दिल्ली से सटा फरीदाबाद मंडल बोर्ड के परीक्षा परिणाम में पिछड़ा
फरीदाबाद, पलवल और नूंह के बोर्ड परीक्षा परिणाम में गिरावट आई है। फरीदाबाद में 11825 छात्रों में से 9632 उत्तीर्ण हुए, जबकि नूंह में 32 प्रतिशत छात्र अनुत्तीर्ण रहे। अध्यापकों की कमी और नकल की घटनाओं...

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवादाता। दिल्ली से सटा फरीदाबाद मंडल बोर्ड परीक्षा के परिणाम में पिछड़ गया। फरीदाबाद सहित तीनों जिले छात्र प्रदेश में निचले पायदान पर रहने वाली परिपाटी को बदल नहीं पाए। अब बोर्ड द्वारा खराब परिणाम पर समीक्षा के लिए बैठकें होंगी। हर बार बैठक में अध्यापकों की कमी और संसाधनों का अभाव एक बड़ी समस्या सामने आती है। इन समस्याओं को समाप्त करने की दिशा सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाते। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने मंगलवार को 12वीं कक्षा के परिणाम जारी कर दिए और 10वीं कक्षा के परिणाम 16 मई को जारी होगी। इस बार की तरह इस बार फरीदाबाद, पलवल और नूंह क्रमश: प्रदेश में 20वें, 21वें और 22वें स्थान पर रहे हैं।
इसमें फरीदाबाद के 11825 छात्रों में से 9632 उत्तीर्ण, जबकि 623 अनुत्तीर्ण व 1570 की कंपार्टमेंट आई। वहीं पलवल में 10201 छात्रों में से 7731 उत्तीर्ण और 829 अनुत्तीर्ण हुए। प्रदेश में चरखी दादरी व कुरुक्षेत्र के बाद नूंह में सबसे कम यानि 7588 छात्रों ने परीक्षा दी। इनमें से लगभग 32 प्रतिशत यानि 2358 छात्र परीक्षाओं में विफल हुए हैं। विशेषज्ञों की माने तो अध्यापकों की कमी और मौजूद अध्यापकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्त रखना है। तीनों जिलों में हैं अध्यापकों की कमी स्मार्ट सिटी में जेबीटी, टीजीटी, पीजीटी, सीएंडवी और एचकेआरएन के तहत साढ़े हजार अध्यापकों की आवश्यकता है। इनमें से करीब 30 प्रतिशत यानि 1950 अध्यापकों की कमी है। इसी प्रकार ने पलवल में भी 5340 अध्यापकों की आवश्यकता है। यहां पर भी 21 प्रतिशत 1122 अध्यापकों की कमी बताई जा रही है। वहीं नूंह जिले में करीब 390 विद्यालय हैं। इनमें शिक्षा व्यवस्था को बनाने के लिए साढ़े हजार अध्यापकों की आवश्यकता है। इसमें से करीब 5400 अध्यापक कार्यरत हैं। वहीं 1100 अध्यापकों के पद रिक्त हैं। इसमें भी प्रमुख विषय जैसे गणित, अंग्रेजी, विज्ञान, अर्थशास्त्र, अकाउंटेंसी सहित विषयों के अध्यापकों की कमी है। नूंह में सबसे अधिक नकल के मामले पकड़े गए थे करीब डेढ़ महीने चली बोर्ड परीक्षाओं में हरियाणा में सबसे अधिक नकल मामले प्रकाश में आए थे। शुरुआत की दो परीक्षाओं में 50 से अधिक नकलची पकड़े गए थे। इसमें वह भी शामिल हैं, जो छात्र के स्थान पर अन्य लोग परीक्षा देने पहुंचे थे। परीक्षा के दौरान 100 अधिक मामले पकड़े गए थे। इसके अलावा चार केंद्रों पर प्रश्नपत्र लीक होने पर परीक्षा रद्द की गई थी। ऐसा ही कुछ पलवल का भी था। यहां पर भी दो केंद्रों की परीक्षा रद्द की गई थी और 80 से अधिक नकल के मामले बने थे। नीति आयोग के प्रयास भी विफल नीति आयोग ने नूंह के शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए संपूर्णता अभियान शुरू किया था। इसके तहत सरकारी स्कूलों में माहौल तैयार करने की दिशा में कार्य किए जाने थे। इसके अलावा नूंह के निवासियों के शारीरिक व मानसिक विकास को भी बेहतर बनाना भी योजना शामिल है। इसके अलावा शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने के लिए ई-साथ शुरू किया गया, लेकिन नीति आयाेग के बदलावों का प्रभाव अभी दिखाई नहीं दिया। परिणाम सुधरने की बजाय लगातार कम होता जा रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार नूंह के परिणाम में गिरावट आई है। इस बार का परिणाम 45.76 प्रतिशत रहा, जबकि पिछले वर्ष 56.83 प्रतिशत और वर्ष 2023 में 74.27 प्रतिशत रहा था। अध्यापकों से पढ़ाई का काम कम अन्य कार्य ज्यादा कराए जाते हैं। इसके अलावा स्टाफ की कमी सबसे बड़ी समस्या है। हर बार परिणाम के दौरान चिंतन-मनन होता है, लेकिन उस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जाते। वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर तीसरा बड़ा कारण है। इन्हीं कारणों से परिणाम गिरता जा रहा है। मुख्यमंत्री का मॉडल संस्कृति बड़ा सपना है, लेकिन वहां ही अध्यापकों की कमी है। -डॉ. परेश गुप्ता, पूर्व प्रधानाचार्य, राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनआईटी तीन अध्यापकों की ट्रांसफर ड्राइव ग्रीष्म अवकाश के बाद होगी। इसे संभवतया फरीदाबाद और नूंह में अध्यापकों की कमी नहीं रहेगी। इसके अलावा चुनाव संपन्न हो गए हैं। अब उम्मीद है कि उन्हें गैर शैक्षिक कार्यों में न लगाया जाए। संभवतया अगले वर्ष अच्छा परिणाम रहेगा। वहीं परिणाम को लेकर होने वाली बैठक में जोभी आदेश आएंगे उसके अनुरूप काम किया जाएगा। -अजीत सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी
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