पोलियो वैक्सीन नपुंसक बनाने की साजिश; पाकिस्तान में अफवाहों की वजह से वैक्सीनेशन टीम पर हमला
- Pakistan: पोलियो की बीमारी से दशकों से लड़ रहे पाकिस्तान के लिए अभी भी अफवाह सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। पोलियो वैक्सीनेशन टीमों को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। खैबर पख्तूनख्वा में एक टीम पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, जिसकी वजह से वहां तैनात पुलिसकर्मी की मौत हो गई।
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दुनियाभर के तमाम प्रयासों के बावजूद भी पाकिस्तान पोलियो जैसी बीमारी पर नियंत्रण पाने में विफल रहा है। लेकिन इसके साथ ही आम जनता के बीच में फैली गलत धारणाओं ने भी वैक्सीनेशन के काम को और धीमा कर दिया है। हाल ही में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में वैक्सीनेशन टीम के ऊपर हमला करके पुलिस के जवान की गोली मार का हत्या कर दी। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे पाकिस्तान में वैक्सीनेशन टीमों को अपने साथ पुलिस के हथियारबंद जवानों को रखना पड़ता है, जिससे कोई अप्रिय घटना न घटे।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के 21 जिलों में पोलियो वायरस के लक्षण मिले हैं। पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम को चलाने के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, सीडीसी, गेट्स फाउंडेशन, रोटरी इंटरनेशनल, गावी और यूएसएआईडी के विशेषज्ञ एक साथ आए। पाकिस्तानी सरकार के सहयोग से पूरे पाकिस्तान में एक सप्ताह का कार्यक्रम चलाया गया। लेकिन इस कार्यक्रम के लिए अफवाहें और गलत सूचना की वजह से सुरक्षा की चुनौती सामने आ रही है।
दशकों से इस बीमारी के खिलाफ लड़ते आ रही पाकिस्तानी सरकार को अभी भी उसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एक सप्ताह से चल रहे इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम में स्थानीय लोगों को विरोध की वजह से कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। उनकी विरोध के वजह वही पुरानी धारना है कि पोलियो वैक्सीन के जरिए बच्चों की नसबंदी करके उन्हें नपुंसक बना दिया जाता है।
पोलियो अभियान का हिस्सा एक वैक्सीनेशन टीम पर भी खैबर पख्तूनख्वा में इसी वजह से एक बंदूकधारी ने हमला कर दिया। इसमें टीम की सुरक्षा कर रहे पुलिस के जवान की मौत हो गई। इस क्षेत्र के उग्रवादी समूह लंबे समय से इस अभियान का विरोध कर रहे हैं। वैक्सीनेशन टीम पर हमले की घटना पाकिस्तान में नई नहीं है। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में भी एक घटना हुई थी। इस हमले में आतंकवादियों ने एक स्वास्थ्य कर्मी और दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
पाकिस्तानी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 1990 से लेकर आज तक कई बार पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम चलाए गए हैं। हर बार इसमें उग्रवादी समूह गलत सूचना फैला कर लोगों को भड़काने का काम करते हैं। इस कार्यक्रम की रक्षा करते हुए अभी तक करीब 200 स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस वालों की जान जा चुकी है। पाकिस्तानी अधिकारियों का मानना है कि इन घटनाओं के पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और उससे अलग हुए गुटों का हाथ है। ये टीकाकरण अभियान कितने महत्वपूर्ण हैं, इसके बारे में जागरूकता और शिक्षा की कमी इन हमलों के पीछे एक प्रमुख कारण बनी हुई है।
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