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सरकार की नई स्कीम: वाहन जितनी दूरी चलेगा, उसी का टोल भरना होगा

एक्सप्रेसवे और हाईवे पर टोल प्लाजा के जाम से जल्द छुटकारा मिल सकता है। सरकार एक नई टोल नीति ला रही है, जहां आपको सिर्फ उतना ही टोल देना होगा, जितनी दूरी आपने तय की है।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमWed, 30 April 2025 05:51 AM
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सरकार की नई स्कीम: वाहन जितनी दूरी चलेगा, उसी का टोल भरना होगा

एक्सप्रेसवे और हाईवे पर टोल प्लाजा के जाम से जल्द छुटकारा मिल सकता है। सरकार एक नई टोल नीति ला रही है, जहां आपको सिर्फ उतना ही टोल देना होगा, जितनी दूरी आपने तय की है। लेकिन, यहां सावधानी बरतने वाली बात ये है कि अगर आपने टोल का पेमेंट समय पर नहीं किया, तो न सिर्फ भारी जुर्माना लगेगा, बल्कि आपका CIBIL स्कोर भी गिरेगा। इससे आगे चलकर लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में दिक्कत हो सकती है। सरकार, RBI और बैंक इस नई व्यवस्था पर फाइनल डिस्कशन में जुटे हैं। जल्द ही इसे लागू किया जा सकता है। तो अगर आप हाईवे पर अक्सर चलते हैं, तो FASTag में पैसे जमा रखने और अलर्ट्स पर नजर रखने की आदत डाल लें।

सड़क एवं परिवहन मंत्रालय दूरी के आधार पर टोल वसूली की व्यवस्था को लाने की दिशा में काम कर रहा है। ऐसी में जीपीएस मैपिंग के आधार पर टोल का निर्धारण किया जाएगा। नई व्यवस्था में वाहन जितनी दूरी तक नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर चलेगा, उसी का टोल भरना होगा। यह व्यवस्था उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी, जो कम दूरी (40-50 किलोमीटर) की यात्रा करते हैं लेकिन बीच में टोल पड़ने के कारण उन्हें अभी तक 150-200 रुपये का टोल भरना पड़ता है।

टोल की वसूली को लेकर लाई जा रही नई व्यवस्था पर गहनता से चर्चा चल रही है। फास्टैग के ब्लैकलिस्ट होने संबंधी रिकॉर्ड को व्यक्ति के सिबिल स्कोर से जोड़ने के लिए एनपीसीआई और आरबीआई के साथ चर्चा चल रही है। सूत्रों का कहना है कि सिबिल स्कोर से जोड़ने को लेकर लगभग सहमति है। क्योंकि फास्टैग का सारा रिकॉर्ड भारतीय भुगतान निगम लिमिटेड और बैंकों के पास उपलब्ध है। लिखित सहमति बनने के बाद उसे आसानी से व्यक्ति के सिबिल स्कोर के साथ अपडेट किया जा सकेगा।

कैसे काम करेगी नई व्यवस्था?

GPS से ट्रैकिंग: अब टोल की गणना आपके वाहन द्वारा हाईवे/एक्सप्रेसवे पर चलाई गई किलोमीटर के हिसाब से होगी। जैसे, अगर आपने 40 KM सफर किया, तो लगभग ₹2.75 प्रति KM के हिसाब से ₹110 टोल देंगे। पहले आपको फिक्स्ड ₹150-200 देना पड़ता था, चाहे 10 KM ही क्यों न चलें।

FASTag है जरूरी: टोल बैरियर हटने के बाद सभी वाहनों पर नजर रखने के लिए FASTag अनिवार्य होगा। अगर इसमें पैसे कम पड़ गए, तो...

ये रहे नए सख्त नियम

1. फटाफट भरो पैसे: FASTag वॉलेट में एक न्यूनतम बैलेंस रखना होगा। अगर पैसे कम हुए और आपने टोल नहीं भरा, तो FASTag ब्लैकलिस्ट हो जाएगा। इसे दोबारा चालू करने के लिए रिचार्ज करना पड़ेगा।

2. जुर्माना + CIBIL पर धब्बा: ब्लैकलिस्ट होने के बाद भी अगर आपने 2-3 दिन में पैसे नहीं जमा किए, तो टोल की रकम का 3-5 गुना जुर्माना लगेगा। साथ ही, ये लापरवाही आपके CIBIL स्कोर में दर्ज होगी, जो भविष्य में लोन लेने में रुकावट बनेगी।

3. ईमेल/एसएमएस अलर्ट: बैलेंस कम होते ही बैंक आपको चेतावनी भेजेगा। फिर भी नहीं भरा तो ब्लैकलिस्ट।

4. लगातार अनदेखी करने पर क्या होगा: बार-बार नियम तोड़ने पर आपका FASTag परमानेंट ब्लॉक हो सकता है। इसके बाद वाहन का इंश्योरेंस या प्रदूषण सर्टिफिकेट भी नहीं बनेगा।

सिबिल स्कोर क्यों मायने रखता है?

CIBIL स्कोर (300 से 900) आपकी कर्ज चुकाने की काबिलियत बताता है। स्कोर जितना हाई होगा, उतना ही आसानी से लोन या क्रेडिट कार्ड मिलेगा। टोल न चुकाने जैसी लापरवाही इस स्कोर को गिराएगी, जिससे बैंक आपको 'जोखिम भरा' ग्राहक मानेंगे।

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