पुराने ड्रेनेज की जगह बना नया नाला भी नहीं दे रहा राहत
पुराने ड्रेनेज का कई जगहों पर अतिक्रमण, नये के निर्माण के बावजूद समस्या कायमया। इसके अलावा कई ऐसे मुहल्ले हैं जहां नाला का निर्माण हुआ ही नहीं है। छोटी बड़ी नालियां बनी लेकिन उससे पानी की निकासी सही...

औरंगाबाद शहर का विस्तार होने के साथ ही पुराने ड्रेनेज भी ध्वस्त होते जा रहे हैं। कई जगहों पर अतिक्रमण कर लिया गया तो कुछ जगहों पर नए नाला का निर्माण हो गया। इसके अलावा कई ऐसे मुहल्ले हैं जहां नाला का निर्माण हुआ ही नहीं है। छोटी बड़ी नालियां बनी लेकिन उससे पानी की निकासी सही तरीके से नहीं हो पाती है और नतीजा जल जमाव की समस्या उत्पन्न होती है। औरंगाबाद जिला मुख्यालय में रमेश चौक से जसोइया मोड़ के बीच एक पुराना नाला बना हुआ था। इस नाले से ही पानी की निकासी होती थी। तत्कालीन डीएम की पहल पर महाराजगंज रोड और पुरानी जीटी रोड पर सड़क के दोनों और बड़े-बड़े नालों का निर्माण कार्य शुरू किया गया।
जो पुराना ड्रेनेज था, उसमें से ज्यादातर को तोड़ दिया गया। केवल रमेश चौक से जसोईया मोड़ के बीच पुराने नाला को छोड़ दिया गया क्योंकि वह सड़क से हटकर काफी किनारे बना हुआ था। नया नाला सड़क से सटा कर बनाया गया और इस पर लोगों के चलने के लिए फुटपाथ बना। हालांकि यह फुटपाथ सफल नहीं हो सका। मुख्य बाजार में तो इस पर ही दुकानें सजती हैं। रमेश चौक से जसोइया मोड़ के बीच नाला के उपर जो फुटपाथ बना, वह इतना उंचा है कि उस पर पैदल चलना संभव नहीं है। उस पर चढ़ना और उतरना लोगों के लिए परेशानी का सबाब होता है। पुराने ड्रेनेज की सफाई भी नहीं हो पाती है। हालांकि बरसात में जब इस नए नाला से भी लाभ नहीं हो रहा था तब पुराने नाले से ही पानी की निकासी हो रही थी। इसको ध्यान में रखते हुए पुराने नाला का निर्माण शुरू हुआ। कई जगहों पर टुकड़ों में इस पुराने नाला को तोड़कर उसी जगह पर नया नाला बनाया जाने लगा। अनुग्रह मध्य विद्यालय के सामने कई सौ फीट की दूरी में लाखों रुपए की लागत से पुराने नाला की जगह नया कंक्रीट नाला बनाया गया। -------------------------------------------------------------------------------------------- नाला निर्माण में हो गई चूक -------------------------------------------------------------------------------------------- औरंगाबाद शहर में नवनिर्मित नाला उंचाई पर बन गया है। इसके कारण पानी उसमें नहीं जाता है। कई जगहों पर यह नाला काफी गहरा तो कहीं उंचा है। इससे पानी की निकासी प्रभावित होती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस जगह पर नया नाला बनाया गया, वह गलत कदम था। पहले से जहां नाला था, उसी जगह पर नाला बनना चाहिए था। सड़क के बगल में नाला बनने से समस्या हुई। इसका निर्माण भी सही तरीके से नहीं हुआ। -------------------------------------------------------------------------------------------- कई मुहल्लों में हुआ निर्माण लेकिन समस्या कायम -------------------------------------------------------------------------------------------- औरंगाबाद शहर में सत्येंद्र नगर मुहल्ला, न्यू एरिया, क्षत्रिय नगर, क्लब रोड, कर्मा रोड, पुलिस लाइन, पुरानी जीटी रोड के कुछ हिस्से, प्रियव्रत पथ आदि जगहों पर पूर्व से कुछ छोटे-बड़े नाले थे। बाद में उनकी जगह कई जगहों पर नया नाला बना। टिकरी रोड में पुराने नाला का अतिक्रमण हो गया। यहां कंक्रीट नाला बना लेकिन चौड़ाई कम हो गई। कुछ जगहों पर अभी भी पुराने नाले से ही पानी की निकासी हो पाती है। नई बसावट होने के बाद तो काफी संख्या में नई नालियां बनी हैं जिन्हें मुख्य नाले से जोड़ने का प्रयास किया गया है। कई नालियां पूरी तरह जाम हैं। कहीं निर्माण सामग्री भर दी गई है तो कहीं क्षतिग्रस्त हालत में है। -------------------------------------------------------------------------------------------- नाला में कचरा डाल देने से परेशानी -------------------------------------------------------------------------------------------- नाला की सफाई होने के बावजूद जल जमाव की समस्या कायम रह रही है। वर्तमान में नगर परिषद के द्वारा इसकी सफाई जोर-शोर से कराई जा रही है। सड़क किनारे नाला के बगल में फैले कचरे को नाला में डाले जाने के अलावा होटल संचालकों और दुकानदारों के द्वारा कचरे को नाला में डालने से समस्या बढ़ जाती है। कई जगहों पर पशुपालक गोबर को नाला में बहा रहे हैं। इसके कारण जल प्रवाह प्रभावित होता है और जलजमाव होता है।
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