Hindi Newsविदेश न्यूज़pakistan and bangladesh direct trade first after 1971 impact on india

ऐसा पहली बार हुआ 54 सालो में; बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सीधा कारोबार, भारत पर असर

  • बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी फिर से मजबूत हुई है, जो इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंधों की हिमायती रही है। माना जा रहा है कि मोहम्मद यूनुस भी इन इस्लामिक कट्टरपंथी ताकतों के प्रभाव में हैं। इसी के कारण पहली बार आधिकारिक कारोबार बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच शुरू हुआ है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, कराचीMon, 24 Feb 2025 10:04 AM
share Share
Follow Us on
ऐसा पहली बार हुआ 54 सालो में; बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सीधा कारोबार, भारत पर असर

बांग्लादेश की सत्ता से शेख हसीना के बेदखल होने के बाद से ही मुल्क की दिशा बदल गई है। बांग्लादेश अब भारत की बजाय पाकिस्तान के ज्यादा करीब जाता दिख रहा है। हाल ही में बांग्लादेश ने पाकिस्तान के माल को लेकर मंजूरी दी थी कि वहां से आने वाले कार्गों की फिजिकल चेकिंग नहीं होगी। यही नहीं अब दोनों देशों के बीच सीधे कारोबार को भी मंजूरी मिल चुकी है। 1971 के बाद ऐसा पहली बार है, जब पाकिस्तान से सरकारी मंजूरी वाला माल बांग्लादेश रवाना हुआ है। यह कार्गो शिप कराची के कासिम पोर्ट से रवाना हुआ है। बांग्लादेश का गठन ही 1971 में हुआ था और तब से अब तक पाकिस्तान के साथ उसका कभी सीधे तौर पर कारोबार नहीं रहा। ऐसे में यह बदलाव काफी बड़ा है।

पाकिस्तान के साथ कारोबार को लेकर फरवरी की शुरुआत में ही बांग्लादेश ने करार किया था। इशके तहत 50 हजार टन पाकिस्तानी चावल के आयात को मंजूरी दी गई थी। चावल की यह खरीद ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान से की गई है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा पहली बार है, जब पाकिस्तान नेशनल शिपिंग कॉरपोरेशन का जहाज सरकारी माल लेकर बांग्लादेशी पोर्ट के लिए रवाना हुआ है। यह मैरिटाइम ट्रेड के मामले में बड़ा मील का पत्थर है। भारत विभाजन के नतीजे में बने पाकिस्तान का ही एक हिस्सा पूर्वी पाकिस्तान कहलाता था, जो 1971 में अलग हुआ और उसका नया नाम बांग्लादेश बना। मुस्लिम बहुल बांग्लादेश का गठन बांग्ला भाषा के नाम पर हुआ था, लेकिन शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद वहां इस्लामिक कट्टरपंथी ताकतें फिर से मजबूत हो रही हैं।

बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी फिर से मजबूत हुई है, जो इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंधों की हिमायती रही है। माना जा रहा है कि मोहम्मद यूनुस भी इन इस्लामिक कट्टरपंथी ताकतों के प्रभाव में हैं। इसी के कारण पहली बार आधिकारिक कारोबार बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच शुरू हुआ है। बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच चावल को लेकर जो डील हुई है, उसमें पहले राउंड में 25 हजार टन का आयात किया जाएगा। इसके बाद अगले राउंड का आयात मार्च की शुरुआत में होगा।

ये भी पढ़ें:बता दो कैसा रिश्ता रखना है, जयशंकर ने बांग्लादेश से पूछ लिया सीधा सवाल
ये भी पढ़ें:BSF ने भारत में अवैध रूप से घुसने पर छह बांग्लादेशियों को किया गिरफ्तार
ये भी पढ़ें:भारत से आगे निकलने की होड़! यूनुस की एलन मस्क से भावुक अपील, आने का न्योता

पाकिस्तान के साथ कारोबार बढ़ने की दशा में भारत से बांग्लादेश का बिजनेस कमजोर होने की आशंका है। बड़ी मात्रा में खाद्य पदार्थों का आयात बांग्लादेश भारत से करता रहा है, लेकिन अब वह पाकिस्तान के ज्यादा करीब जा रहा है। शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के साथ नजदीकी बढ़ाई है। वह पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात भी कर चुके हैं और उनकी पाकिस्तान का दौरा करने की भी तैयारी है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें