धर्मगुरुओं की मदद से अररिया जिला होगा बाल विवाह मुक्त
ंफारबिसगंज, एक संवाददाता। अब धर्मगुरूओं की मदद से अररिया जिला को बाल विवाह मुक्त

ंफारबिसगंज, एक संवाददाता। अब धर्मगुरूओं की मदद से अररिया जिला को बाल विवाह मुक्त किया जाएगा। जागरण कल्याण भारती के अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए धर्मगुरुओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया पर जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होगा। संगठन ने अक्षय तृतीया और शादी-ब्याह के मौसम को देखते हुए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया है। कहा कि कोई भी बाल विवाह पंडित, मौलवी या पादरी जैसे पुरोहित के बिना संभव नहीं है। इसलिए उन्हें अभियान से जोड़ा गया है। जिसके सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। जिले के मंदिरों और मस्जिदों के बाहर बोर्ड लगाए गए हैं, जिन पर लिखा है कि यहां बाल विवाह की अनुमति नहीं है। कहा कि जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन (जेआरसी) 2030 तक देश से बाल विवाह समाप्त करने के लक्ष्य के साथ काम कर रहा है। जेआरसी देश के 416 जिलों में 250 से ज्यादा नागरिक संगठनों के नेटवर्क के साथ काम कर रहा है। अब तक 2 लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए गए हैं। लोगों को यह जानकारी नहीं है कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत यह दंडनीय अपराध है। धर्मगुरुओं के सहयोग से हम जल्द ही बाल विवाह मुक्त अररिया का लक्ष्य हासिल कर लेंगे। इस मौके पर बचपन बचाओ आंदोलन के नई दिल्ली के जिला समन्वयक यशवंत कुमार ओझा, जागरण कल्याण भारती के जिला समन्वयक दीपक पासवान, कॉम्यूनिटी सोशल वर्कर अंकुश यादव, अजय यादव और सोनू कुमार आदि मौजूद थे।
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