कोई नई बात नहीं, US से भारतीयों को निकाले जाने पर क्या बोले जयशंकर
- राज्यसभा में एस जयशंकर ने कहा, '...यह सभी देशों की जिम्मेदारी है कि अगर उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रहते पाए जाते हैं, तो उन्हें वापस लिया जाए...।'

अवैध प्रवासियों के भारत लौटने के बाद पहली बार विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अवैध रूप से रह रहे नागरिकों को वापस लेना देशों की 'जिम्मेदारी' बताया है। बुधवार को ही पंजाब के अमृतसर में 100 से ज्यादा ऐसे भारतीय लौटे हैं, जिन्हें अमेरिका में अवैध प्रवासी करार दे दिया गया था। भारत वापस लौटने के तरीकों को लेकर विपक्ष भी जमकर विरोध जता रहा है।
राज्यसभा में एस जयशंकर ने कहा, '...यह सभी देशों की जिम्मेदारी है कि अगर उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रहते पाए जाते हैं, तो उन्हें वापस लिया जाए...।' उन्होंने यह भी कहा है कि डिपोर्टेशन की प्रक्रिया नई नहीं है। अमेरिका से सेना के विमान के जरिए 104 भारतीय वापस लौटे हैं। विमान बुधवार को श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंड हुआ था।
हाथ बांधे जाने को लेकर क्या कहा
विदेश मंत्री ने कहा, 'अमेरिका की तरफ से किए जा रहे डिपोर्टेशन का काम इमीग्रेशन एंड कस्टम एन्फोर्समेंट (ICE) की तरफ से किया जा रहा है। ICE जिन SOP पर काम करता है वह साल 2012 से प्रभावी है। उसमें बांधे जाने की बात कही गई है। हमें ICE ने बताया है कि महिलाओं और बच्चों को बांधा नहीं गया था।'
उन्होंने कहा, '..हम अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो।'
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला की तरफ से गए सवाल का जवाब देते हुए विदेश ने कहा, 'हम जानते हैं कि कल 104 लोग वापस भारत पहुंचे हैं। हमने ही उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की है...हमें ऐसा नहीं समझना चाहिए कि यह कोई नया मुद्दा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो पहले भी होता रहा है...।'
अब तक कितने लोग भेजे गए
विदेश मंत्री ने सदन में साल 2009 से लेकर 2025 तक भेजे गए लोगों का ब्योरा भी दिया है। उन्होंने बताया कि 2009 में 734, 2010 में 799, 2011 में 597, 2012 में 530, 2013 में 550, 2014 में 591, 2015 में 708, 2016 में 1303, 2017 में 1024, 2018 में 1180, 2019 में 2042, 2020 में 1889, 2021 में 805, 2022 मं 862, 2023 में 670, 2024 में 1368 और 2025 में 104 लोगों को डिपोर्ट किया गया है।
विपक्ष उठा रहा था सवाल
विपक्षी दलों के कई सांसदों ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस भेजने के तरीके को लेकर गुरुवार को सरकार की आलोचना की तथा प्रवासियों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर सवाल उठाए। निर्वासित लोगों ने दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ-पैरों में हथकड़ी लगी रही और अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही उन्हें खोला गया।