अक्षय तृतीया आज, स्वर्ण आभूषण खरीदने की है परंपरा
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अक्षय तृतीया आज, स्वर्ण आभूषण खरीदने की है परंपरा त्रेतायुग युग का आरंभ अक्षय तृतीया से ही हुआ अक्षय तृतीया को ईश्वर तिथि भी कहा जाता है पावापुरी, निज संवाददाता। 'अक्षय' का शाब्दिक अर्थ है -जिसका कभी क्षय न हो अथवा जो सदा स्थायी रहे। अक्षय तृतीया तिथि अक्षय, अखंड और सर्वव्यापक है। चारों युगों में त्रेतायुग का आरंभ इसी तिथि को हुआ था। पंडित सूर्यमणि पांडेय ने बताया कि अक्षय तृतीया को ईश्वर तिथि भी कहा जाता है। सभी जगह अक्षय तृतीया आज यानी बुधवार को मनाया जाएगा। इसी दिन त्रेता युग का आरंभ हुआ था। 30 अप्रैल से ही चारों धामों में से एक धाम बद्रीनारायण के पट खुलेंगे। भक्तों द्वारा इस दिन किये हुए पुण्यकार्य, त्याग, दान-दक्षिणा, जप-तप, हवन आदि काम अक्षय की श्रेणी में आते हैं। इस दृष्टि से यह तिथि हमें जीवन मूल्यों का वरण करने का संदेश देती है। यह हमें सत्यमेव जयते की ओर अग्रसर करती है। श्री पांडेय ने कहा कि वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया रोहिणी नक्षत्र से युक्त है, इससे दुर्लभ संयोग बन रहा है। यह तिथि बड़ी ही पवित्र और सुख सौभाग्य देनेवाली है। अक्षय तृतीया का तंत्र पवित्र एवं पुण्य फलकारी पर्व है। अक्षय तृतीया के दिन किसी भी प्रकार की संपत्ति का संचय करना अथवा खरीदना शुभदायी एवं वृद्धिकारी माना जाता है। इस तिथि को दिया गया किसी तरह का दान अक्षय फलकारी होता है। सौभाग्यवती ्त्रिरयां और कन्याएं माता पार्वती की पूजा करके मिठाई, फल एवं अंकुरित चने बांटती हैं। कलश में जल भरकर एवं कांसे की थाली में मालपुआ आदि का भी दान किया जाता है। आशापुरी मंदिर के पुजारी पंडित पुरेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि बुधवार की तिथि बेहद लाभकारी है। बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इसलिए इस दिन भगवान गणेश की कृपा भी बरसेगी। इस दिन तृतीया तिथि के संयोग बनने से शुभफलदायी बन रही है। इस कारण तृतीया के दिन सुख-समृद्धि और सफलता की कामना के लिए अस्त्र-शस्त्र, वस्त्र, आभूषण आदि खरीद कर धारण करना चाहिए। यही नहीं भूमि की खरीद, भवन, संस्था आदि का प्रवेश इस तिथि को शुभफलदायी माना जाता है। किसानों में लोक विश्वास है कि यदि इस तिथि को चन्द्रमा के अस्त होते समय रोहिणी नक्षत्र आगे होगी, तो फसल की पैदावार अच्छी होगी। उन्होंने कहा कि इस तिथ का वर्णन स्कन्दपुराण एवं भविष्यपुराण में भी मिलता है। खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त : प्रात: मुहूर्त (लाभ, अमृत) : प्रात: 5.41 से 9 बजे तक। प्रात: शुभ मुहूर्त : 10.39 से 12.18 बजे तक। आचार्य पप्पू पांडेय की मानें तो अक्षय तृतीया एक बहुत ही शुभ दिन माना जाता है और इस दिन की गई खरीदारी को समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यहां आपकी राशि के अनुसार अक्षय तृतीया पर क्या खरीदना शुभ रहेगा। मेष : सोना, चांदी, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं खरीदें। यह आत्मविश्वास और ऊर्जा को बढ़ाता है। वृषभ : आभूषण, वाहन, सौंदर्य प्रसाधन खरीदें। यह भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि करता है। मिथुन : किताबें, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल खरीदें। ज्ञान और संचार में वृद्धि होती है। कर्क : भूमि, घर, घरेलू सामान खरीदें। पारिवारिक सुख और स्थिरता बढ़ती है। सिंह : सोना, शेर वाला कोई प्रतीक, फैशनेबल वस्तुएं खरीदें। आत्मसम्मान और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि। कन्या : हेल्थ उपकरण, ऑफिस सामान, स्टेशनरी खरीदें। व्यवस्थित जीवन और स्वास्थ्य लाभ होता है। तुला : सजावट की वस्तुएं, फैशन वस्त्र, कला-संबंधी चीजें खरीदें। सौंदर्य और संतुलन में वृद्धि होती है। वृश्चिक : रहस्यमयी वस्तुएं, जड़ी-बूटियां, निवेश संबंधी दस्तावेज खरीदें। गोपनीयता और गूढ़ ज्ञान में लाभ होता है। धनु : धार्मिक पुस्तकें, यात्रा टिकट, ज्ञानवर्धक वस्तुएं खरीदें। आध्यात्मिक और बौद्धिक विकास में सहायक। मकर : प्रॉपर्टी, स्टॉक, मशीनरी खरीदें। दीर्घकालिक सफलता और स्थायित्व मिलता है। कुंभ : टेक्नोलॉजी गैजेट्स, सोशल वर्क से जुड़ी चीजें खरीदें। नवाचार और समाज सेवा को बढ़ावा। मीन : आध्यात्मिक वस्तुएं, संगीत उपकरण, जल से जुड़ी चीजें खरीदें। मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता मिलती है।
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