रवि बिश्नोई ने बताया कैसे फेरा इंग्लैंड के प्लान पर पानी, तिलक वर्मा के साथ मिलकर लगाई अंग्रेजों की वाट
- 17वें ओवर की आखिरी गेंद पर भारत ने 146 के स्कोर पर अपना 8वां विकेट गंवा दिया था। टीम इंडिया से जीत अभी भी 20 रन दूर थी और हाथ में दो विकेट के साथ तीन ओवर थे।
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17वें ओवर की आखिरी गेंद पर भारत ने 146 के स्कोर पर अपना 8वां विकेट गंवा दिया था। टीम इंडिया से जीत अभी भी 20 रन दूर थी और हाथ में दो विकेट के साथ तीन ओवर थे। तिलक वर्मा एक छोर को संभाले हुए थे, उन्हें बस दूसरे छोर पर कोई विकेट संभालने वाला चाहिए था। यह काम रवि बिश्नोई ने चेन्नई टी20 के दौरान किया। बिश्नोई ने भले ही दूसरे टी20 में 5 गेंदों का सामना किया हो, मगर उन्होंने जो दो चौके लगाए उसने तिलक से भी बोझ हटाया। मैच के बाद बिश्नोई ने बताया कि कैसे इंग्लैंड उन्हें आउट करने की रणनीति बना रहा था और कैसे उन्होंने अंग्रेजो के इस प्लान पर पानी फेरा।
रवि बिश्नोई ने मैच के बाद कहा, "मेरा काम उन्हें (तिलक) स्ट्राइक देना और कोई भी अनावश्यक शॉट नहीं खेलना था। आज मैंने इंस्टाग्राम पर एक रील पोस्ट करूंगा - "वाय शुड बैटर्स हैव ऑल द फिन?" जब स्लिप आई, तो मुझे पता था कि वे लेग स्पिन से मुझे आउट करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने कवर्स के ऊपर से शॉट लगाया लेकिन मुझे किस्मत से चौका मिल गया।"
तिलक वर्मा की पारी को लेकर रवि बिश्नोई बोले, "टी20 की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक। विकेट गिर रहे थे, यह आसान विकेट नहीं था और अगर आप उनके बॉलिंग अटैक को देखें, तो उनके पास सभी बड़े नाम थे। वह (तिलक) पिछले 2-3 महीनों से ऐसा कर रहा है। उसने साउथ अफ्रीका में दो शतक बनाए, वह घरेलू मैदान में भी अच्छा खेल रहा है, हमें पता था कि कुछ बड़ा होने वाला है। वह अब वास्तव में बड़ा प्रदर्शन कर रहा है।"
बात मुकाबले की करें तो, टॉस हारकर पहले बैटिंग करने उतरी इंग्लिश टीम को एकबार फिर खराब शुरुआत मिली। दोनों सलामी बल्लेबाज फिल सॉल्ट (4) और बेन डकेट (3) सस्ते में पवेलियन लौटे। पिछले मैच की तरह इस बार भी कप्तान जोस बटलर टीम के संकट मोचक बनें। वह 45 रनों के साथ टीम के हाइएस्ट स्कोरर रहे। अंत में ब्रायडन कार्स ने 17 गेंदों पर 31 रन बनाकर टीम को 165 के स्कोर तक पहुंचाया।
166 के टारगेट का पीछा करने उतरी टीम इंडिया को भी अच्छी शुरुआत नहीं मिली। पिछले मैच के हीरो अभिषेक शर्मा 12 तो संजू सैमसन 5 रन बनाकर आउट हुए। तीसरे नंबर पर आए तिलक वर्मा को मिडिल ऑर्डर में किसी का साथ नहीं मिला। कप्तान सूर्यकुमार यादव और हार्दिक पांड्या जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी ज्यादा देर क्रीज पर टिक नहीं पाए।
तिलक ने वॉशिंगटन सुंदर और रवि बिश्नोई के साथ छोटी-छोटी साझेदारी कर आखिरी ओवर में टीम को जीत दिलाई। तिलक वर्मा को उनकी इस उम्दा पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया।