गौतम गंभीर के गुरुमंत्र ने कैसे टीम इंडिया को बचाया? तिलक वर्मा ने मैच के बाद उठाया पर्दा
- तिलक वर्मा ने मैच के बाद कहा, मैं कल गौतम सर से बात कर रहा था, उन्होंने कहा कि जो भी हो, आपको स्थिति के अनुसार खेलना चाहिए। अगर टीम को प्रति ओवर दस रन की जरूरत है, तो आपको जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
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सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली टीम इंडिया ने शनिवार, 25 जनवरी की रात इंग्लैंड को दूसरे टी20 में 2 विकेट से हराकर 5 मैच की सीरीज में 2-0 की बढ़त बना ली है। भारत की इस जीत के हीरो 22 साल के तिलक वर्मा रहे जिन्होंने 72 रनों की नाबाद पारी खेली। तिलक वर्मा के बल्ले से यह पारी बेहद ही मुश्किल परिस्थिति में आई। चेन्नई की रंग बदलती पिच पर जहां बल्लेबाज टिक नहीं पा रहे थे वहां बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने गर्दा उड़ाया और 55 गेंदों का सामना करते हुए 4 चौके और 5 गगनचुंबी छक्के जड़े। तिलक ने अपनी इस पारी का क्रेडिट कुछ हद तक कोच गौतम गंभीर को दिया। उन्होंने मैच के बाद बताया कि उन्हें गंभीर से क्या गुरुमंत्र मिला था।
तिलक वर्मा ने मैच के बाद कहा, “विकेट में दो-तरफा उछाल था। मैं कल गौतम सर से बात कर रहा था, उन्होंने कहा कि जो भी हो, आपको स्थिति के अनुसार खेलना चाहिए। अगर टीम को प्रति ओवर दस रन की जरूरत है, तो आपको जिम्मेदारी लेनी चाहिए, अगर कुछ कम रन भी चाहिए, तो भी आपको अंत तक खड़े रहना चाहिए। टीम ने चर्चा की कि लेफ्ट-राइट कॉम्बिनेशन एक अच्छा विकल्प होगा, यह विपक्षी गेंदबाजों के लिए भी मुश्किल होगा। हम पहले ही साउथ फ्रीका में तेज गेंदबाजों को खेल चुके थे, इसलिए आर्चर और वुड जैसे तेज गेंदबाजों के लिए तैयार थे। हमारे खिलाड़ियों ने अच्छी तैयारी की, हमने नेट्स में कड़ी मेहनत की और हमें नतीजे मिले।”
एक समय ऐसा था जब भारत 17 ओवर में 146 के स्कोर पर 8 विकेट गंवा चुका था, तब टीम को 20 रनों की दारकार थी। तब बिश्नोई के साथ उन्होंने गेम चेंजिंग साझेदारी की।
तिलक ने आगे कहा, “मैंने उनसे (बिश्नोई) कहा कि वे शेप बनाए रखें और गैप में हिट करने की कोशिश करें। तेज गेंदबाज के खिलाफ एक फ्लिक और लिविंगस्टोन के खिलाफ एक चौका, यह असाधारण था। इससे खेल खत्म करना आसान हो गया।”
बिश्नोई ने नंबर-10 पर आकर 5 गेंदों का सामना किया जिसमें उन्होंने दो चौकों की मदद से नाबाद 9 रन बनाए।
बात मुकाबले की करें तो, टॉस हारकर पहले बैटिंग करने उतरी इंग्लिश टीम को एकबार फिर खराब शुरुआत मिली। दोनों सलामी बल्लेबाज फिल सॉल्ट (4) और बेन डकेट (3) सस्ते में पवेलियन लौटे। पिछले मैच की तरह इस बार भी कप्तान जोस बटलर टीम के संकट मोचक बनें। वह 45 रनों के साथ टीम के हाइएस्ट स्कोरर रहे। अंत में ब्रायडन कार्स ने 17 गेंदों पर 31 रन बनाकर टीम को 165 के स्कोर तक पहुंचाया।
166 के टारगेट का पीछा करने उतरी टीम इंडिया को भी अच्छी शुरुआत नहीं मिली। पिछले मैच के हीरो अभिषेक शर्मा 12 तो संजू सैमसन 5 रन बनाकर आउट हुए। तीसरे नंबर पर आए तिलक वर्मा को मिडिल ऑर्डर में किसी का साथ नहीं मिला। कप्तान सूर्यकुमार यादव और हार्दिक पांड्या जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी ज्यादा देर क्रीज पर टिक नहीं पाए।
तिलक ने वॉशिंगटन सुंदर और रवि बिश्नोई के साथ छोटी-छोटी साझेदारी कर आखिरी ओवर में टीम को जीत दिलाई। तिलक वर्मा को उनकी इस उम्दा पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया।