पांच साल पहले पूरी होने वाली गांवों की जलापूर्ति योजना आज भी अधूरी
धनबाद के 446 गांवों में पानी पहुंचाने का काम धीमी गति से चल रहा है। अधिकारियों ने काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है। दो एजेंसियों को गोविंदपुर मेगा जलापूर्ति योजना का काम सौंपा गया है, लेकिन काम...

धनबाद, संवाददाता। धनबाद के 446 गांवों में पानी पहुंचाने के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। साथ ही काम की धीमी गति पर नाराजगी जताई गई। दो एजेंसी को गोविंदपुर मेगा जलापूर्ति योजना का काम मिला है। आठ महीने बीत गए, लेकिन 446 गांवों में पानी पहुंचाने का काम धीमी गति से किया जा रहा है। इस बाबत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (पीएचईडी) ने एजेंसी श्रीराम ईपीसी और मेसर्स सियान एजेंसी को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है। अधिकारियों का कहना है कि काम आवंटन के बाद से एजेंसियों के काम की रफ्तार काफी धीमी है। काम आवंटन के बाद से कई अड़चनें आईं, जिसे दूर कर दी गई हैं। काम आवंटन के बाद से धरातल पर एजेंसी सिर्फ पांच प्रतिशत ही कर काम कर पायी है, जबकि 2026 तक योजना को पूरा करना है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में इजराइल की कंपनी टहल को यह काम दिया गया था। एजेंसी ने करीब 40 प्रतिशत काम किया, जबकि 2017-20 तक योजना पूरा करना था। इस बीच काम की गति काफी धीमी रही। कई बार काम में तेजी लाने का निर्देश दिया, लेकिन एजेंसी की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसके बाद एजेंसी को बीच में ही टर्मिनेट कर विभाग ने फ्रेश टेंडर निकाल कर नॉर्थ और साउथ जोन में बांटकर दो एजेंसियों को काम सौंप दिया। श्रीराम ईपीसी को 431 करोड़ की लागत से 320 गांव और श्री सियान एजेंसी को 221 करोड़ की लागत से 126 गांवों में पानी पहुंचाने का काम मिला है, ताकि लोगों तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था शुरू की जाए, लेकिन आज भी स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। मैथन और पंचेत डैम में इंटेकवेल बनाना है। 20 से अधिक जगहों पर जलमीनार बनानी है। गांव-गांव तक पाइपलाइन बिछानी बाकी है।
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