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आतंकवादी जैसा सलूक, PM मोदी ने ट्रंप के सामने क्यों नहीं उठाया मसला; पगड़ी उतरवाने से भड़का SGPC

  • एसजीपीसी के जनरल सेक्रेटरी गुरुचरण सिंह ग्रेवाल ने तो इस मामले में सीधे पीएम मोदी से ही दखल देने की मांग की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को ट्रंप से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम जब गए तो उन्होंने आखिर ट्रंप से इस बारे में बात क्यों नहीं की। आखिर क्यों सिखों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार किया गया?

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, चंडीगढ़Mon, 17 Feb 2025 12:15 PM
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आतंकवादी जैसा सलूक, PM मोदी ने ट्रंप के सामने क्यों नहीं उठाया मसला; पगड़ी उतरवाने से भड़का SGPC

अमेरिका से भारत वापस भेजे गए अवैध प्रवासियों में से 24 सिखों के सिर से पगड़ी उतरवा ली गई। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने अमेरिकी अथॉरिटीज पर यह आरोप लगाया और कहा कि सिख समुदाय के लोगों के साथ ऐसा बर्ताव किया गया कि जैसे वे कोई आतंकी हों। सिख संस्था ने कहा कि समुदाय के युवकों को धार्मिक मान्यता न मानने के लिए मजबूर करना गलत था और उनका उत्पीड़न करने जैसा है। शनिवार को अमेरिका से आए दूसरे विमान में ये 24 लोग सवार थे, जिनके सिरों पर पगड़ी नहीं थी। इनके नंगे सिर देखते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उन्हें पगड़ियां दिलाईं। इसके बाद उन्हें रुकने की जगह दी गई। स्वर्ण मंदिर की सराय में ही आराम करने के बाद उन्हें घर जाने दिया गया।

एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि अमेरिका का रवैया बेहद असंवेदनशील है। एक शख्स ने बताया कि एयरपोर्ट पर उतरते ही सिख प्रवासियों को एसजीपीसी के सदस्यों ने एक कपड़ा भेंट किया ताकि वे अपना सिर ढंक सकें। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्हें नंगे सिर देखा गया था। एयरपोर्ट उतरने के बाद प्रवासियों को अपने घरों के लिए निकलने का भी इंतजार करना पड़ा। करीब 7 घंटे में सभी प्रवासियों के दस्तावेज पूरे हुए और फिर उन्हें भेजा गया। एसजीपीसी के सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि प्रवासियों के साथ ऐसा व्यवहार किया गया कि जैसे वे कोई अतिवादी या आतंकवादी हों।

प्रताप सिंह ने कहा, 'इन लोगों के हाथ बांधे गए और चेन डाली गई। इस तरह उनके मूल अधिकारों का उल्लंघन किया गया। इसके अलावा धार्मिक भावनाएं भी आहत की गईं। हम इसकी निंदा करते हैं। अवैध प्रवासी कोई आतंकवादी या अपराधी नहीं थे। वे लोग तो पीड़ित हैं, जिनके प्रति संवेदना रखनी चाहिए।' सिख संस्था ने कहा कि इस मामले को विदेश मंत्री एस. जयशंकर को अमेरिका के समक्ष उठाना चाहिए। सिखों की भावनाएं आहत हुई हैं और इस पर अमेरिका से जवाब मांगना जरूरी है। अमृतसर पहुंचे प्रवासियों के लिए एसजीपीसी की ओर से लंगर का भी आयोजन किया गया। इसके अलवा उन्हें रात में रुकने के लिए गोल्डन टेंपल परिसर में ही जगह दी गई।

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एसजीपीसी की ओर से कहा गया कि जिन लोगों को घर तक जाने के लिए साधन की जरूरत थी, उन्हें वह सुविधा भी दी गई। एसजीपीसी के जनरल सेक्रेटरी गुरुचरण सिंह ग्रेवाल ने तो इस मामले में सीधे पीएम मोदी से ही दखल देने की मांग की। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को ट्रंप से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे पीएम जब अमेरिका गए तो उन्होंने आखिर ट्रंप से इस बारे में बात क्यों नहीं की। आखिर क्यों सिखों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार किया गया? बता दें कि पंजाब सरकार के एनआरआई मिनिस्टर कुलदीप सिंह धालीवाल और कैबिनेट के उनके साथी हरभजन सिंह अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचे थे। इन लोगों ने प्रवासियों को रिसीव किया।

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