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बिहार में मठ-मंदिरों पर अतिक्रमण रुकेगा, जमीन का रिकॉर्ड होगा ऑनलाइन

बिहार में मठ और मंदिरों की जमीन का रिकॉर्ड जल्द ही एक ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध होगा, जिसे सभी लोग देख सकेंगे। इससे धार्मिक स्थलों की जमीन पर अतिक्रमण होने से बचेगा।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाWed, 2 April 2025 09:02 PM
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बिहार में मठ-मंदिरों पर अतिक्रमण रुकेगा, जमीन का रिकॉर्ड होगा ऑनलाइन

बिहार में मठ और मंदिर की जमीन का रिकॉर्ड अब आम आदमी भी देख सकेंगे। मठ और मंदिरों की जमीन पर अतिक्रमण रुकेगा। साथ ही इसे गलत तरीके से बेचे जाने के मामलों पर भी ब्रेक लगेगा। मठ-मंदिर की जमीन का ब्योरा ऑनलाइन करने के लिए पोर्टल तैयार किया जाएगा। किस मठ और मंदिर के पास कितनी जमीन है। संबंधित मठ-मंदिर की जमीन कहां-कहां है। जमीन की चौहद्दी सहित पूरा आंकड़ा पोर्टल पर अपलोड होगा।

इस पोर्टल को बनाने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने विधि विभाग से सहमति मांगी है। पोर्टल पर जिलेवार प्रत्येक मठ-मंदिर का आंकड़ा अपलोड किया जाएगा। इसमें अलग-अलग कॉलम में सभी प्रकार के आंकड़े होंगे। मठ-मंदिर की जमीन किसके नाम से है। मठ-मंदिर के पुजारी या सेवादार भी इस जमीन का गलत उपयोग नहीं कर सकेंगे। इस जमीन की पूरी निगरानी होगी। यह जमीन स्थानीय प्रशासन को जमीन की सुरक्षा का जिम्मा होगा। अभी मठ-मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण और गलत तरीके से बेचने का मामला सामने आ रहे हैं।

सरकार ने मंदिरों, मठों और ट्रस्टों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। इसकी अचल संपत्तियों का विवरण बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) को देना जरूरी है। राज्यभर में अभी छोटे-बड़े 5777 मठ-मंदिर हैं। इनके पास कुल 28 हजार 672 एकड़ जमीन हैं। राज्य भर में पंजीकृत 2499 मठ-मंदिरों के पास कुल 18 हजार 456 एकड़ जमीन हैं। गैर पंजीकृत 2512 मठ मंदिरों के पास 4 हजार 321 एकड़ जमीन है।

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मोतिहारी में सबसे अधिक 5874 एकड़ जमीन 137 मठ-मंदिरों के पास है। मधुबनी में 163 मठ-मंदिरों के पास 2385 एकड़ जमीन है। सीतामढ़ी में 122 मठ-मंदिर के पास 2025 एकड़ जमीन है। इसके बाद कैमूर में 329 मठ-मंदिर की 1469 एकड़ और दरभंगा में 570 मठ-मंदिर के पास 1359 एकड़ जमीन हैं। बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के अनुसार, राज्य में सभी सार्वजनिक मंदिरों/मठों, ट्रस्टों और धर्मशालाओं को बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के साथ पंजीकृत होना चाहिए।

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