घर में रोज सुबह-शाम धूप अगरबत्ती जलाने वाले हो जाएं सावधान, सेहत को हो सकते हैं ये 5 नुकसान
- Agarbatti Jalane Ke Nuksan: पूजा-पाठ के लिए अगरबत्ती और धूप का इस्तेमाल करने वाले लोग अनजाने में अपनी सेहत को कई बड़े नुकसान पहुंचा रहे होते हैं। बता दें, इन दोनों ही चीजों को जलाने से उठने वाला धु्ंआ आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
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अगर आप रोजाना अपने दिन की शुरुआत घर के मंदिर में पूजा-पाठ के लिए धूप- अगरबत्ती जलाकर करते हैं तो आपको समय रहते अपनी आदत बदल देनी चाहिए। जी हां, ऐसा करके आप अनजाने में आप अपनी सेहत को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं। अगर आपको यह बात सनकर हैरानी हो रही है तो आपको बता दें, यहां बात पूजा-पाठ की नहीं बल्कि पूजा करने के लिए जलाई जाने वाली धूप और अगरबत्तियों की हो रही है। दरअसल, धूप-अगरबत्ती को जलाने से उठने वाला धु्ंआ आपकी सेहत के लिए कई बड़े खतरे पैदा कर सकता है। कई शोध में यह पाया गया कि अगरबत्ती और धूपबत्ती में इस्तेमाल होने वाले पॉलीएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) का असर फेफड़ों पर बहुत बुरा पड़ता है। आइए जानते हैं धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा घरों में यूज की जाने वाली धूप- अगरबत्ती सेहत को क्या नुकसान पहुंचाती हैं।
धूप- अगरबत्ती जलाने से सेहत को होने वाले नुकसान
फेफड़ों पर बुरा असर
अगरबत्ती के धुएं में मौजूद केमिकल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। कई शोध बताते हैं कि अगरबत्ती और धूप में इस्तेमाल होने वाले पॉली एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) का बुरा असर फेफड़ों पर पड़ता है। इनसे निकलने वाला धुआं शरीर की कोशिकाओं पर बुरा असर डालता है और यह सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा जहरीला होता है। बता दें, अगरबत्ती के धुएं में मौजूद केमिकल से फेफड़ों की झिल्लियों में संक्रमण हो सकता है। इसके धुंए में लगातार रहने से फेफड़ों की कोशिकाओं में सूजन आ सकती है।
स्किन एलर्जी
लंबे समय तक धूप और अगरबत्ती का उपयोग करने से आंखों और त्वचा से जुड़ी एलर्जी हो सकती है। इन चीजों को जलाने से निकलने वाला धुआं आंखों में जलन पैदा करता है। जबकि संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को इस धुएं के संपर्क में आते ही त्वचा में खुजली महसूस हो सकती है।
दिमाग पर डालता है बुरा असर
खुशबूदार धूप और अगरबत्ती से निकलने वाला केमिकलयुक्त धुआं व्यक्ति की दिमागी सेहत पर भी बुरा असर डाल सकता है। लंबे समय तक इन चीजों का प्रयोग करने से सिरदर्द, एकाग्रता में कमी, डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसे रोगों का खतरा भी बढ़ सकता है।
सांस लेने की क्षमता पर बुरा असर
सीपीसीबी पैनल के अनुसार, यह धुआं श्वसन तंत्र को भी प्रभावित करता है। कई शोध के मुताबिक लगातार अगरबत्ती के धुएं में रहने से सांस लेने की क्षमता 30 प्रतिशत तक प्रभावित हो सकती है। बता दें, अगरबत्ती जलाने से हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड फैलती है। जिसकी वजह से फेफड़ों में सूजन और सांस सबंधी कई दिक्कतें हो सकती हैं। अगरबत्ती के धुएं में मौजूद कण, गैस, और कार्बनिक यौगिक सांस के रास्ते शरीर में पहुंचने पर वायुमार्ग को कमजोर कर देते हैं।
कैंसर का खतरा
अगरबत्ती और धूपबत्ती का धुआं खासतौर पर फेफड़ों की सेहत पर बुरा असर डालता है। इस धुआं में लंबे समय तक रहने से व्यक्ति के लिए अस्थमा, सीओपीडी, फेफड़ों का कैंसर, श्वासनली का कैंसर, डिमेंशिया, सिरदर्द, माइग्रेन जैसी समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है।
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