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बोले अंबेडकरनगर:बिजली कर्मियों की मनमानी उपभोक्ताओं पर पड़ रही भारी

Ambedkar-nagar News - अम्बेडकरनगर में उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति में कर्मचारियों की लापरवाही और ओवरलोडेड ट्रांसफार्मर बड़ी बाधा बन रहे हैं। धरना प्रदर्शन के बावजूद सुधार नहीं हुआ। बांस-बल्ली के सहारे बिजली आपूर्ति की...

Newswrap हिन्दुस्तान, अंबेडकर नगरWed, 30 April 2025 02:09 AM
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बोले अंबेडकरनगर:बिजली कर्मियों की मनमानी उपभोक्ताओं पर पड़ रही भारी

अम्बेडकरनगर। उपभोक्ताओं को सुचारु बिजली उपलब्ध कराने में कर्मचारियों की मनमानी बड़ी बाधक बन रही है। बिजली में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर अक्सर कर्मचारियों की लापरवाही सामने आती है। खंभे पर खुद चढ़ने के बजाए निजी लाइनमैन या फिर आउटसोर्सिंग से आए लाइनमैन को चढ़ा दिया जाता है। इसके अलावा ओवर लोडेड चल रहे ट्रांसफार्मर व बिजली उपकेंद्र भी उपभोक्ताओं को सुचारु बिजली उपलब्ध कराने में बाधा पैदा कर रहे हैं। लंबे समय से इसमें सुधार की मांग की जा रही है। समय-समय पर बेहाल होकर उपभोक्ता धरना प्रदर्शन भी करते हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। नतीजा यह है कि इसका खामियाजा आमतौर पर उपभोक्ताओं को ही भुगतना पड़ता है।

बिजली आपूर्ति के दौरान होने वाली गड़बड़ी को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त कराने का निर्देश तो है, लेकिन जिले में इसका कहीं भी पालन होता नजर नहीं आ रहा है। उपभोक्ताओं की सबसे बड़ी शिकायत यही है कि कर्मचारी हों या फिर अधिकारी फोन ही जल्दी नहीं उठाते। ऐसे में गड़बड़ी होने पर उन्हें दूर करने में ही काफी समय लग जाता है। मौजूदा समय में गर्मी का मौसम है। ऐसे में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर दिन में लाइनमैन खंभे पर चढ़ने से ही भागते हैं। अक्सर ऐसा भी होता है कि स्थाई लाइनमैन खुद खंभे पर न चढ़कर आउटसोर्सिग से आने वाले लाइनमैन को चढ़ा देते हैं। इतना ही नहीं, अक्सर दिन में बगैर किसी जानकारी के ही बिजली आपूर्ति रोक देते हैं। और तो और ग्रामीण क्षेत्र की बात दूर अकबरपुर में ही जगह-जगह लगे ट्रांसफार्मर ओवरलोड चल रहे हैं। इसी का नतीजा है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही ट्रांसफार्मर भी जवाब देने लगते हैं। इसके अलावा बिजली उपकेंद्र भी गर्मी में ओवरलोड हो जाते हैं। ऐसे में सुचारु बिजली उपलब्ध कराने के लिए अलग-अलग फीडर से अलग-अलग समय पर बिजली आपूर्ति की जाती है। सामाजिक कार्यकर्ता अनंतराम वर्मा कहते हैं कि सिर्फ दावा करने से ही उपभोक्ताओं को सुचारु बिजली नहीं उपलब्ध हो सकेगी। इसके लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। जब तक ट्रांसफार्मरों व बिजली उपकेंद्र की क्षमता नहीं बढ़ाई जाएगी, तब तक उपभोक्ताओं को सुचारु बिजली नहीं उपलब्ध होगी। इसके अलावा कर्मचारियों की मनमानी पर भी अंकुश लगाए जाने की जरूरत है।

