पिछला चुनाव नवंबर 2024 में हुआ था और उस समय AAP के महेश खिंची ने भाजपा के किशन लाल को तीन वोटों से हरा दिया था। उस समय कुल 263 वोट डाले गए थे, जिनमें से खिंची को 133, लाल को 130 वोट मिले थे, जबकि दो वोट अवैध घोषित हुए थे।
MCD में कुल 250 पार्षद सीटें हैं। इनमें से 11 पार्षद सांसद और विधायक बन चुके हैं। इस तरह अब पार्षदों की संख्या 239 बची है, जिनमें से 119 सत्तारूढ़ AAP के हैं। भाजपा के 113 पार्षद हैं, जबकि 7 पार्षद कांग्रेस के हैं। अब AAP के इन तीन पार्षदों के निकल जाने के बाद उसके पार्षदों की कुल संख्या 116 रह गई है। इस तरह से भाजपा और AAP के पार्षदों के बीच का अंतर महज तीन रह गया है।
(वार्ता इनपुट के साथ)