Encounter lasted for 25 minutes, hardcore Naxalites Uday and Aruna killed total 3 killed 25 मिनट तक चला एनकाउंटर, हार्डकोर नक्सली उदय और अरुणा ढेर; अंजू भी मारी गई, India News in Hindi - Hindustan
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25 मिनट तक चला एनकाउंटर, हार्डकोर नक्सली उदय और अरुणा ढेर; अंजू भी मारी गई

यह मुठभेड़ किंतुकुरु गांव के पास मरेडुमिल्ली और रामपचौड़वरम क्षेत्रों के बीच हुई। सुरक्षाबलों ने 16 माओवादियों के एक समूह को देखा। लगभग 25 मिनट की गोलीबारी के बाद तीन शव बरामद किए गए।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानWed, 18 June 2025 12:15 PM
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25 मिनट तक चला एनकाउंटर, हार्डकोर नक्सली उदय और अरुणा ढेर; अंजू भी मारी गई

आंध्र प्रदेश पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। आलुरी सीताराम राजू जिला में आंध्र-ओडिशा सीमा विशेष जोनल समिति (AOBSZC) को बड़ा झटका लगा है। माओवादी संगठन के केंद्रीय समिति सदस्य और AOBSZC सचिव गजरला रवि उर्फ उदय के साथ-साथ पूर्वी डिवीजन सचिव रवि वेन्का चैतन्य उर्फ अरुणा मारे गए। एक अन्य महिला नक्सली अंजू भी मारी गई है।

यह मुठभेड़ किंतुकुरु गांव के पास मरेडुमिल्ली और रामपचौड़वरम क्षेत्रों के बीच हुई। सुरक्षाबलों ने 16 माओवादियों के एक समूह को देखा। लगभग 25 मिनट की गोलीबारी के बाद तीन शव बरामद किए गए। उनकी पहचान उदय, अरुणा और अंजू के रूप में हुई है।

कौन था उदय?

गजरला रवि ऊर्फ उदय की उम्र 62 वर्ष थी। वह तेलंगाना के वरंगल जिले के वेलिसाला गांव का निवासी था। 1980 के दशक में पीपुल्स वार ग्रुप (PWG) में शामिल हुआ और रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन (RSU) का नेता रहा। तेलंगाना में PWG को झटके लगने के बाद उसे आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्र में भेजा गया। वह 2004-05 में वाईएस राजशेखर रेड्डी सरकार से शांति वार्ता के लिए आने वाले PWG प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा था। उसका पूरा परिवार उग्रवाद से जुड़ा रहा है। पत्नी जमीला, बड़ा भाई आजाद, भाभी सभी मुठभेड़ों में मारे गए। छोटा भाई आइतू आत्मसमर्पण कर चुका है।

कौन थी अरुणा?

अरुणा मूलतः विशाखापत्तनम जिले के पेंडुर्थी मंडल के करकवानीपालेम गांव की रहने वाली थी। लगभग 25 साल पहले माओवादी आंदोलन में शामिल हुई थी। वह माओवादी केंद्रीय समिति के नेता प्रतापरेड्डी रामचंद्र रेड्डी उर्फ चलापति की पत्नी थी। हाल में दंडकारण्य क्षेत्र में उसके पति की मुठभेड़ में मौत हुई थी। उसका भाई आजाद गलीकोंडा एरिया कमांडर था। 2015 में कोय्यूर मंडल में मारा गया था। सूत्रों के अनुसार, अरुणा हाल के दिनों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थी।

AOBSZC माओवादियों के लिए एक प्रमुख गढ़ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में आंध्र-ओडिशा सीमा पर माओवादियों को लगातार झटका लगा है है। सुरक्षाबलों के एनकाउंटर में कई नक्सली मारे हए हैं।

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