विराट कोहली अगर टेस्ट क्रिकेट में नहीं होते तो...रिटायरमेंट के बाद इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने दिया ये बयान
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने कहा है कि एमएस धोनी की टीम को टेस्ट क्रिकेट से प्यार नहीं था, लेकिन विराट कोहली ने इस फॉर्मेट में रूचि दिखाई, जो खेल के लिए जरूरी थी। विराट कोहली ने ऐसा ही किया।

टेस्ट क्रिकेट से विराट कोहली के अचानक संन्यास लेने से इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा है कि टेस्ट क्रिकेट के लिए उतना किसी और खिलाड़ी ने नहीं किया, जितना भारत के इस स्टार बल्लेबाज ने किया। कोहली ने सोमवार 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की। उन्होंने अपने करियर में 123 टेस्ट मैचों में 30 शतकों के साथ 46.85 के औसत से 9230 रन बनाए।
वॉन ने ‘द टेलीग्राफ’ में अपने कॉलम में लिखा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वालों में बहुत कम ही ऐसे हैं जिनके जाने से मैं वाकई दुखी हुआ हूं कि अब उनको दोबारा खेलते देखने का मौका नहीं मिलेगा। मैं दुखी हूं कि अब विराट कोहली को इंग्लैंड दौरे पर या आगे सफेद जर्सी में नहीं देख सकेंगे। मैं स्तब्ध हूं कि वह अभी संन्यास ले रहा है और दुखी भी हूं। मुझे नहीं लगता कि टेस्ट फॉर्मेट के लिए किसी और बल्लेबाज ने इतना किया है, जितना कोहली ने।’’
भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान कोहली की कप्तानी में भारत ने 68 में से 40 टेस्ट जीते। वॉन ने कहा कि कोहली ने पारंपरिक प्रारूप से लोगों को फिर प्यार करना सिखाया और उनके बिना यह प्रारूप बहुत नीरस होता। उन्होंने कहा, ‘‘एक दशक पहले जब वह कप्तान बना तो मुझे लगा था कि भारत की टेस्ट क्रिकेट में रूचि कम हो रही है। एमएस धोनी सफेद गेंद के महान खिलाड़ियों में से थे, लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने ऐसी टेस्ट टीम की कप्तानी की, जिसे प्रारूप से प्यार नहीं था। खेल के लिए जरूरी है कि भारत की टेस्ट क्रिकेट में रूचि रहे और बतौर कप्तान विराट ने ऐसा ही किया।’’
वॉन आगे लिखते हैं, ‘‘उनका जुनून, कौशल और टेस्ट क्रिकेट को लेकर उनके विचारों ने काफी सकारात्मक असर डाला। उनके बिना यह प्रारूप बेहद नीरस होता और अपनी अपील खो चुका होता। उसका जाना टेस्ट क्रिकेट के लिये झटका है। उसने आने वाली पीढी को इस प्रारूप से प्यार करना सिखाया। टी20 क्रिकेट के आगमन के बाद से तीनों प्रारूपों की बात की जाए तो वह महानतम क्रिकेटर रहा है।’’