बदतर बिजली आपूर्ति से कपड़ा उद्योग प्रभावित: एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत अम्बेडकरनगर जनपद का चयन कपड़ा उद्योग के रूप में किया गया है। बुनकर नगरी टांडा के अलावा अकबरपुर, जलालपुर, बसखारी, किछौछा, जहांगीरगंज समेत जिले के कई अन्य क्षेत्र में दस हजार से अधिक पॉवरलूम संचालित हैं। बदतर बिजली आपूर्ति का प्रतिकूल प्रभाव कपड़ा उद्योग पर पड़ रहा है। दरअसल बिजली की खपत बढ़ने से पावर कार्पोरेशन सुचारु बिजली आपूर्ति नहीं कर पा रहा। इससे पावरलूम की खटरपटर धीमी हो रही है। सुचारु बिजली उपलब्ध कराने के लिए बुनकर नेताओं ने कई बार जिम्मेदारों से शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। जिले में बने कपड़ों की आपूर्ति देश के अलग-अलग राज्यों में की जाती है। इसके बाद भी इस उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए पावर कार्पोरेशन सुचारु बिजली नहीं उपलब्ध करा रहा है।

बांस-बल्ली के सहारे हो रही आपूर्ति:हाइटेक होते माहौल के बीच भी बांसबल्ली के सहारे बिजली आपूर्ति की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र की बात दूर अकबरपुर जैसे शहरी क्षेत्र में भी जगह-जगह बांस बल्ली के सहारे बिजली आपूर्ति आसानी से देखी जा सकती है। नई कॉलोनियों में केबल का मकड़जाल बांस बल्ली के सहारे ही टिका हुआ है। ऐसे में तेज हवा चलने पर बांस बल्ली के क्षतिग्रस्त होने से बिजली आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होती है। लंबे समय से इन्हें दुरुस्त किए जाने की मांग जिम्मेदारों से की जा रही है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। नतीजा यह है कि इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं को सुचारु बिजली उपलब्ध कराने के दावे तो बढ़ चढ़कर किए जाते हैं, लेकिन उसे जमीनी हकीकत देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। आलम यह है कि शहरी क्षेत्रों में अभी भी कई स्थानों पर बांस बल्ली के सहारे बिजली आपूर्ति की जा रही है। अकबरपुर के पार्क रोड, बौद्ध विहार कॉलोनी, गदायां, कृष्णानगर कॉलोनी के अलावा अन्य नई कॉलोनियों में जगह-जगह ऐसे बांस बल्ली आसानी से देखते जा सकते हैं, जिनके सहारे लंबी दूरी तक केबल खींचे गए हैं। केबल के ऐसे मकड़जाल बांस बल्लियों पर लटके हुए हैं। ऐसे तार प्रत्येक समय हादसे को दावत दे रहे हैं।

जर्जर तार बन रहे आपूर्ति में बाधक:मौजूदा समय में तेज गर्मी के बीच तेज हवा चल रही है। ऐसे में बांस बल्ली के टूटने की आशंका में दिन में कई कई घंटे तक बिजली आपूर्ति ही ठप कर दी जाती है। इससे भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं को कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पार्क रोड निवासी रितेश कुमार व सौरभ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि लंबे समय से बांस बल्ली के सहारे बिजली आपूर्ति की जा रही है। इनके स्थान पर सीमेंटेड खंभे लगाए जाने की मांग जिम्मेदारों से लिखित व मौखिक की जाती रहती है। आश्वासन तो मिलता है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। नतीजा यह है कि ऐसे बांस बल्ली सुचारु बिजली उपलब्ध कराने में बड़े बाधक बन रहे हैं।

बोले जिम्मेदार: अकबरपुर बिजली उपकेंद्र के अधिशासी अभियंता आशीष यादव का इस बारे में कहना है कि उपभोक्ताओं को सुचारु बिजली उपलब्ध कराने के लिए न सिर्फ अकबरपुर बिजली उपकेंद्र, बल्कि जिले के सभी 41 बिजली उपकेंद्र की क्षमता में वृद्धि की जा रही है। ओवरलोडेड चल रहे ट्रांसफार्मर की भी क्षमता बढ़ाई जा रही है। जर्जर व ढीले तारों को दुरुस्त कराया जा रहा है। गड़बड़ी होने पर प्राथमिकता के आधार पर उन्हें दुरुस्त कराया जाता है।

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