राम मंदिर के ट्रस्टी रहे कामेश्वर चौपाल के पटना आवास में भीषण चोरी, श्राद्ध में सुपौल गया था परिवार
सात फरवरी को कामेश्वर चौैपाल का निधन हो गया था। उनके गांव में श्राद्ध कर्म किया गया जिसमें पूरा परिवार गया था। चोरों ने ताला तोड़कर करीब 50 लाख की संपत्ति चुरा ली।
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बड़ी खबर बिहार की राजधानी पटना से है जहां राम मंदिर के ट्रस्टी रहे दिवंगत कामेश्वर चौपाल के घर में भीषण चोरी हो कर ली गयी है। बीते सात फरवरी को उनका निधन हो गया था। उनका श्राद्ध कर्म सुपौल स्थित गांव में किया गया जिसमें सभी परिजन पटना के आवास में ताला लगाकर गए थे। इसी बीच चोरों ने उनके बंद घर का ताला तोड़कर हाथ साफ कर दिया। उनके बेटे ने बताया है कि करीब 50 लाख की संपत्ति की चोरी हुई है जिनमें कामेश्वर चौपाल को सम्मान में दी गईं सामग्रियां भी शामिल हैं। पुलिस इस मामले में अभी तक लकीर पीट रही है। कामेश्वर चौपाल ने अयोध्या राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी और भव्य मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी करीबी नेता थे। घटना बेऊर थाना इलाके की है।
कामेश्वर चौपाल का पटना में बेऊर थाना के पास है। चोरों पर इसका खौफ भी नहीं दिखा। परिवार घर गया तो मौका पाकर चोरों ने उनके घर का ताला तोड़ दिया और छह आलमीरा में रखे सोने चांदी के जेवर और कीमती सामान चुरा ले गए। चोर कामेश्वर को सम्मान में दिया गया सोने का मुकुट भी उठा ले गए। अन्य उपहार भी बदमाशों ने नहीं छोड़ा।
दिवंगत कामेश्वर चौपाल के बेटे विद्यानंद विवेक ने बताया कि पिताजी के श्राद्ध में पूरा परिवार गांव गया था। 15 फरवरी तक लोग घर में आए थे। उसके बाद से घर बिल्कुल खाली था। उन्होंने बताया कि आलमीरा तोड़कर सोने चांदी का सभी आभूषण ले गए। कुल मिलाकर तकरीबन 50 लाख की चोरी कर ली गयी है।
कामेश्वर चौपाल की बहू मीनाक्षी ने मांग किया है कि पुलिस जल्द से जल्द चोरी का सामान बरामद करे। लेकिन अभी तक आश्वासन से ज्यादा कुछ नहीं मिला है। बताया कि शादी का पूरा जेवर चोर उठा ले गए। इस घटना से पटना में रात्रि पुलिस गश्ती पर सवाल उठ रहे हैं।
कामेश्वर चौपाल बिहार के सुपौल जिले कमरैल गांव के मूल निवासी थे। अयोध्या में चौपाल ने श्रीराम मंदिर की पहली ईंट रखी थी। तब देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हजारों साधु-संतों और लाखों कारससेवक इसमें जुटे थे। उस वक्त वे विहिप के संयुक्त सचिव थे। उन्हें राम मंदिर का ट्रस्टी भी बनाया गया। वर्ष 2002 में विधान पार्षद बनाए गए थे। वे 2014 तक विधान पार्षद रहे। वे बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भी रह चुके हैं। लोकसभा का चुनाव भी वे लड़े लेकिन जीत नहीं मिली। रोटी के साथ राम का नारा देने वाले कामेश्वर चौपाल ने ही 9 नवंबर 1989 को राम मंदिर निर्माण के लिए हुए शिलान्यास कार्यक्रम में पहली ईंट रखी थी। उस समय वह पूरे देश में चर्चा के केंद्र में थे।