महाकुंभ भगदड़: जीटी रोड पर वाराणसी से गया तक 250 KM लंबा जाम, हजारों वाहन में अटके लाखों लोग
- महाकुंभ मेले के मद्देनजर अचानक बिहार से आने वाले भारी वाहनों और ट्रकों पर यूपी में एंट्री पर रोक लगा दी गई। जिसके चलते जीटी रोड पर महाजाम लग गया। हजारों गाड़ियां फंस गई। वाराणसी से गया तक 250 किमी लंबा जाम लग गया। बिहार के अधिकारियों का कहना है कि बिना समन्वय और तैयारी के चलते ये नौबत आई।
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प्रयागराज के महाकुंभ में स्नान के लिए करोड़ों की तादाद में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ट्रेनों, बसों और अपनी गाड़ियों से लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं। ऐसे में यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चले, इसके लिए यूपी में बिहार की ओर से आने वाले ट्रकों और भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके चलते झारखंड, बिहार और अन्य पूर्वी राज्यों से महाकुंभ श्रद्धालुओं के वाहन हजारों ट्रक और भारी वाहन एनएच-19 (जीटी रोड) पर लंबे जाम में फंस गए हैं। बिहार के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यूपी के अधिकारियों ने पर्याप्त समय दिए बिना अचानक ट्रकों और माल वाहनों के प्रवेश को रोकने की घोषणा कर दी। जिसके चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यूपी के चंदौली जिले की सीमा से लगा कैमूर जिला, जहां जीटी रोड यूपी की सीमा में प्रवेश करती है, सबसे ज्यादा प्रभावित है। कैमूर एसपी हरि मोहन शुक्ला ने बताया कि चंदौली के एसपी ने उन्हें सोमवार सुबह 11 बजे प्रतिबंध के बारे में सूचित किया और 11.30 बजे से भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी। जबकि उन्हें पुलिस मुख्यालय स्तर पर पूर्व सूचना और चर्चा करनी चाहिए थी। ताकि बिहार पुलिस हजारों वाहनों की पार्किंग के लिए उचित व्यवस्था कर पाती। अचानक रोक लगने से पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड और बिहार से आने वाले ट्रक और महाकुंभ श्रद्धालुओं की गाड़ियां आगे बढ़ने की होड़ में फंस गईं और कुछ ही घंटों में एनएच 19 कर्मनाशा बॉर्डर से लेकर औरंगाबाद तक 115 किलोमीटर लंबा भीषण जाम लग गया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, समय के साथ जाम और भारी हो गया। जो यूपी के वाराणसी और बिहार के गया (250 किमी की दूरी) तक फैल गया, जब मंगलवार की सुबह बिहार की ओर से आने वाले यात्री वाहनों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। यूपी के कर्मनाशा में फंसे पश्चिम बंगाल के पर्यटक बस चालक विश्वजीत पांडा ने कहा कि वो सोमवार को 45 पर्यटकों के साथ हल्दिया से निकले थे, जिन्हें बुधवार को महाकुंभ में अमावस्या का पवित्र स्नान करना था। लेकिन मंगलवार को औरंगाबाद में जाम में फंस गये थे। देर रात वो किसी तरह बिहार की सीमा पार कर यूपी में प्रवेश कर गए। लेकिन वहां यूपी के अधिकारियों ने बस रोक दी और वो इंतजार में खड़े हैं।
पटना मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मारुत नंदन ने बताया कि मंगलवार की देर रात वो प्रयागराज से लौटने के दौरान जाम में फंस गए। वो किसी तरह बाहर निकल कर ग़ाज़ीपुर के रास्ते पटना लौटने की कोशिश कर रहे थे। कैमूर एसपी हरि मोहन शुक्ला और रोहतास एसपी रौशन कुमार पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पूरी रात एनएच पर डटे रहे। उन्होंने फंसे हुए लोगों को पीने का पानी और चिकित्सा सहायता और उनके बच्चों को दूध उपलब्ध कराया।
अधिकारियों ने बताया कि अगर यूपी के अधिकारियों ने बिहार पुलिस के साथ पहलेे समन्वय दिखाया होता तो स्थिति से निपटा जा सकता था। हम जाम हटाने और लोगों को हर संभव राहत पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। यूपी अधिकारियों द्वारा मंगलवार शाम को यात्री वाहनों को गुजरने की अनुमति देने के बाद स्थिति में सुधार हो रहा था। बुधवार सुबह से स्थिति फिर बिगड़ गई जब उन्होंने सभी वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया। बिहार की सीमा से लगे यूपी जिले चंदौली के पुलिस अधीक्षक आदित्य लंगेह बार-बार कॉल करने के बाद भी उपलब्ध नहीं थे। एडिशनल एसपी विनय कुमार सिंह ने बताया कि महाकुंभ में मंगलवार की रात हुई भगदड़ के बाद सभी प्रकार के वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जाम चंदौली, मीरजापुर और संतकबीर नगर जिलों को पार करते हुए प्रयागराज तक लग गया। वाराणसी पुलिस से अनुमति मिलने के बाद ही वे वाहनों को आगे बढ़ने देंगे।
बुधवार को झारखंड के कुछ श्रद्धालुओं ने एक वैकल्पिक मार्ग ढूंढ लिया है और लंबे जाम से बचकर प्रयागराज पहुंचने के लिए जीटी रोड के समानांतर राज्य राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों का इस्तेमाल करते देखे गए। जिसके चलते छोटे बाजारों और कस्बों में अराजकता जैसा माहौल पैदा हो गया। वो लोग इंद्रपुरी बैराज से सोन नदी पार करते हैं और चेनारी, भभुआ, चकिया, मिर्ज़ापुर और भदोही होते हुए प्रयागराज पहुंचते हैं।