एक कमरे में दो महीने से हैं बंद, काम और वेतन भी नहीं; रूस में फंसे बिहारी मजदूरों ने लगाई मदद की गुहार
- श्रमिकों के मुताबिक दिल्ली की एक कंपनी के शास्त्रीनगर स्थित कार्यालय से उन्हें रोजगार का झांसा देकर रूस की राजधानी मॉस्को भेजा गया था। कंपनी ने रोजगार दिलाने के बदले श्रमिकों से 60 हजार से लेकर 1.5 लाख रुपए तक वसूल भी किए।
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रूस में रोजगार के लिए गए बिहार के किशनगंज जिले के दो श्रमिक वहां फंस गए हैं। बहादुरगंज के हाटगाछी गांव के श्रमिक नसर ने मॉस्को के एक कमरे से वीडियो जारी कर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। किशनगंज के डीएम विशाल ने बुधवार को बताया कि रोजगार के लिए रूस गए किशनगंज के श्रमिकों के वहां फंसे होने का मामला संज्ञान में आया है। इस मामले में पूरी जानकारी लेने के बाद आवश्यक कदम उठाये जायेंगे।
श्रमिकों के मुताबिक दिल्ली की एक कंपनी के शास्त्रीनगर स्थित कार्यालय से उन्हें रोजगार का झांसा देकर रूस की राजधानी मॉस्को भेजा गया था। कंपनी ने रोजगार दिलाने के बदले श्रमिकों से 60 हजार से लेकर 1.5 लाख रुपए तक वसूल भी किए। वहां कुल 23 श्रमिक फंसे हैं। रूस में फंसे सभी भारतीय श्रमिकों ने उन्हें वापस बुलाने और नौकरी का झांसा देकर उन्हें यहां भेजने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
किशनगंज के रहने वाले नसर ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा कि वे लोग पिछले दो महीने से रूस के मॉस्को शहर में फंसे हुए हैं। उनसे न तो काम कराया जा रहा है, न ही वेतन मिल रहा है। स्थिति बहुत खराब है। सभी श्रमिक दो महीने से एक कमरे में बंद हैं। रूस में ठंड ज्यादा होने के कारण कुछ श्रमिकों की तबीयत भी खराब हो रही है। एक पीड़ित के अनुसार श्रमिकों को दिल्ली से रूस भेजने वाले व्यक्ति का नाम खुश मोहम्मद है। वीडियो में नजर आ रहा है कि एक कमरे में कई सारे कपड़े रखे हुए हैं और मजदूर अपनी व्यथा सुना रहा है।