बिहार के इन 6 राष्ट्रीय राजमार्गों पर हो रहे सबसे ज्यादा हादसे, क्या है वजह
जिस एनएच पर अधिक हादसे हो रहे हैं, उसमें 86 फीसदी सड़कें एनएचएआई के अधीन की है। रिपोर्ट के अनुसार एनएच 31 रजौली-बख्तियारपुर-मोकामा-पूर्णिया-किशनगंज में सबसे अधिक 539 सड़क दुर्घटनाएं हुईं।
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बिहार के छह एनएच (राष्ट्रीय राजमार्ग) सड़क दुर्घटना के लिहाज से खतरनाक हैं। राज्य के अन्य एनएच की तुलना में इन छह एनएच पर सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। सबसे अधिक रजौली-बख्तियारपुर-मोकामा-पूर्णिया-किशनगंज एनएच पर दुर्घटनाएं हो रही हैं। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में हो रही कुल सड़क दुर्घटनाओं में 44.66 फीसदी हादसे केवल नेशनल हाईवे पर हो रहे हैं।
एनएच की देख-रेख एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) और पथ निर्माण विभाग का एनएच डिविजन करता है। जिस एनएच पर अधिक हादसे हो रहे हैं, उसमें 86 फीसदी सड़कें एनएचएआई के अधीन की है। रिपोर्ट के अनुसार एनएच 31 रजौली-बख्तियारपुर-मोकामा-पूर्णिया-किशनगंज में सबसे अधिक 539 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें से 431 लोगों की जान गई।
एनएच 28 गोपालगंज-मुजफ्फरपुर-बरौनी पर 459 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें से 406 लोगों की मौत हुई। एनएच 30 मोहनियां-आरा-पटना-बख्तियारपुर पर 367 हादसे हुए और इसमें 299 लोगों की मौत हुई। वहीं, एनएच 57 मुजफ्फरपुर-बरौनी-पूर्णिया पर 326 सड़क हादसे हुए, जिनमें 297 लोगों ने अपनी जान गंवाई। एनएच 19 छपरा-हाजीपुर-पटना पर 268 हादसे हुए जिनमें से 216 लोगों की मौत हुई। वहीं एनएच दो जीटी रोड पर 183 हादमों में से 85 लोगों की मौत हुई।
इन जिलों में अधिक मौतें हुईं
खगड़िया, अररिया, जहानाबाद, किशनगंज, सहरसा, पटना, कैमूर, पूर्णिया, सुपौल, मधेपुरा, मधुबनी, सीतामढ़ी, रोहतास, समस्तीपुर, शिवहर, गया, सारण, गोपालगंज व पूर्वी चंपारण
2024 में इन जिलों में बढ़ीं सड़क दुर्घटनाएं
मधेपुरा, जहानाबाद, पटना, रोहतास, सुपौल, पूर्णिया, सहरसा, किशनगंज, शिवहर, मधुबनी, गया, अररिया, सारण, समस्तीपुर, कैमूर, दरभंगा, लखीसराय, सीतामढ़ी, सीवान, नालंदा, खगड़िया और बेगूसराय
क्या बोले विशेषज्ञ
सड़क विशेषज्ञों के अनुसार अधिक दुर्घटना होने का मूल कारण सड़क की संरचना में दोष है। आमतौर पर एनएच पर लोग ज्यादा रफ्तार में गाड़ियों चलाते हैं। ऐसे में अगर अचानक सड़क में टर्न हो तो वहां हादसे होते हैं। एनएच को जोड़ने वाली सड़क के बिंदु (चौराहा) पर भी अधिक हादसे होते हैं। तेज रफ्तार से चलने वाली गाड़ियां अचानक एनएच पर चलने वाली गाड़ियों से टकरा जाती हैं। इसके अलावा बसावटों से सड़क के गुजरने पर आम लोग (पैदल यात्री) भी गाड़ियों की चपेट में आ जाते हैं। एनएच पर सड़क पार करने के क्रम में भी अधिक हादसे हो रहे हैं।
वर्ष - दुर्घटना - मौत
2017 - 8855 - 5554
2018 - 9600 - 6729
2019 - 10007 - 7205
2020 - 8639 - 6699
2021 - 9553 - 7660
2022 - 10801 - 8898
2023 - 11014 - 8873
सितंबर 2024 - 8452 - 6690
● एनएच पर सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कई प्रयास करने होंगे। खासकर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अंडर पास का निर्माण करना होगा, ताकि एनएच के बदले लोग सुरक्षित मार्ग से आवाजाही कर सकें।
● बसावटों के पास फुटओवर ब्रिज का निर्माण किया जाना चाहिए। एनएच पर एक निश्चित अंतराल की दूरी पर एम्बुलेंस का भी होना जरूरी है, ताकि हादसे होने पर जान-माल की सुरक्षा की जा सके। इसके लिए एनएच पर आपातकालीन नंबर लिखा होना चाहिए।
● एनएच से सटे सरकारी/गैर सरकारी अस्पतालों का नाम-पता व सम्पर्क नंबर लिखा जाना चाहिए, ताकि हताहतों को अविलंब अस्पताल पहुंचाया जा सके। पर्याप्त संख्या में सड़क संकेतक लिखा जाना चाहिए, ताकि चालकों को पता हो कि आगे सड़क की क्या स्थिति है।