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बिहार से विदेश जाने वाले कामगारों की संख्या बढ़ी, इन 9 देशों में बिहारियों की सबसे ज्यादा डिमांड

  • बिहार से सबसे ज्यादा लोग संयुक्त राज्य अमीरात जाते हैं। 2024 में 29 हजार 191 लोग यहां गए। इसके बाद दूसरे स्थान पर साउदी अरब जाने वालों की संख्या है, पिछले वर्ष यहां 28 हजार 293 लोग गए। तीसरे स्थान पर कतर जाने वाले हैं, यहां 5 हजार 829 लोग गए।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, मुख्य संवाददाता, पटनाSun, 16 Feb 2025 06:12 AM
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बिहार से विदेश जाने वाले कामगारों की संख्या बढ़ी, इन 9 देशों में बिहारियों की सबसे ज्यादा डिमांड

बिहार से विदेश जाकर काम करने वाले हुनरमंद कामगारों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कोविड के दौरान इसमें काफी कमी आई थी, लेकिन इसके बाद ऐसे कामगारों की संख्या में पहले के वर्षों की तुलना में करीब 13 हजार की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2018 में 59 हजार 182 हुनरमंद कामगार दूसरे देश कमाने गए थे। 2024 में ऐसे लोगों की संख्या में इजाफा होकर यह 72 हजार 945 तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा पिछले 7 वर्षों में सर्वाधिक है। हालांकि, कोविड के दौरान इसमें काफी गिरावट आई थी और यह आंकड़ा गिरकर 2020 में 13 हजार 915 तथा 2021 में 24 हजार 526 हो गया।

प्रोटेक्शन ऑफ इमिग्रेशन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष देशभर से 3 लाख 89 हजार 319 कामगार विदेश गए, जिसमें करीब 73 हजार यानी कुल जाने वाले लोगों की जमात का पांचवां हिस्सा बिहार से गया है। बिहार से सबसे ज्यादा लोग संयुक्त राज्य अमीरात जाते हैं। 2024 में 29 हजार 191 लोग यहां गए। इसके बाद दूसरे स्थान पर सउदी अरब जाने वालों की संख्या है, पिछले वर्ष यहां 28 हजार 293 लोग गए। तीसरे स्थान पर कतर जाने वाले हैं, यहां 5 हजार 829 लोग गए। चौथे पर ओमान, जहां 3 हजार 884 लोग एवं पांच स्थान पर बहरीन है, जहां 1801 लोग गए।

9 देशों में अधिक जा रहे बिहार के लोग

विदेश मंत्रालय के प्रावधान के अनुसार, अपने देश से हुनरमंद कामगार 18 देश काम करने के लिए जा सकते हैं। इसमें सभी खाड़ी देशों के अलावा अफगानिस्तान, मलेशिया, लेबनान, बहरीन, इंडोनेशिया, इराक, जार्डन, सूडान, सीरिया, थाईलैंड, यमन, लीबिया और दक्षिणी सूडान शामिल हैं। इसमें 9 देश ही ऐसे हैं, जहां बिहार के लोग सबसे ज्यादा जाते हैं और इन देशों में ही डिमांड अधिक रहती है। इसमें संयुक्त अरब अमीरात, साउदी अरब, कतर, ओमान, बहरीन, कुवैत, मलेशिया, जार्डन और इराक शामिल हैं।

विदेश जाने वालों में नन मैट्रिक कामगार अधिक

विदेश मंत्रालय की इकाई प्रोटेक्शन ऑफ इमिग्रेशन (पीओई) के माध्यम से नन-मैट्रिक हुनरमंद कामगार ही विदेश जाते हैं। इन कामगारों के हितों की रक्षा और विदेशों में इनकी हर तरह से सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है। परंतु कामगारों को इसके कार्यालय या प्रावधान की जानकारी नहीं होने के कारण अधिकांश लोग अवैध एजेंटों के माध्यम से विदेश चले जाते हैं। इनमें ही कुछ युवा गोल्डन ट्राएंगल वाले देशों में साइबर स्लेवरी (दासता) के तौर पर भी फंस जाते हैं।

कुछ लोगों को विदेशों में ले जाकर बेचने की घटनाएं भी हुई हैं। पटना में आयकर गोलंबर के पास श्रम भवन में इसका कार्यालय है। इसका हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क किया जा सकता है। पढ़े-लिखे और आईटी समेत अन्य प्रोफेशनल या छात्रों का विदेश या नौकरी के लिए विदेश जाने का माध्यम अलग एवं पूरी वीजा प्रक्रिया इससे एकदम अलग है।

इस वर्ष गए इतने कामगार

2018- 59182

2019- 55423

2020- 13915

2021- 24526

2022- 60945

2023- 67548

2024- 72945

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