मंत्री पद छीन लो, गाड़ी भी ले लो...अनिल विज के बढ़ते जा रहे बागी तेवर, नायब सैनी से क्यों इतने खफा
- नायब सिंह सैनी उन्हें वरिष्ठ नेता बताते हुए बयानबाजी से बच रहे हैं। इस बीच अनिल विज रविवार को रोहतक पहुंचे तो अचानक ही बिजली विभाग के दफ्तर पहुंच गए। उन्होंने कर्मचारियों को 4 घंटे के अंदर लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने को कहा। इसके अलावा सरकार में अपने कद को लेकर भी बड़ी बात कह गए।
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हरियाणा के सीनियर मिनिस्टर अनिल विज अपने आक्रामक तेवरों और बेबाक बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तक से वह कई मुद्दों पर सीधे उलझ जाते हैं। इन दिनों भी डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और एक एसएचओ के ट्रांसफर को लेकर वह सीएम को सीधे निशाने पर ले रहे हैं। वहीं नायब सिंह सैनी उन्हें वरिष्ठ नेता बताते हुए बयानबाजी से बच रहे हैं। इस बीच अनिल विज रविवार को रोहतक पहुंचे तो अचानक ही बिजली विभाग के दफ्तर पहुंच गए। उन्होंने कर्मचारियों को 4 घंटे के अंदर लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने को कहा। इसके अलावा सरकार में अपने कद को लेकर भी बड़ी बात कह गए।
अनिल विज ने कहा कि मुझसे सब कुछ छीना जा सकता है, लेकिन मेरी वरिष्ठता तो नहीं ली जा सकती। मैं 7 बार का चुना हुआ विधायक हूं। इस दौरान जब उनसे अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर सवाल किया तो उन्होंने अंबाला के डीसी का जिक्र कर दिया। उन्होंने कहा, 'इसमें 100 दिन लगा दिए। वह भी तब जबकि मैंने खुले मंच से बात रखी थी। वह अधिकारी चुनाव के दौरान मेरे खिलाफ काम कर रहा है। अब यह मायने नहीं रखता कि किसी का ट्रांसफर किया जाता है या नहीं।' सरकार में मंत्रालय के बंटवारे पर पूछा गया तो उस पर भी वह खुलकर बोल गए। अनिल विज ने कहा कि मैंने कोई सरकारी मकान नहीं लिया। हां, एक कार जरूर मेरे पास है। यदि इसे ले लिया गया तो मेरे समर्थकों का कहना है कि वे खरीद कर दे देंगे। मेरी विधायकी कोई नहीं ले सकता। मैं जनता का चुनाव विधायक हूं। मुझे किसी बात से फर्क नहीं पड़ता।
हरियाणा की सरकार में नायब सिंह सैनी को अनिल विज एक तरह से चुनौती दिखते नजर आ रहे हैं। दरअसल नायब सिंह सैनी को जब सीएम बनाया गया था, तब से ही अनिल विज असहज हैं। मनोहर लाल खट्टर ने जब इस्तीफा दिया था और पहली बार नायब सिंह सैनी सीएम बने थे, तब भी वह शपथ ग्रहण समारोह नहीं पहुंचे थे। उन्होंने यहां तक कहा था कि मैं सीएम बनने के योग्य हूं और सबसे वरिष्ठ नेता हूं। ऐसा मेरे समर्थक मानते हैं। उन्हें मंत्री बनाया जाना था, लेकिन वह शपथ समारोह में ही नहीं पहुंचे। इसके बाद जब लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी तो वह शपथ समारोह में गए और मंत्री भी बनाए गए। हालांकि इस बार उनसे होम मिनिस्ट्री ले ली गई और अब वह ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री के तौर पर कामकाज संभाल रहे हैं।
अब क्यों बढ़ती जा रही है अनिल विज की नाराजगी
माना जा रहा है कि अब भी अनिल विज नाखुश हैं। इसकी एक अहम वजह है कि होम मिनिस्ट्री अब खुद सीएम नायब सिंह सैनी संभाल रहे हैं। अनिल विज बड़े नेता हैं और अंबाला में ही पिछले दिनों उन्होंने एक एसएचओ को निलंबित करने का आदेश दे दिया था। अब तक उस पर अमल नहीं हुआ है तो अनिल विज ने इसे अपने अपमान के तौर पर देखा। यही नहीं वह ग्रीवेंस मीटिंग्स में भी नहीं जा रहे हैं।
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